मयारु माटी mayaru mati
Saturday, 14 February 2015
मया के मरम....
मया मरम अउ मिठ बोली जस देबे तस पाबे
जेन पिरित के संगी होही तेला तब पोगराबे
कतकों होवय कंचन काया या दौलत के ढेरी
फेर म एकर पर जाबे त जीवन भर पछताबे
*सुशील भोले*
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