Thursday, 25 July 2013

एक प्रश्न....

   एक राष्ट्र, एक भाषा और एक धर्म की बात करने वाले... एक जाति, एक वर्ण और एक विश्व की बात क्यों नहीं करते..?
   आप क्या कहते हैं...?

2 comments:

  1. एकरूप न हो जाए, विविधता बनी रहे.

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  2. यदि विविधता में ही अच्छाई है, तो यह नियम भाषा, संस्कृति और धर्म पर भी लागू होना चाहिए......

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