मोला मिलिस भोले जी के 'सुरता के संसार'
छत्तीसगढ़ अउ छत्तीसगढ़ी अस्मिता बर अपन जीवन खपइया मन के जब भी बात होही तब जेन मन के नांव आगू डांड़ म लिखाही ओमा एक नांव होही सुशील भोले। सुशील भोले छत्तीसगढ़ के अइसे व्यक्तित्व हरँय जेखर नांव संग कवि, लेखक, पत्रकार, संपादक, संस्कृतिकर्मी, आध्यायत्ममार्गी के संगेसंग अउ कतको विशेषण जुड़े हें, जेला हम बहुमुखी प्रतिभा के धनी कहिथन। ऊँखर हाल म एक संस्मरण के संग्रह प्रकाशित होय हे। जेखन नांव हे 'सुरता के संसार'।
जब सोशल मीडिया के माध्यम ले मोला जानकारी मिलिस के भोले जी के नवा संग्रह प्रकाशित होय हे तो मोर अचरज के ठिकाना नइ रिहिस। काबर के भोले जी कई साल ले बीमारी के चलते बिस्तर म बँधा गे हवँय। बिगन सहारा के कहूँ आ-जा नइ सकँय। अइसन हालत म पुस्तक छपवा लेना कोनो हँसी-खेल नोहय। भोले जी ल ए उदीम बर जतका बधाई दे जाही कम होही।
ये पुस्तक म उन छत्तीसगढ़ के कई महान विभूति मन के संस्मरण मन ल संजोय हवँय जेमा कतको झन आजो मौजूद हवँय अउ कतको झन सरगवासी हो गे हवँय। डॉ. नरेंद्र देव वर्मा, स्वामी आत्मानंद, काव्योपाध्याय हीरालाल, कोदूराम वर्मा, नारायण प्रसाद वर्मा, टिकेन्द्रनाथ टिकरिहा, दाऊ कल्याण सिंह, खूबचंद बघेल जइसे विभूति मन आज हमर बीच म नइ हें। जेखर बारे म जानना हे तौ ए किताब ल पढ़े जाना चाही। ए किताब म लेखक के अपन जिनगी के कतको सुरता ल घलो संजोय गे हे। जेला पढ़े ले इही संदेश मिलथे के जीवन संघर्ष के ही दूसर नाँव हरे अउ सोन ह तपे के बाद ही खरा कहाथे।
मैं भोले जी ल ए उपलब्धि बर अपन सक भर शुभकामना अउ बधाई देवत हँव। उन अपन सक्रियता ल बनाय रखँय अउ नवा पीढ़ी ल संदेश देवत राहँय के जिहाँ चाह हे उहाँ राह के कमी नइ होवय।
उनला अउ ऊँखर सक्रियता ल जोहार!🙏
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