राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार के साहित्य अकादमी द्वारा अहमदाबाद के कवि दादूराम हवेली में आयोजित छत्तीसगढी एवं गुजराती साहित्य गोष्ठी में भाषाई संगम का मनोहारी दृश्य दिखा। गुजराती साहित्यिक बिरादरी की गरिमामयी उपस्थिति में छत्तीसगढी साहित्यकारों ने अपनी मातृभाषा का अनोखा रंग जमाया।
8 अक्टूबर 2017 की शाम 5 बजे से आयोजित कार्यक्रम के उदघाटन अवसर पर भाषाविद डाॅ केशरी लाल वर्मा ने जहां छत्तीसगढी भाषा एवं संस्कृति के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराया वहीं कथाकार डाॅ परदेशी राम वर्मा एवं रामनाथ साहू ने अपनी कहानियों के माध्यम से छत्तीसगढी लेखन को अभिव्यक्ति दी। दूसरे सत्र में मधुर गीतकार जोड़ी मीर अली मीर एवं सुशील भोले ने गुजरात की धरती पर अपने मधुर कंठ का जलवा बिखेरा।
8 अक्टूबर 2017 की शाम 5 बजे से आयोजित कार्यक्रम के उदघाटन अवसर पर भाषाविद डाॅ केशरी लाल वर्मा ने जहां छत्तीसगढी भाषा एवं संस्कृति के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराया वहीं कथाकार डाॅ परदेशी राम वर्मा एवं रामनाथ साहू ने अपनी कहानियों के माध्यम से छत्तीसगढी लेखन को अभिव्यक्ति दी। दूसरे सत्र में मधुर गीतकार जोड़ी मीर अली मीर एवं सुशील भोले ने गुजरात की धरती पर अपने मधुर कंठ का जलवा बिखेरा।
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