हमर रायपुर के महादेव घाट
छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर के गोठ निकलते च महादेव घाट अउ हटकेश्वरनाथ महादेव मंदिर के सुरता अपनेच अपन आ जाथे. आज तो महादेव घाट ह रायपुर शहर म जुड़े अस जनाथे. इहाँ-उहां ले एको ठउर अइसे नइ जनावय के कोनो मेर थोर-बहुत जगा के आड़ होही. फेर जब हमन लइका राहन त कभू छुट्टी के दिन संगी-संगी मिल के हटकेश्वरनाथ जी के दरस करे बर महादेव घाट जावन त देखन वो बखत रायपुर के लाखेनगर चौक ले महादेव घाट ह हरहिंछा दिख जावत रिहिसे.
वो बखत रायपुर शहर के आखिर म बसे लाखेनगर चौक ले महादेव घाट तक हरियर-हरियर खेत-खार ही राहय, एकरे सेती हटकेश्वरनाथ मंदिर ह धरम के ध्वजा लहरावत जगजग ले लाखेनगर चौक ले ही दिख जावत रिहिसे.
तब हमन ल हटकेश्वरनाथ महादेव घाट ह रायपुर शहर ले कोस भर रेंगे असन जनावय. रेंगत-रेंगत कभू लथरे असन घलो हो जावत राहन. फेर लइकई उमंग अउ हटकेश्वरनाथ जी के दरस के उछाह म रेंगतेच चले जावन.
खारुन नदिया के खंड़ म बिराजे महादेव घाट के संबंध म सियान मन कई ठिन कहानी बतावंय. उन बतावंय के महादेव घाट म बने इहाँ के सबले जुन्ना अउ ऐतिहासिक मंदिर हटकेश्वरनाथ जी के संबंध ह त्रेतायुग संग जुड़े हावय. हटकेश्वर महादेव ल नागर ब्राह्मण मन के संरक्षक बताए जावय. हटकेश्वर नाथ मंदिर के गर्भगृह म जेन शिव लिंग बिराजित हें, वोकर सुंदरई देखतेच बनथे. हटकेश्वरनाथ जी के तिरेच म राम जानकी लक्ष्मण अउ बरहादेव के घलो मूर्ति हावय.
आज तो महादेव घाट म बहुते अकन मंदिर-देवाला बन गे हावय. ए मंदिर मन के सेती इहाँ हर बछर कातिक पुन्नी के भरइया मेला ठउर ह अब नान्हे असन सुंदुंर-गुंदुंर होगे हे. हमन लइकई म उहाँ मेला देखे ले जावन त चारों मुड़ा चउंक-चाकर हेल-मेल जगा राहय. लोगन के भीड़ सैमो-सैमो करय.
अइसन मान्यता हे के महादेव घाट के हटकेश्वर नाथ मंदिर के शिव लिंग के स्थापना ह लक्ष्मण जी के हाथ ले होए हे. मान्यता हे के भगवान राम अपन वनवास काल म इहाँ ले नाहके रिहिन हें. उही बेरा हटकेश्वर नाथ जी के शिव लिंग ह लक्ष्मण जी के हाथ ले स्थापित होए रिहिस हे.
आजकाल तो अब महादेव घाट म पिंडदान आदि के पूजा घलो होथे. लोगन जइसे काशी अउ गया जी म जाके विशेष पूजा करवाथें वइसने महादेव घाट म घलो खारुन नदिया के बीच म जाके अपन-अपन पुरखा खातिर विशेष पूजा करवाथें.
छत्तीसगढ़ म विवेकानंद भावधारा के प्रचार करइया स्वामी आत्मानंद जी महाराज के समाधि स्थल घलो हटकेश्वर नाथ मंदिर जाए के रद्दा के एक बाजू म महादेव घाट म बने हावय, जिहां स्वामी आत्मानंद जी के जयंती अउ पुण्यतिथि के बेरा म भजन-कीर्तन के कार्यक्रम होवत रहिथे.
अब तो हटकेश्वर नाथ जी के दर्शन करे बर जवइया दर्शनार्थी मन महादेव घाट म नौका विहार के आनंद घलो लेथें. एकर खातिर इहाँ बढ़िया-बढ़िया डोंगा-डोंगी सजे-धजे अगोरा करत रहिथे. अभी-अभी नवा बने लक्ष्मण झूला ह महादेव घाट के सुघरई म चार चांद लगा दिए हे. लोगन घूमे-बुले बर, हटकेश्वरनाथ जी के दरस करे बर महादेव घाट आथें, त लक्ष्मण झूला के आनंद घलो लेथें.
इतिहासकार मन के कहना हे के कलचुरी राजा मन खारुन नदिया के ए महादेव घाट क्षेत्र म सबले पहिली अपन राजधानी बनाए रिहिन हें. राजा ब्रम्हदेव के सन् 1402 म मिले पखरा लेख ले जानबा होथे, के महादेव घाट के हटकेश्वरनाथ मंदिर ल हाजीराज ह बनवाए रिहिसे. महादेव घाट म वो बखत के बने अउ अबड़ अकन छोटे छोटे मंदिर हे, जे मनला अभी घलो हटकेश्वरनाथ मंदिर के एक बाजू म खारून नदिया के तीरे-तीर देखे जा सकथे.
आज हटकेश्वरनाथ मंदिर ह पूरा छत्तीसगढ़ राज के बड़का तीरथ ठउर के रूप म अपन चिन्हारी बना डारे हावय. वइसे तो हटकेश्वरनाथ मंदिर अउ महादेव घाट म बारों महीना लोगन के अवई-जवई, दरस करई लगेच रहिथे, फेर कातिक महीना के पुन्नी परब म इहाँ जबर मेला भराथे. सावन महीना के सोम्मारी म घलो हटकेश्वरनाथ जी के दरस म लोगन उमड़ परथें. बोलबम के नारा लगावत कांवर धरे कांवरिया मन महादेव म जल चढ़ाए बर जाथें. एकर पहिली इतवार के संझौती बेरा सहस्त्र धारा के स्नान घलो करवाथें.
-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो/व्हा. 9826992811
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