Thursday, 14 November 2024

कविता.. विकास होगे..!

विकास होगे..! 
निच्चट कोलकी म हे
मोर कुँदरा ह. 
ए मुड़ा 
न कार आ सकय
न फटफटी
एकरे सेती
कार म रेंगइया
अउ फटफटी म बुलइया
न तो सरकार
एती आवय
न उँकर कोनो डारा-शाखा.
तभे तो
हमर कोलकी
आज ले अद्दर परे हे.
फेर लोगन बताथें-
सरकार के रिकॉर्ड म
हमर कोलकी ह
पक्का चमचमावत
सिरमिट के
गली म 
लहुट गे हे.
कोनो कोनो बताथें-
बिजली के
डेड़हत्था सादा पोंगरी
घलो ओरमे हे, 
फेर रतिहा 
कभू कुछू जिनिस 
बिसर जाथे त
देशी मंद के बोतल ल
कुलुप के बनाए 
चिमनी के अँजोर म
टमड़ के 
वोला उचा लेथन
आजो ले.
-सुशील भोले