पांव छोलागे रद्दा रेंगत फेर डेहरी के छांव नहीं
बसगे सरी दुनिया कहिथें फेर हमर गांव नहीं
पुरवइया तो आथे-जाथे फेर वोकरो आस नहीं
बिच्छल हे माया-ठगनी इंकर तो बिसवास नहीं
बस पिरोहिल के डेरा म एको जगा मिल जातीस
तब मुक्ति के कोरा म जीव हमरो खिल जातीस
सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 98269-92811
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