छत्तीसगढ़ी भाखा के जबर खासियत//
शब्द ल एक बार उचारे म आने अरथ अउ दू पइत संघरा उचारे म उहिच शब्द के आनेच अरथ...
हमर महतारी भाखा छत्तीसगढ़ी के ए जबर खासियत आय, के एमा कुछ अइसनो शब्द हे, जेला एक पइत उचारे म वोकर अरथ आने जनाथे, त उचिह शब्द ल सरलग दू पइत उचारे म वोकर अरथ बदल जाथे. आवौ देखथन अइसने एकाद शब्द मनला-
हमर इहाँ एक शब्द हे- गाड़ा. गाड़ा ल सबो जानथें, एकर छोटे रूप ल गाड़ी कहिथन, जे बइला फांद के कहूँ आए-जाए या कुछ समान डोहारे के काम आथे. हमन लइका राहन त भॅंइसा गाड़ा अउ बइला गाड़ी दूनों च म बरात जावन. कभू-कभू धान लुवई के सीजन म सीला बीने बर घलो वो खार म जवइया गाड़ा या गाड़ी म बइठ के चल देवत राहन.
गाड़ा शब्द के दूसर अरथ इहाँ धान नापे के एक इकाई के रूप म घलो होथे. सियान मन धान मिंजाई के सीजन म पूछ परथें- ए बछर तुंहर घर के गाड़ा धान लुएव गा?. ए जगा इही गाड़ा शब्द ह कतका बोरा या कतका क्विंटल धान होइस एकर रूप म बउरे जावत हे. तब इहाँ नापे खातिर बड़े काठा अउ छोटे काठा के उपयोग करे जावय. बड़े काठा म लगभग तीन तीन किलो असन धान आवय त छोटे काठा म दू किलो के पुरती. इही काठा ल जब बीस बार नापे जावय, त वो एक खॉंड़ी कहावय अउ फेर बीस खॉंड़ी हो जावय त वोला एक गाड़ा कहे जावय.
अब देखौ इही गाड़ा शब्द के दू पइत संघरा उचरई ल. गाड़ा-गाड़ा बधाई कहे म एकर अरथ ह एकदम बदल जाथे. अब एकर अरथ ह सैकड़ों अउ हजारों गुना बधाई देवई हो जाथे. अनंत अउ अनगिनत बधाई देना हो जाथे.
ठउका अइसने एक अउ शब्द देखन- झारा. झारा शब्द ल सुनते मन म बरा-सोंहारी बनाए के बेरा तेलहा कराही ले चुरे-पके बरा-सोंहारी ल निकाले के काम आने वाला एक औजार के सुरता आ जथे.
अब इहीच झारा शब्द ल दू पइत संघरा कर के देखन, त ए ह रांधे-चुरोए के अपन औजार वाले रूप ल छोड़ के जेवन-पानी खातिर नेवता देवइया शब्द बन जाथे- आज फलाना मंडल घर कुल देवता पूजा के नेवता हे गा, तुमन ल उॅंहचे जेवन खातिर झारा-झारा नेवता हे. अब ए नेवता खातिर इही झारा शब्द ह दू पइत संघरा उचारे म जम्मो परिवार ल संघरा नेवता देवइया शब्द बनगे हे.
ए आय हमर छत्तीसगढ़ी भाखा के महानता अउ मौलिकता. जय हो छत्तीसगढ़.. जय हो छत्तीसगढ़ी.
-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो/व्हा. 9826992811
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