Monday 11 February 2019

नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी......

नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी अब एकरे ले चलही निस्तारी
आरुग-आरुग अन-धन पाबो बिन रसायन मिलही तरकारी
अपने गरुवा-कोठा ले अपनेच घुरुवा म बनही जैविक खातू
बिदेसी दवा के बीमारी ले बांचबो महकही जिनगी के फुलवारी
-सुशील भोले
मो. 9826992811

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