छत्तीसगढ़ी में दिन-रात समय सारिणी...
1:- भिनसरहा/मुंदराहा- लगभग 4 बजे सुबह से 5 बजे तक।
2:-झुलझुलहा- सुबह 5 बजे से लगभग 5:30 बजे तक।
3:- पँगपंगहा- सुबह सूर्योदय की लालिमा तक।
4:- बिहनिया- सूर्योदय
5:- गरुवा ढिलाती- लगभग 7 से 8 बजे तक सुबह।
5:- मंझनिया- दोपहर 12 बजे से लगभग 2 बजे तक।
6:-बेरा ढरकत-2:30 से लगभग 4 बजे तक।
7:- संझा-4 बजे से 5:- 30 लगभग।
8:- बेरा बुड़ती- सूर्यास्त समय ( यही समय लगभग आगी बारने का बेरा कहलाता है। इसे मुंधियार और गोधूलि वेला भी कहते हैं) एकर पाछू के बेरा ल भइंसा अंधियार कहिथें।
9:-बियारी के बेरा- रात में खाने का समय। (बिहनिया के नाश्ता ल बासी होगे गा? मंझनिया के भोजन ल जेवन होगे गा अउ रतिहा के बियारी कर डारेव जी? )
10:- दु पेटिया बियारी- गर्भवती महिलाओं के खाने का समय जो प्रायः जल्दी होता था। घर के सियान के खा लेने के बाद गर्भवती महिलाओं को जल्दी खाने को कहा जाता है। चूंकि गर्भ में एक पपेट बच्चा) और
होता है इसलिए दु पेटिया कहा जाता है।
11:-अधरतिया- रात्रि 12 बजे से आगे।
12:- सुकवा पहाती- भिनसरहा से थोड़ा पहले ( शुक्र तारा इसे हिंदी में भोर का तारा भी कहते हैं। इसके बाद बेरा झुलझुलहा होने लगता है। ।
जोहार छत्तीसगढ़
-सुशील भोले
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