मयारु माटी mayaru mati
Tuesday, 7 April 2015
नंगत झड़क ले बासी....
दिन आगे हे गरमी के नंगत झड़क ले बासी
दही-मही के बोरे होवय चाहे होवय तियासी
तन तो जुड़ लागबे करही मन घलो रही टन्नक
काम-बुता म चेत रही नइ लागय कभू उदासी
*
सुशील भोले
*
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment