सन्नाटा पसरा है क्यों, फिर से मेरे गांव में
कोई आतंकी घुसा है, क्या अमराई छांव में...
सरहद पर शैतान खड़ा है, बना हुआ पड़ोसी
देश के कई गद्दारों की वह करता है ताजपोशी
वे ही छद्मवेशी, रक्त बहाते हैं इस ठांव में... कोई आतंकी...
कई रूपों में विचर रहे हैं देखो रक्त-पिपासु
कहींंं नक्सली अलगाववादी रुला रहे हैं आंसू
बिछे हैं धर्म-भेदों के कांटे, चुभ रहे हैं पांव में... कोई आतंकी...
कहीं गरीबी-अशिक्षा को, बनाते हैं हथियार
राजनीति की कई धाराओं के वे ही खेवनहार
सत्य कहीं फिर छुप जाता है झूठ के कांव-कांव में..कोई आतंकी...
सुशील भोले
म.नं. 54-191, डॉ. बघेल गली,
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 080853-05931, 098269-92811
ईमेल - sushilbhole2@gmail.com
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