मयारु माटी mayaru mati
Saturday, 11 April 2015
घर-अंगना म खेलत बेटी....
छुन-छुन पैरी कान सुनाथे मन ल गजब सुहाथे
घर-अंगना म खेलत बेटी अंतस ल जुड़वाथे
कहां जाबे तैं देवता-धामी कोन मंदिर के दरसन
घर म जेकर बेटी हावय उहें सरी तीरथ जनाथे
* सुशील भोले *
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