Tuesday, 11 March 2025

कोंदा भैरा के गोठ-31

कोंदा भैरा के गोठ-31
1.
-अपन भाखा खातिर कतका मया अउ निष्ठा होथे तेला देखना हे त महाराष्ट्र म देखे जा सकथे जी भैरा.
   -उहाँ अइसे का होगे जी कोंदा तेमा आने जगा अइसन देखे म नइ आवय?
   -अभी उहाँ के सरकार ह एक आदेश निकाले हे, जेकर मुताबिक अब उहाँ के जम्मो सरकारी दफ्तर मन म मराठी म ही जम्मो कामकाज होही.
   -अच्छा.. अइसे?
   -हव.. अतके च नहीं संगी.. उहाँ के जम्मो कार्यालय मन म लगे कंप्यूटर मन म की पैड अउ प्रिंटर मराठी देवनागरी म टेस्ट लिखना जरूरी होगे हे.. जे मन उहाँ के दफ्तर मन म कुछू काम बुता खातिर जाहीं उहू मन ल जम्मो गोठबात अउ कागजात के लिखा पढ़ी मराठी म ही करे बर लागही.
   -ए तो स्थानीय भाखा मन के बढ़वार खातिर ठउका बुता आय संगी.
   -हव जी.. फेर मैं ए गुनथौं के हमर इहाँ के सत्ताधारी मन के चेत ह महतारी भाखा खातिर कब जागही?

2.
-राजधानी रायपुर के नवा महापौर अउ जम्मो पार्षद मन महाकुंभ म असनाँदे खातिर प्रयागराज गे हवयँ कहिथें जी भैरा.
   -हव जी कोंदा बने सुने हावस..   महाकुंभ म असनाँद के आए के पाछू फेर वोकर मन के शपथग्रहण होही.
   -अच्छा.. अइसे.. फेर मैं ए गुनत रेहेंव संगी- हमर छत्तीसगढ़ के राजिम कुंभ कल्प के राहत ले वो मन ल प्रयागराज काबर जाय बर परगे.. अइसने इहाँ के जम्मो मंत्री अउ विधायक मन घलो गे रिहिन हें.
   -असली कुंभ अउ नकली कुंभ म फरक तो होथे संगी.. भई हमर इहाँ के ह असल म माघी पुन्नी मेला आय अउ प्रयागराज के ह पौराणिक महत्व के असली कुंभ, तभे तो जे मन खुद इहाँ ल कुंभ कुंभ कहिके चिहुर पारत रहिथें तेही च मन दलबल के साथ राजिम म असनाँदे बर नइ गिन.
   -हव जी तभे तो ए बछर राजिम के मेला ठउर ह हेल्ला हेल्ला दिखथे.. आने बछर बरोबर बने चिरो-बोरो करत नइ जनावत हे.

3.
-महतारी मन के जतका गुन-जस गा सब कमती च हे जी भैरा.
   -ए बात तो ठउका कहे जी कोंदा, तभे तो उनला हमर साक्षात देवी-देवता कहे जाथे.
   -सिरतोन आय संगी.. अइसने महतारी के देवी कस रूप के आरो करावत अभी दिल्ली रेलवे स्टेशन म ड्यूटी बजालत महिला पुलिस वाली के विडीयो ह गजब वायरल होवत हे, जेमा वो ह अपन नान्हे लइका ल बेल्ट म फँसा के अपन छाती म ओरमाए हे अउ एक हाथ म पुलिसिया लाठी धरे मुँह ले सुसरी बजावत भीड़ ल सावचेत करत हे.
   -हव जी संगी.. वोकर विडीयो ल महूँ देखे हौं.. वो ह महतारी अउ पुलिस के ड्यूटी ल सँघरा करत हे.
   -हाँ अइसन कतकों जगा देखे बर मिल जाथे.. कतकों रेजा के बुता करइया मन अपन लइका ल पीठ म ओरमाए मुड़ म ईंटा-पखरा डोहारत रहिथे.. मोला वो पइत के जबर सुरता हे संगी.. जब बस्तर के जंगल म नक्सली मन संग हिमानी मानवरे नॉव के महिला पुलिस ह अपन नान्हे लइका ल धरे मुबाकला करत रिहिसे.
   -अइसन महतारी मन ले गरब हे संगी.. जोहार हे उनला.

4.
-महाशिवरात्रि के लकठाते भाँग के माँग बाढ़गे हे काहत हें जी भैरा.
   -भोलेनाथ के भक्त मन भोग-परसाद चढ़ाए बर अगुवा के बिसा के रख लेथें न जी कोंदा.
   -हव जी.. रायपुर म ए बछर हरियर भाँग ल तीन हजार रुपिया किलो त वोकर पावडर ल चार हजार किलो बेचावत हे बताथें.. वइसे तैं ह बिसाथस नहीं जी?
   -हव भगवान म चढ़ाए खातिर तो बिसाथौं.
   -भइगे भगवान म चढ़ाए खातिर ते खुदो के चढ़ाए बर?
   -अरे नहीं संगी.. हमन अइसन नइ करन.
   -कतकों लोगन तो भगवान म चढ़ाथन त हमूँ म चढ़ा लेथन कहिथें.
   -ए ह सही नोहय संगी.. भगवान ल चढ़ाए के मतलब होथे- गाँजा भाँग जइसन जम्मो किसम के नशा के जिनिस मनला   उनला अर्पित कर के खुद वोकर ले मुक्त रहना होथे.
   -फेर कतकों लोगन तो भगवान ह पीथे तेकर सेती हमू मन पीथन कहिथें.
   -उँकर सोच अउ समझ दूनों गलत हे.. भगवान ह तो समुद्र मंथन ले निखले जहर ल घलो पीए रिहिसे, त वोकर नकल करत हन कहइया मन जहर काबर नइ पीययँ?

5.-मोला एक चीज ह भारी अचरज बानी के लागथे जी भैरा.
   -का जिनिस ह जी कोंदा..?
   -मैं जेन कोनो ल वोट देथौं ना.. वो बुजा मन हारिच जाथें का पाय के ते..!
   -सिरतोन काहत हस जी संगी..?
   -ले.. त तोर जगा बेलबेली करिहौं गा.. एदे अभी के पंचइती चुनाव म घलो मैं जे-जे मन ल वोट देंव सब ढलंग गिन.. वोकर पहिली विधानसभा अउ लोकसभा म घलो जेन-जेन छापा के गुदाम ल मसके रेहेंव.. सबोच बैरी मन पटिया गिन.
   -वाह भई बड़ा ताज्जुब गढ़न के जनाथे तोर पसंद के मनखे ल वोट देवई ह.. तैं ह पार्टी के आधार म वोट नइ देवस का?
   -मैं तो कभू च पार्टी उर्टी के झमेला म नइ परेंव..जेन कोनो मनखे ह बने सादा-सरबदा कस जनाथे, तेकरे छापा के गुदाम ल टमड़ परथौं गा.
   -अब सादा-सरबदा के बेरा पहागे जी संगी.. अब तो साम-दाम अउ पार्टीबंदी वाले मन के बेरा आए हे, जे मन ए रंग म रंग के चुनावी मैदान म आथें, तेही च मन चुनावी बैतरनी ल नहाक पाथें.

6.

-बेरा-बेरा म दक्षिण भारत म हिंदी भाखा के विरोध के सुर उठत देखे म आवत रहिथे जी भैरा.
   -हव जी कोंदा.. अभी फेर अइसने होवत हे.
   -तोला का लागथे  छत्तीसगढ़ म घलो इहाँ के महतारी भाखा छत्तीसगढ़ी ल शासन-प्रशासन अउ शिक्षा के माध्यम बनाए खातिर हिंदी के विरोध करे जाना चाही?
   -पहिली बात तो ए हे संगी.. मैं ए देश के कोनो भी भाखा या संस्कृति के विरोध नइ करवँ..  हाँ हम इहाँ छत्तीसगढ़ी भाखा अउ संस्कृति के बात करथन त एला इहाँ के स्वतंत्र चिन्हारी खातिर करथन.. जइसे भारत भूमि म रहि के घलो एक अलग राज्य के रूप म छत्तीसगढ़ के अपन स्वतंत्र चिन्हारी हावय वइसने.. हमन जब छत्तीसगढ़ राज्य आन्दोलन म सँघरे रेहेन तभो कतकों लोगन हमन ल भरमाए अउ भटकाए के उदिम रचयँ.. उन काहयँ- तुमन अलग छत्तीसगढ़ राष्ट्र के माँग करथौ का..? त हमन काहन- नहीं संगी हम अलग देश के नहीं, भलुक अलग प्रदेश के माँग करथन भारतीय संविधान के अंतर्गत, ठउका अइसनेच इहाँ के भाखा संस्कृति के अलग चिन्हारी चाहथन, त उहू ल भारतीय संविधान के अंतर्गत ही.

7.
-कैलाश पर्वत म आज घलो भगवान भोलेनाथ अउ देवी पार्वती के बसेरा हे कहिथें जी भैरा.
   -हव जी कोंदा अइसने गढ़न तो महूँ सुने हौं तभे तो एमा चढ़े खातिर रोक लगा दिए गे हवय काबर ते एला पवित्र ठउर माने जाथे.. वइसे घलो आज तक वोमा कोनोच मनखे नइ चढ़ पाए हें कहिथें.
   -अच्छा..?
   -हव जी.. जबकि कैलाश ह एवरेस्ट ले दू हजार मीटर छोटे हे.. बताथें बछर 2001 म एक पर्वतारोही दल ह चघे के उदिम करे रिहिसे, फेर चढ़ाई पूरे करे बिन लहुट आए रिहिसे.
   -कतकों लोगन बताथें के कैलाश पर्वत ह रेडियोएक्टिव क्षेत्र आय कहिके?
   -हव भई अगसने तो महूँ सुने हौं.. बताथें के वोमा चढ़े के उदिम करइया मन दिशा भ्रम के स्थिति म पर जाथें उन समझे नइ पावयँ के कोन मुड़ा जाना हे अउ कोन मुड़ा नहीं? एक पइत एक पर्वतारोही वोमा चढ़े के उदिम करत रिहिसे त वोकर देंह के चूंदी, नख अउ रूआँ मन उत्ताधुर्रा बाढ़े लागिन तहाँ ले उहू ह डर के मारे उतरगे.
   - माने कुल मिला के आज तक कैलाश पर्वत ह रहस्यमय जगा बने हुए हे कहि दे.

8.
-हमर गाँव के जकला ह आजकाल धरम-संस्कृति के बड़का जानकार लहुट गे हे जी भैरा.
   -कोन जकला ल कहिथस जी कोंदा?
   -अरे .. उही का चँदोर-फँदोर कहिथे तेने ह जी.. काली महाशिवरात्रि परब के बेरा म वो काहत रिहिसे- 'शिव सम्प्रदाय के महापर्व आय महाशिवरात्रि ह'.
   -अच्छा..!
   -हव.. त एक बड़का साहित्यकार ह वोकर जगा पूछिस के हमन कोन आन? शैव ते वैष्णव? त वो कहिस दूनों म के कोनो एक होबे.
   -तैं ए संबंध म का कहिथस संगी?
   -देख भई.. हमर छत्तीसगढ़ के संस्कृति म माघी पुन्नी के भगवान राजीव लोचन के जयंती परब मनाथन अउ फेर महाशिवरात्रि के कुलेश्वर महादेव के महापरब अउ ए दूनों ल  सँघरा.
   -हव जी.. हमर राजिम के जग प्रसिद्ध  मेला ल माघी पुन्नी ले शिवरात्रि तक एक साथ मनाथन त फेर वो मन हमर बर दू अलग-अलग कइसे होइस?
   -सिरतोन आय संगी.. तभे तो मैं कहिथौं हमन सिरिफ छत्तीसगढ़िया सम्प्रदाय के आन.. आने-ताने अउ कुछू नहीं.
   -हव जी सिरतोन आय.. पुरखौती बेरा ले हमन भगवान राजीव लोचन अउ कुलेश्वर महादेव के परब अउ मेला ल सँघरा मनावत आए हवन अउ आगू.घलो सँघरच मनाबो..  त फेर हमन आने-आने सम्प्रदाय के काबर? दूनों के एकमई काबर नहीं?

9.
-ए बछर के कुंभ नहवइया मन ल तैं आकब करत रेहे जी भैरा.. वोमा के कतकों झन ह नाकर चिरई बरोबर नाक ल चपक के टुप ले बूड़य अउ धरारपटा निकल जावत रिहिसे.
   - हव जी.. अइसन मन घर म डोलची भर पानी ल लोटा म झलकइया आयँ जी कोंदा हमर असन चिभोरा मार के नहवइया नोहयँ बपरा मन.
   -फेर जब तक तरिया नदिया म चिभोरा मार के नइ नहाए त मजच नइ आवय न.. हमन तो खँड़ भर नरवा ल एके साँस म नहाक देवत रेहेन अउ तरिया ल तो कई पइत ए पार ले वो पार  तउँर देवन.
   -हव जी अउ तोला सुरता हे.. अइसने गरमी के दिन-बादर आवय तहाँ ले भइँसा के पीठ म चढ़े मझनिया भर तरियच म बूड़े राहन न.
   -हव जी भइँसा के पीठ म चघे रहना अउ बीच-बीच म पानी म कूद के मछरी टमड़ना कतेक मजा आवय न?
   -तइहा के बात ल बइहा लेगे संगी.. अब तो तरिया नदिया म छाती कटार तक पानी नइ बाँच पावय त कहाँ के भइँसा चघे के मजा अउ कहाँ के मछरी टमड़े के सुख.

10.
-मोला एक बात समझ म नइ आवय जी भैरा के हमन जब काकरो नाहवन म जाथन त तरिया ले नहा के आए के बाद फेर वो मनखे के घर म मढ़ाए पानी म पाँव धोथन.. अरे भई जब तरिया म चिभोरा मार के नहाए रहिथन त फेर पाँव धोए के काबर जरूरत?
   -ए ह हमर पहुनई परंपरा के निर्वहन आय जी कोंदा.. जइसे हमर घर कोनो सगा-पहुना आथे त उनला पाँव धोए बर लोटा म पानी दिए जाथे न.. बस वइसने.
   -अच्छा.. फेर सगा तो बिचारा तालाबेली घाम म पसीना म बोथाय धुर्रा-माटी म सनाय आए रहिथे तेकर सेती वोला लोटा भर पानी दिए जाथे, फेर तरिया ले नहाए-धोए आए मनखे मनला फेर गोड़ धोए बर पानी देवई ह मोला थोकिन अनफभिक जनाथे.
   -अरे भई.. तरिया ले घर तक आवत ले वोकर मन के पाँव ह फेर धुर्रा माटी म सना नइ जाए रहिथे जी?
   -हाँ.. वो तो हे.
   -त धुर्रा म सनाय पहुना मनला वइसने बिन गोड़ धोए अपन घर ले जावन दे जाही जी?

11.
-ए बछर के बजट म पेट्रोल के भाव कमतियागे हे काहत हें जी भैरा.. अब तैं ह फटफटी म बने बोंय-बोंय किंजरबे अपन डोकरी ल पाछू म बइठार के.
   -हमर मन के दिन-बादर पहागे हे जी कोंदा.. हमन किसान घर के लइका अन त हमन ल खेती-किसानी ले जुड़े बात मन ऊपर जादा चेत करना चाही.
   -सही आय संगी.. मोला ए पइत के बजट म सबले बने ए बात ह जनाइस के महानदी इंद्रावती अउ सिकासार कोडार बाँध मनला जोड़े के उदिम करे जाही.
   -सिरतोन आय संगी .. हमर छत्तीसगढ़ म अतेक नदिया नरवा हावय ते ए सब ल जोड़ के अच बरखा  के पानी के रोक-छेंक के सदुपयोग करे जा सकथे.
   -हव जी बरखा के जम्मो पानी ह छेंका के अभाव म बोहा के समुंदर म चल देथे, कहूँ वो जम्मो पानी ल इहें के भुइया म रूँधे-छेके के बनौका बन जाय त बारों महीना हमन ल पानी के कमी नइ जनाही.

12.-बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन ह दुबई म हमर देश खातिर चैम्पियन ट्रॉफी क्रिकेट खेलत मोहम्मद शमी ल मैदान म जूस पीयत देख के ए ह इस्लाम म गुनाह आय काहत हे जी भैरा.
   -वाह भई.. मैदान म खेलत बेरा जूस पीना ह गुनाह कइसे हो सकथे जी कोंदा?
   -वोकर कहना हे- अभी रमजान चलत हे, अइसन म मो. शमी ल रोजा रखना रिहिसे.. रोजा के बेरा म कुछू भी खाना पीना ह गुनाह होथे, जबकि शमी ह भरे मैदान म जूस पीयत हे, जेला लाईव टीवी प्रसारण के माध्यम ले पूरा दुनिया देखिस हे.
   -देख संगी मैं दूसर मन के धरम संस्कृति के बारे म तो नइ जानवँ,  फेर मोला लागथे के कोनो भी धरम म कोनो बीमारी मनखे, सफर म निकले या फेर खेल-कूद के प्रतियोगिता म जूझत मनखे मन बर अइसन बिना कुछू खाए पीए रहे वाला नियम लागू नइ होवत होही तइसे लागथे.
   -हव जी.. मोहम्मद शमी के समर्थन म कुछ मौलाना मन घलो अगसने काहत हें.. फेर मोला ताज्जुब लागथे संगी कोनो भी धरम-पंथ के लोगन अइसन अनफभिक बानी के गोठ ल कइसे बड़ा सहजता के साथ कहि देथें!

13.

-एक दुखद अउ चिंताजनक खबर आए हे जी भैरा.
   -कइसे ढंग के खबर जी कोंदा?
    -खबर मिले हे के हमर छत्तीसगढ़ के 41 कलाकार नोनी मनला सांस्कृतिक कार्यक्रम म डांस करवाए के नॉव म बिहार लेगे रिहिन हें अउ उहाँ लेग के वोकर मन ले देंह व्यापार करवावत रिहिन हें!
   -बाप रे...!
   -हव भई डांस करे के सेती हर महीना 15 ले 20 हजार रुपिया देबो केहे रिहिन हें अउ पाछू दू बछर ले उँकर मन जगा देंह व्यापार करवाए जावत रिहिसे.. अउ जाने ए जम्मो नोनी मन नाबालिग हावयँ.
   -बहुतेच संसो के बात आय संगी, फेर मैं ए गुनथौं के इहाँ के लइका मनला डांस के नॉव म अइसन अंते-तंते जाए के का जरूरत हे?
   -कलाकार मन के मंच म प्रस्तुति के आकर्षण ह जीवलेवा होथे संगी तभे तो अइसन अलहन म वो मन छँदा जाथें.. नवा नवा कलाकारी के सउँख उपजे लोगन के परिवार वाले मनला चेत करे के जरूरत हावय के वोकर लइका मन डांस आदि के नॉव म सही लोगन मन के संगति म जावत हें ते कोनो धंधाबाज षडयंत्रकारी मन के?

14.
-चलना भैरा होले डाँड़ डहार नइ जावस जी? 
   -जाहूँ संगी कोंदा अगोर.. एदे पँचलकड़िया खातिर पाँच ठी छेना हेर लेथौं
   -अरे बइहा दू-चार ठी किन्नी, पिस्सू अउ ढेकना मनला घलो एको ठन शीशी उशी म धर ले रहिबे.
   -वोला काबर जी? 
   -वाह.. एकर ले गाँव म खुरहा-चपका जइसन कोनो किसम के महामारी या रोग नइ संचरय ना.
   -अच्छा! 
   -हव.. तभे तो हमर पुरखौती बेरा ले अइसन रोग-राई महामारी मन ले बाँचे खातिर अइसने खून चूसक जीव मनला घलो होले म डारे के परंपरा हे जी.
   -अच्छा अइसे.. तब तो जरूर धरहूँ जी.. हमर गंज अकन परंपरा ह आने-आने राज ले आके इहाँ बसे शहरिया लोगन मन ले अलगेच जनाथे न..?
  -अलगे हईच हे.. होली म हमन होलाष्टक कहाँ मनाथन? वइसने हमर इहाँ माईलोगिन मन होली के पूजा करे बर घलो नइ जावयँ.
   -पूजा करे बर नइ जावयँ कहिथस.. वोकर तीर म तक नइ ओधयँ.. काबर ते हमर इहाँ होलिका के नहीं, भलुक कामदहन के परब मनाए जाथे.

No comments:

Post a Comment