ज्ञानी व्यक्ति कथावाचक अथवा प्रवचनकार का जीवन नहीं जीता। वह तो समाज को झंझावातों से निकालने के लिए एक नये मार्ग का सृजन करता है। एक नई क्रांति को जन्म देता है। * सुशील भोले *
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