मयारु माटी mayaru mati
Monday, 8 June 2015
सब वोकरे संतान ये संगी..
सोन-पांखी के फांफा-मिरगा या बिखहर हो जीव
सबके भीतर बन के रहिथे एकेच आत्मा-शिव
तब कइसे कोनो छोटे-बड़े या ऊंँचहा या नीच
सब वोकरे संतान ये संगी जतका जीव-सजीव
सुशील भोले
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment