9 दिसंबर : वो ऐतिहासिक बेरा के सुरता...
छत्तीसगढ़ी साहित्य के इतिहास म 9 दिसंबर 1987 के दिन ल सबर दिन सुरता राखे जाही, जे दिन छत्तीसगढ़ी भाखा के ऐतिहासिक मासिक पत्रिका 'मयारु माटी' के विमोचन रायपुर के आजाद चौक तीर तात्यापारा के कुर्मी बोर्डिंग के सभा भवन म जम्मो छत्तीसगढ़ी के मयारुक मन के उपस्थिति म संपन्न होए रिहिसे.
ए विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक मंच 'चंदैनी गोंदा' के सर्जक दाऊ रामचंद्र देशमुख जी रहिन हें. अध्यक्षता दैनिक नवभारत के संपादक कुमार साहू जी करे रिहिन हें. संग म 'सोनहा बिहान' के सर्जक दाऊ महासिंह चंद्राकर जी विशेष अतिथि के रूप म पधारे रिहिन हें. ए बेरा म छत्तीसगढ़ी भाखा साहित्य के जम्मो मयारुक मन उहाँ बनेच जुरियाए रिहिन.
चित्र 1- 'मयारु माटी' के विमोचन के बेरा. डेरी डहर ले- सुशील वर्मा 'भोले', पंचराम सोनी, टिकेन्द्रनाथ टिकरिहा, विमोचन करत दाऊ रामचंद्र देशमुख जी अउ नवभारत के संपादक रहे कुमार साहू जी.
चित्र 2- डेरी डहर ले- कुमार साहू जी के स्वागत होवत, स्वागत करत 'मयारु माटी' के संपादक सुशील वर्मा 'भोले', अउ बीच म कुर्सी म बइठे दिखत हें- सोनहा बिहान के सर्जक दाऊ महासिंह चंद्राकर जी.
चित्र 3- विमोचन के बेरा म उपस्थित छत्तीसगढ़ी के मयारुक मन म. डेरी डहर ले- जागेश्वर प्रसाद जी, डॉ. देवेश दत्त मिश्र जी, डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र जी, डॉ. शालिक राम अग्रवाल 'शलभ' जी, डॉ. व्यास नारायण दुबे जी, जगदीश बन गोस्वामी जी
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