प्रेरक कारज//
शिक्षा संग सेवा के अलख जगावत सीमा वर्मा
बिना कोनो समिति या संस्था संग जुड़े बिना या संस्था बनाए के उदिम ले बांचे बिना घलो कइसे जनसेवा के कारज करे जा सकथे, एकर एक अच्छा अउ ठउका उदाहरण हे सीमा वर्मा.
बिलासपुर शहर के कौशलेन्द्र राव काॅलेज म एलएलबी अंतिम बछर के पढ़ई करत सीमा ल अपन संग पढ़ई करत दिव्यांग नोनी सुनीता यादव ल देख के वोकर खातिर इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाईकिल के विचार आइस.
बात दिसंबर 2015 के आय तब तक सुनीता यादव हाथ ले चलइया ट्राईसाईकिल म लट्टे-पट्टे काॅलेज आ पावत रिहिसे. वोकर ए दशा ल देख के सीमा के मन म वोला इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाईकिल देवाए के भाव जागिस. अइसने किसम वो ह पाछू पांच बछर म 13 हजार ले जादा पढ़इया लइका मन ल कापी-किताब देवा डारे हे. अभी 12 वीं तक के 34 पढ़इया लइका मन के पूरा पढ़ई के खरचा उठवत हे, संगे-संग 50 अउ लइका मनला बिना पाइसा लिए शिक्षा के अंजोर म संघारत हे.
एक भेंट म सीमा बताइस के दिसंबर 2015 म अपन संग पढ़त दिव्यांग नोनी सुनीता यादव ल इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाईकिल देवाय के जब मन म भाव जागिस, त काॅलेज के प्रिंसिपल जगा ए बात ल रखिस. प्रिंसिपल वोला हफ्ता भर बाद आए बर कहिस. तब सीमा गुनिस के बाजार म घलो पूछ लिए जाए के ट्राईसाईकिल कतका म मिल जाथे, तेमा काॅलेज के अउ सब पढ़इया संगी मन संग चंदा बटोर के सुनीता बर ट्राईसाईकिल लिए जा सकय.
सीमा अपन काॅलेज ले निकल के ट्राईसाईकिल के जानबा करे खातिर निकलिस. शहर के साइकिल दुकान मन म गेइस त बताइन, के मेडिकल काम्प्लेक्स म मिलही. उहाँ ले वोला जानकारी मिलिस के 35 हजार रु. म मिलथे, फेर एकर पहिली आर्डर दे बर लागथे. दिल्ली के आवत ले छ: महीना असन लाग जाथे.
उहाँ ले निकल के सीमा एक साइकिल पंचर बनइया के दुकान गेइस, त वोकर ले जानकारी मिलिस के सरकार ह तो अइसन किसम के लोगन ल नि:शुल्क देथे. एकर खातिर जिला पुनर्वास केन्द्र जाना चाही उहाँ कुछ जरूरी कागजात जमा करे बर लागथे, फेर ए प्रक्रिया म 6 महीना या साल भर तो लागिच जाही.
फेर सीमा चाहत रिहिसे, के ए कारज जतका जल्दी हो जावय वतके बने हे. त फेर वो पंचर बनाने वाले ह जिला के कलेक्टर या कमिश्नर संग भेंट करे के सुझाव दिस अउ इहू बताइस, के कमिश्नर साहब गजब कोंवर दिल अउ भावना वाला मनखे आयं, वो मन तुंहला झट मदद कर देहीं. तब सीमा कमिश्नर कार्यालय पहुंचिस अउ उहाँ के संबंधित अधिकारी मनला सुनीता के संबंध म पूरा जानकारी दिस. तब उहाँ आवश्यक कागजात जमा करे बर कहे गिस. अइसे किसम तब के कमिश्नर सोनमणि बोरा के हाथ ले सुनीता यादव ल इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसाईकिल मिल पाइस.
सीमा बताइस, के ए पूरा घटनाक्रम म वोहा तीन बात सीखिस- पहला, कहूँ वो ह घरेच म बइठे रहितिस त वोकर सहेली ल ट्राईसाईकिल नइ मिल पातिस. दूसरा, कहूँ पंचर बनइया ह वोला नइ बतातिस त वोला सरकार के अइसन योजना के जानकारी नइ मिलतिस, जेमा दिव्यांगजन खातिर अइसन योजना चलथे. तीसरा अउ खास बात, सरकार के कतकों जनकल्याणकारी योजना हे, जेकर हमला जानकारीच नइ राहय. अइसन जानकारी आम लोगन तक पहुंचना चाही, जेकर बर हर जागरूक मनखे ल अपन तीर-तखार के जरूरी मनखे ल वोकर बारे म बताए जाना चाही.
पढ़इया लइका मनला कापी-किताब देवाय के बारे म सीमा बताइस- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के स्थापना खातिर एक-एक पइसा सकेल के वोला बनाए गे रिहिसे. मोला जब एकर जानकारी मिलिस, तब महूं 10 अगस्त 2016 ले एक रुपया अभियान चालू करेंव, जेकर चलत आज 13 ले जादा पढ़इया लइका मनला उंकर पढ़ई-लिखई के जरूरी जिनिस देवा पाएन. सीमा बताइस, अभी तक वो ह करीब 2 लाख 34 हजार रु. सकेल डारे हे, जेकर ले लइका मन के फीस भरथे. हमर ए अभियान ले प्रभावित होके कतकों अधिकारी अउ लोगन लइका मन ल गोद लेके उंकर शिक्षा के जम्मो व्यवस्था ल करथें.
एकर संगे-संग लइका मनला अउ कतकों किसम के उपयोगी अउ कानूनी जानकारी देवत रहिथें. उन बताइन- अभी विश्वव्यापी महामारी कोरोना के सेती जेन लाॅकडाउन चलत रिहिसे, तेकर सेती स्कूल- काॅलेज बंद होगे रिहिन हें. अइसन बेरा म घलो हमन लइका मनला योग क्लास, वार्षिक समारोह के तर्ज म डांस प्रतियोगिता, ड्राइंग प्रतियोगिता के संगे-संग अउ कतकों गतिविधि म संलग्न राखन.
ए सब गतिविधि मन के चलत सीमा वर्मा ल चारों मुड़ा ले लोगन के दुलार अउ सराहना के संगे-संग कतकों किसम के राष्ट्रीय अउ प्रादेशिक पुरस्कार मिलत रहिथे. शुभकामना हे, उंकर ए मुहिम आगू बढ़ते राहय. लोगन उंकर ले प्रेरणा लेके अपन अपन क्षेत्र म जरूरी लोगन मन के सेवा, सहयोग अउ मार्गदर्शन करत राहंय.
-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो/व्ह. 9826992811
Saturday, 30 October 2021
शिक्षा संग सेवा के अलख .. सीमा वर्मा
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