सोशलमीडिया म कॉलम लेखन के प्रयास//
** कोंदा-भैरा के गोठ **
वइसे तो मैं रायपुर ले निकलइया दैनिक अखबार नव भास्कर, तरुण छत्तीसगढ़, अमृत संदेश मन म साप्ताहिक स्तंभ या कॉलम गजब लिखत रेहे हौं. साप्ताहिक छत्तीसगढ़ी सेवक, इतवारी अखबार अउ मासिक 'मयारु माटी' म घलो थोर-बहुत लिखे के उदिम होय रिहिसे, फेर सोशलमीडिया म रोज के लिखना ह नवा अनुभव अउ प्रयोग आय.
वइसे दैनिक 'राष्ट्रीय हिन्दी मेल' म कुछ दिन तक 'तुतारी' शीर्षक ले रोज लिखे के उदिम घलो करत रेहेंव, जेन वो अखबार के पहला पृष्ठ म पहला कालम के सबले नीचे के भाग म छपय. फेर वो लिखई म अखबार के संपादक अउ मालिक के राजनीतिक विचारधारा अउ संबंध के सुरता घलो राखे बर लागय, तेकर सेती मन के बात लिखना ह मुश्किल कस जनावय. एकरे सेती तीन-चार महीना के पाछू लिखना बंद कर दिए रेहेंव.
जबकि सोशलमीडिया ह तो 'अपन हाथ जगन्नाथ' बरोबर हे. जस मन म विचार आवय, लिख लौ, फेर एहू मा मोर संग हर वर्ग के लोगन जुड़े हें. राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, व्यवसायी, गृहस्थ, छात्र आदि सबो किसम के लोगन.
वइसे तो मैं सोशलमीडिया म रोज के चार डांड़ के एक नान्हे कविता संग संदर्भित फोटो पोस्ट करे के उदिम घलो करत रेहेंव, जेला लोगन गजब सॅंहरावत रिहिन हें, फेर एकर मन के विषय कोनो परब, तिहार या विषय विशेष ही राहत रिहिसे. कतकों अइसन विषय अउ घटना हे, जे मन एमा संघर नइ पावत रिहिसे.
एक दिन अखबार म पढ़े बर मिलिस, के हमर इहाँ के एक प्रतिष्ठित राजनीतिक मनखे ह दूसर राज्य म जाके उहाँ के महतारी भाखा के मान बढ़ावत हे. मोला सुरता हे, ए उही मनखे आय, जेकर जगा हमन हमर महतारी भाखा ल आठवीं अनुसूची म शामिल करे खातिर संसद म बात रखे खातिर वोकर जगा गोहराए रेहेंन, तब वो ह हमन ल लंदर-फंदर जवाब दे के टरका दिए रिहिसे. तब हमन वो बखत वोकर ए व्यवहार के निंदा करत रायपुर के अखबार मन म नंगत के समाचार छपवाए रेहेन. आज जब अखबार म वोकर दूसर राज्य के महतारी भाखा खातिर उमड़त मया ल देख के मोला थोक गुस्सा असन लागिस. गुनेंव- अइसन राजनीतिक दुमुंहा मन बर कुछू सोंटा वाले गोठ घलो होना चाही. तब मन म विचार आइस, के सोशलमीडिया म एकाद कुछ शब्द म अपन बात कहे वाले गोठ लिखना चाही.
गूगल महराज के कृपा ले एक ठन कार्टून मिलिस, जेमा अइसे-तइसे कर के लिखेंव -'कोंदा-भैरा के गोठ' अउ वोमा अपन मन म उठत बात ल लिख के सोशलमीडिया के जम्मो प्लेटफार्म म ढील दिएंव.
संयोग ले वो दिन (26 फरवरी 2023) छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के वार्षिक जलसा रायपुर के दूधाधारी संत्सग भवन म होवत रिहिसे. चारों मुड़ा के छत्तीसगढ़ी प्रेमी मन जुरियाए रिहिन हें. मोर वो पोस्ट के गजब तारीफ करीन अउ ए उदिम ल लगातार लिखे के बात कहीन. कतकों झन फोन अउ मैसेज घलो करीन. आज ए उदिम ल एक महीना पूरगे. चारों मुड़ा ले लोगन के सुग्घर-सुग्घर प्रतिक्रिया आवत हे, तेकर सेती जनावत हे, के ए ह अभी अउ लिखाही. फेर के दिन लिखाही तेकर भरोसा नइए. काबर ते सोशलमीडिया के प्लेटफार्म म विविध आचार-विचार के लोगन जुड़े हें, सबो के मन के अनुरूप विषय खोजई अउ एकरो ले जादा कमती ले कमती शब्द म अपन बात रखना थोरिक मुश्किल जनाथे. काबर ते लोगन ए प्लेटफार्म म लंबा-चौड़ा पोस्ट ल पढ़े बर ढेरियाथें.
-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो/व्हा. 9826992811
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