मयारु माटी mayaru mati
Wednesday, 26 June 2013
तइहा के सुरता
छत्तीसगढ़ी भाषा के सुप्रसिद्ध लोक कवि बद्री विशाल परमानंद से मिलने के लिए सन् 1989 में रायगढ़ से रायपुर आये डॉ. बलदेव साव, रामलाल निषादराज एवं खगेश्वर यादव के साथ सुशील वर्मा भोले।
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