कोंदा भैरा के गोठ-32
1.
-होली परब ल लेके लोगन के मान्यता अउ आस्था घलो आने-आने देखे ले मिलथे जी भैरा.
-ए तो सिरतोन आय जी कोंदा.. अब गरियाबंद जिला के गाँव गोहरापदर (मैनपुर) के ही बात ल देख लेवौ.. इहाँ होले जलाए के बाद वोकर धधकत आगी म उखरा पाँव रेंगे के परंपरा हे.
-वाह भई.. आगी म उखरा पाँव?
-हव.. गाँव के पुजारी देवीसिंह नेताम, मेघराम बघेल, नरसिंह यादव अउ गुरुनारायण तिवारी के कहना हे- ए परंपरा ल हमन पुरखौती बेरा ले इहाँ देखत आवत हवन.. एकर संदर्भ म मान्यता हे के एकर ले गाँव म कोनो किसम के आपदा नइ आवय.
-अच्छा.. अइसे..?
-हव.. वो मन बताइन के लइका ले लेके बुढ़वा अउ जवान सब होले के आगी म हर बछर रेंगथें, फेर काकरो पाँव ह न तो जरय या वोमा फोरा परय..गाँव के जम्मो देवी-देवता मन के पूजा-पैलगी करे के बाद देवी दाई के जयकारा लगावत ए परंपरा ल निभाए जाथे.. इहू बछर ए परंपरा ल पूरा उत्साह के साथ मनाए गिस.
-वाह भई.. जय हो देवी दाई.
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2.
-होली मान के अँगना म सूते के चालू हो जावय जी भैरा.. फेर जब ले गाँव के भाँठा म रकसा बरोबर करिया धुँगिया उगलत फैक्टरी आय हे तब ले अकबकावत कुरियच म खुसरे राह कस होगे हे.
-हव जी कोंदा.. हमरो मन के इही हाल हे.. ए धुँगिया उगलत फैक्टरी मन के मारे तो गाँव के कुआँ अउ तरिया ह घलो आरुग नइ बाँचे हे.. देखबे ते पानी के उप्पर म पपड़ी बरोबर जमे असन दिखथे राख ह, बने ससन भर न नहाए सकस न गुरतुर पानी आय कहिके अँखमुंदा पीए सकस.
-हव भई.. अउ तोला सुरता हे.. पढ़त राहन त गरमी के छुट्टी भर रतिहा के सूतई ल तरिया पार के मंदिर के छत ऊपर करन.
-हव जी अड़बड़ नींद परय.. मार फुरुर-फुरुर हवा.. एक चद्दर के जाड़ वोमा पूरा सीजन भर जनावय, फेर अब तो फैक्टरी के धुँगिया ह उहों पट्टाय रहिथे.. मार करियच करिया.. उहाँ सूतई तो दुरिहा जाय बइठे म घलो अलकर अस जनाथे.
-सही आय संगी.. हमन अपन पीरा ल कतकों गोहरावत हवन.. लोगन ल जनवावत हावन, फेर प्रदूषण विभाग ल ए सब ले कोनो लेना देना नइए न हमर ए तीर के कोनो जनप्रतिनिधि मनला.
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3.
-बने गतर के गरमी अभी आए नइए अउ बिजली रानी ह दँतनिपोरई चालू कर डारे हे जी भैरा.
-हव जी कोंदा.. जेन किसम ले बिजली के माँग बाढ़त हे, तेकर मुकाबला वोकर उत्पादन म कमी आवत जावत हे, इही पाय के पंखा उंखा मन घलो ढेरियाय असन करे लगे हें.. बतावत हें- कभू हमर सरप्लस बिजली वाले राज म ए बछर आने राज ले बिजली बिसाय बर परत हे.
-करलई हे संगी.. एक डहार हमन बिजली के नॉव म जंगल के विनाश झन होवय कहि के गुनत रहिथन अउ दूसर डहार बिन पंखा कूलर अउ एसी-फेसी के बिना दिन ल नइ पहवा पावन त कइसे होही?
-मोला लागथे संगी हमन ल वैकल्पिक ऊर्जा डहार चेत करे बर लागही.. पीएम सूर्य घर मुफ्त योजना जइसन योजना मनला गंभीरता के साथ हमन ल अपनाना चाही.
-हाँ.. अपन घर के छत के ऊपर सौर ऊर्जा के माध्यम ले अतिरिक्त बिजली के जुगाड़ जमाना चाही.
-बहुत अकन अइसन माध्यम हो सकथे जेकर ले बिजली पाए जा सकथे, हमन ल वो जम्मो साधन के सदुपयोग करना चाही, एकर ले हम अपन कोयला, जंगल जइसन प्राकृतिक संसाधन के बचाव घलो कर सकथन अउ जरूरी जिनिस मन खातिर बिजली घलो पा सकथन.
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4.
-जे लइका मन अपन सियान मनला अपन संपत्ति अउ वसीयत ल उँकर नॉव म करे के बाद उनला सरकारी अस्पताल म छोड़ के चल देथें वोकर मन के वसीयत अउ जम्मो संपत्ति के लेखा-जोखा ल रद्द कर देना चाही काहत हे जी भैरा.
-हव ए बात ले तो महूँ सहमत हावौं जी कोंदा.. वृद्धाश्रम म धँधाय सियान मन के लइका मन संग घलो अइसने होना चाही.. कतकों उजबक किसम के लइका मन जम्मो चीज-बस ल अपन नॉव म चढ़वाए के बाद दाई-ददा मन संग अतलंगी करथें.
-हव जी अभी कर्नाटक के मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ह ए विषय ल गंभीरता के साथ ले खातिर जम्मो लोगन अउ सरकार ल गोहराय हे, उँकर कहना हे के वो मन अइसन कई ठन मामला देखे हें, जेमा लइका मन अपन सियान मन के संपत्ति अउ वसीयत ल अपन नॉव म चढ़वाय के बाद दाई-ददा ल कोनो सरकारी ठीहा म छोड़ देथें.. अइसन कोनो भी मामला आगू आवत हे त वो लइका मन के नॉव म चघे संपत्ति अउ वसीयत ल कानूनी रूप ले रद्द कर दिए जाना चाही.
-रद्द करे जाना चाही, संग म वइसन लइका मनला कोनो किसम के सरकारी सुविधा मिलत होही तेनो ल रोके-छेके जाना चाही.
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5.
-हमर देश के सांस्कृतिक विविधता म एके असन जनइया कतकों अइसे परब हे जी भैरा जेला देखे गुने म अलगेच लागथे फेर उनला समझे म निक घलो जनाथे.
-हाँ ए बात तो हे जी कोंदा.
-अभी देख राजधानी रायपुर म राजस्थान म धूमधाम ले मनाए जाने वाला गणगौर परब मनाए जावत हे.. ए ह ईसर-गौरा के बिहाव के रूप म भगवान शिव अउ माता पार्वती के बिहाव के परब आय, जेला सोला दिन तक विविध आयोजन के रूप म मनाए जाही.
-अच्छा.. हमर छत्तीसगढ़ म जइसे कातिक अमावस के गौरी-गौरा पूजा के रूप म गौरा-ईसरदेव के बिहाव के परब मनाथन तइसने?
-गौरा-ईसरदेव शब्द ल सुन के एके असन जनावत हे ना, फेर एमा बनेच अंतर बताए जाथे.. रायपुर म चलत ए गणगौर उत्सव म काली जुवर गौरा, ईसरदेव, सूरजमल, रोवा अउ मालन के प्रतिमा के स्थापना करे गिस.. जानकार मन बताइन के इही पाँचों के पूजा ए परब के अंतर्गत करे जाथे.. वो मन बताइन के कुँवारी नोनी मन भगवान शिव असन वर पाए खातिर उँकर आशीष माँगिन.. ए बेरा म उँकर मन के द्वारा अउ कतकों किसम के सांस्कृतिक कार्यक्रम घलो करे गिस अउ आगू घलो करे जाही.
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6.
-बॉलीवुड के मयारुक कलाकार रेहे हेमामालिनी जगा अभी धरम संकट के स्थिति पैदा होगे हे कहिथें जी भैरा.
-अइसे काबर जी कोंदा.. वो तो हिंदू धरम के सम्मानित सदस्य आय तब धरम संकट काबर?
-भगवान जगन्नाथ के दरस खातिर जब वो गे रिहिसे त उहाँ के श्री जगन्नाथ सेना संगठन ह ए ह मुसलमान आय एकर मंदिर म अमाय ले धार्मिक भावना आहत होय हे कहिके एफआईआर लिखवा दिए हे.
-वाह भई ताज्जुब हे..!
-हव.. असल म 21 अगस्त 1979 के जब हेमामालिनी ह धर्मेंद्र संग बिहाव करे रिहिसे त धरम परिवर्तन कर डारे रिहिसे.
-वाह भई..!
-तब धर्मेंद्र ह तो पहिलीच ले लोग-लइका वाले रिहिसे, तेकर सेती वो हिंदू धर्म के मुताबिक दुसरइया बिहाव नइ कर सकतीस.. इही समस्या ल देखत मुंबई के काजी अब्दुल्ला फैजाबादी जगा जाके इस्लाम कबूल करे रिहिन हें अउ इस्लामी पद्धति ले ही बिहाव घलो करे रिहिन हें.
-ददा रे.. बिहाव करे बर अतका चरित्तर रचे रिहिन हें कहि दे?
-हव.. काबर ते इस्लाम म चार बिहाव तक के छूट हे ना.
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7.
-सिरपुर के नॉव लेते मन म गरब के भाव जाग जाथे जी भैरा, फेर अभी तक एला विश्व धरोहर के सूची म सँघारे नइ जा सके हे.
-वाह भई.. दक्षिण कौशल के जुन्ना राजधानी के रूप म अपन चिन्हारी रखइया धरोहर घलो ल गा..?
-बताथें के एकर निर्धारण खातिर जेन टीम इहाँ देखे बर आए रिहिसे तेन ह एला वो योग्य नइ पाइस.. विश्व धरोहर के सूची म सँघरे खातिर बहुत अकन मानक ल पूरा करे बर लागथे, फेर प्रशासनिक उपेक्षा के सेती वो मन पूरा नइ हो पाइन..अब देखव अवइया बेरा म सँघर पाथे के नहीं ते.. वइसे अभी लोकसभा म महासमुंद सांसद ह एकर बारे म आवाज उठाए हे, फेर लोकसभा म बात उठाए ले का होथे.. असल बात तो ए हे, के जब तक विश्व धरोहर के रूप म सँघरे के जेन मानक होथे वोला पूरा नइ करे जाही तब तक अइसन संभव नइए.
-मोला बड़ा ताज्जुब लागत हे संगी.. वइसे विश्व धरोहर सूची म सँघरे ले का फायदा होतीस?
-सबले बड़े फायदा तो ए होतीस के सिरपुर के मेंटेनेंस खातिर यूनए ले फंड मिलतीस वो फंड ले उहाँ के लोगन के रोजगार विकसित होतीस.. उहाँ देश-विदेश ले लोगन पर्यटन अउ परीक्षण खातिर आतीन धीरे-धीरे उँकरो मन के सुविधा विकसित होतीस.
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8.
-आजकाल जेने ल देखबे तेने ह अपन आप ल इहाँ के मूल निवासी घोषित करे के नॉव म माटी पुत्र के संबोधन लगावत रहिथे जी भैरा.
-असली म का हे ना.. जे मन माटी के पुतला बरोबर होथें, तेही मन माटी पुत्र कहाए बर जादा सधाए रहिथें अउ तैं आकब करे हावस जी कोंदा..अइसन रोग ह राजनीति वाले मनला जादा लगे हे, आम लोगन ल ए सब ले का लेना देना हे.
-सही आय जी.. आम लोगन ल अपन चिन्हारी न बताए के जरूरत हे अउ न लुकाए के.. उन जइसन हें तइसन जगजाहिर हे.
-फेर मोला अइसे लागथे संगी के जेकर मन के इहाँ के भाखा, संस्कृति अउ अस्मिता क्षेत्र म कोनो किसम के पोठहा योगदान नइए वो मनला माटी पुत्र के संबोधन ले चिन्हारी नइ करे जाना चाही.
-बिल्कुल नइ करे जाना चाही.. तोर ए बात ले महूँ सहमत हौं .. सिरिफ ए माटी म जनम धरे भर ले ही कोनो कइसे माटी पुत्र हो सकथे?
-सहीआय.. अब ले तो एक मनखे ह इहाँ छठ पूजा म सार्वजनिक छुट्टी के परंपरा चालू करवा दिस त दूसर ह इहाँ बिहार तिहार के नेंव रच दिस.. अब तहीं बता अइसन मनला माटी पुत्र कहे जाना चाही या माटी के पुतला?
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9.
-अइसन नजारा कभू कभार देखे म आथे जी भैरा के कोनो राज के मुखिया ह कोनो साहित्यकार के घर जाके वोकर सम्मान करथे.
-हव जी कोंदा सही आय.. एकर कारण मोला अइसे जनाथे के आज साहित्य अउ साहित्यकार मन खातिर समाज के नजरिया म पहिली असन सम्मान के भाव कम देखे म आवत हे, तेकरे सेती अइसन कम देखे जाथे.
-मोला एकर एक कारण तो इहू जनाथे संगी के आज साहित्य के नॉव म मंच ले जेन किसम के जोक्कड़ई अउ राजनीतिक चापलूसी परोसे जावत हे उहू ह लोगन के मन म एकर गरिमा अउ सम्मान के भाव ल कम करत हे.
-खैर.. अभी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ह ज्ञानपीठ पुरस्कार ले सम्मान होय के घोषणा के बाद सियान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल जी के घर जाके प्रदेश के जनता के डहार ले उँकर सम्मान करिस ते ह मोला गजबे सुग्घर अउ मयारुक लागिस.
-सुग्घर लागे के बाते आय संगी.. जे मन समाज खातिर ठोस अउ प्रेरणादायी साहित्य के सिरजन करत हें, राजसत्ता के द्वारा उँकर सम्मान तो होना ही चाही.
-सही आय जी.. कोनो राज के मुखिया ह वोकर घर जाके सम्मान करथे, त वो सम्मान के गरिमा ह अउ बाढ़ जाथे.. हमरो डहार ले शुक्ल जी ल बधाई अउ जोहार.
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10.
-आजकाल कतकों धन्नासेठ मन म अपन कुकुर के जनमदिन मनाए के नवा रिवाज देखे म आवत हे जी भैरा.. फेर बीते इतवार के धमतरी के सोरिद वार्ड म रहइया बाबूलाल सिन्हा अउ वोकर सुवारी ह अपन घर जमने बछिया के जनमदिन मना के गउमाता मन खातिर मया के अच्छा संदेश दिस हे.
-अच्छा जी कोंदा.. बछिया के जनमदिन..!
-हव पूरा विधिविधान ले.. दू सौ नेवता कारड छपवा के लोगन ल नेवता पठोए रिहिसे, जे मनला केक काटे के बाद बढ़िया जेवन करवाइस.. अउ अतके भर नहीं संगी.. बिहनिया कार्यक्रम के शुरुआत भगवान सत्यनारायण के पूजा ले होइस तहाँ ले बछिया के नॉव धरे गिस 'राधिका' फेर गँड़वा बाजा संग पारंपरिक छत्तीसगढ़ी गीत चलिस.. रतिहा म रामायण होइस तेकर पाछू बछिया अउ गउमाता के नवा कपड़ा ओढ़ा के आरती करे गिस ..फटाका फोरे गिस केक काटे गिस यहाँ ले उहाँ जुरियाए सबो लोगन ससन भर नाचिन-कूदिन.
-वाह भई.. सुन के ही निक जनागे.. गौवंश के संरक्षण खातिर ए बड़ा सुग्घर संदेश बनगे.
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11.
-मुख्यमंत्री साय ह अभी इन्वेस्टर कनेक्ट मीट म भाग ले बर बेंगलुरु गे रिहिसे जी भैरा जिहाँ छत्तीसगढ़ म निवेश करे खातिर अबड़ अकन टेक कंपनी मन लिखा-पढ़ी करे हें काहत रिहिन हें.
-हव जी कोंदा महूँ ए खबर ल सुने हौं अउ एमा सबले निक मोला पैरा ले कंप्रेस्ड बायो गैस (हरित इंधन) बनाए जाही काहत हें तेन ह लागिस.
-सही आय जी.. अब तो पैरा मन खेत म परे रहि जाथें न तो वोला किसान मन लेगयँ न गरुवा मन चगलँय.
-कहाँ ले चगलहीं.. हार्वेस्टर म कटाय के सेती मार ठाढ़े-ठाढ़ काँटा अस जनाथें .. एकरे सेती कतकों लोगन वोमा आगी ढील देथें.
-हव जी एकर ले चारों मुड़ा प्रदूषण भर बाढ़त हे.. लोगन गाय गरुवा पोसई ल घलो कमतिया डारें हें, तेकरो सेती एकर कोनो पुछइया नइ मिलय.. अइसन म कहूँ वो पैरा मन ले बायोगैस बन जाही त ए ह किसान बर घलो उपराहा लाभ के रद्दा बन जाही संग म प्रदूषण ले घलो बँचई हो जाही.
-हव जी.. एक जमाना अइसन रिहिसे जब घरों घर गरुवा दिख जावय.. एकक डारा पैरा मन अनमोल राहय.. हमन तो सिला बीन के धान सकेले राहन उहू ल पाँव म रमँज के वोकर पैरा ल गरुवा कोठा म डार देवत रेहेन.
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12.
-तोला वो पइत के सुरता हे जी भैरा जब हमन छोटे लाईन के रेलगाड़ी म रायपुर ले अभनपुर होवत राजिम जावन?
-कइसे सुरता नइ रइही जी कोंदा कोनो-कोनो वोला धकपकहा गाड़ी काहय त कोनो भँइसा गाड़ा घलो कहि देवय ना, फेर अब तो वो ह इतिहास के बात होगे संगी.
-सही आय जी.. हमन कतकों पइत तो वो गाड़ी म चघे के नॉव म ही राजिम चल देवत रेहेन.. मोला अइसने छोटे लाईन के गाड़ी म एक पइत गोंदिया ले जबलपुर जाय के घलो अनुभव हे.
-वो मुड़ा के गाड़ी ह तो अउ लट्टे-पट्टे रेंगय बताथें.
-हव सही आय.. चातर असन जगा म तो बने चलय, फेर जइसे पहाड़ी जगा आवय तहाँ ले घिलरे बरोबर हो जावय.. हमन तो गाड़ी ले उतर के रेंगत म ही वोकर ले अगुवा जावन.
-हव.. फेर अब रायपुर ले अभनपुर जाय बर नवा जमाना के रेलगाड़ी आगे हावय.. कालेच प्रधानमंत्री ह एकर उद्घाटन करिन हें.. ए मेमू स्पेशल ह जबर आरामदायक हे बताथें.. नवा रायपुर जवइया मनला घात सोहलियत परही.
-तब तो एको दिन एकरो सेवाद ले खातिर ही नवा रायपुर अउ अभनपुर ल किंजर के आबो जी.
-हव जी जरूर.
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13.
-सरहुल जोहार जी भैरा.
-जोहार संगी कोंदा.. अच्छा आज चैत अंजोरी तीज आय न.. धरती महतारी अउ सुरुज देवता के बिहाव के परब.
-हव संगी.. अउ अतकेच भर नहीं ए ह उराँव/कुडुख मन के नवा बछर के शुरुआत घलो आय.. उराँव/कुडुख साहित्य के जानकार डॉ. तेतरू उराँव कहिथें- ए ह प्रकृति के संवेदनशीलता अउ मनखे के रिश्ता के अद्भुत उदाहरण आय.. वो मन बताइन- ए परब ल वो मन अपन भाखा म- 'खे-खेल बेंज्जा' कहिथें, जेकर अरथ होथे- धरती के बिहाव.
-वाह भई.. अद्भुत हे.
-हव जी.. हमर देश कतेक विविधता ले भरे हावय ना.. सबके अलग-अलग मान्यता अउ परब.
-सही आय संगी.. तभे तो हमर देश ल बहुभाषी अउ बहु संस्कृति वाले देश कहे जाथे.. अउ हमर देश के ए सांस्कृतिक विविधता के एकमई बढ़वार घलो जरूरी हे.
-सही कहे.. सबो के बढ़वार अउ संरक्षण.
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14.
-हमन राजनीति ल आज तक जनसेवा के कारज मानत रेहेन जी भैरा.. फेर अभी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ह एक पत्रकार संग करे मुँहाचाही म कहे हे के ए ह रोजगार आय.
-हव जी कोंदा.. हमन जनसेवा के कारज ही समझन तभे तो एमा सँघरे नेता मनला जनसेवक कहे जाथे या माने जाथे.
-सिरतोन आय संगी.. फेर मुख्यमंत्री योगी ल जब भविष्य के प्रधानमंत्री बने के बारे म पूछे गिस त वो कहिन- मैं तो असल म योगी हौं.. राजनीति मोर 'फुल टाइम जॉब' नोहय.. 'जॉब' शब्द के उपयोग तो हमन रोजी-रोजगार.. नौकरी या व्यवसाय ले जुड़े बुता खातिर ही करथन न?
-हव जी सही आय.. अउ जब राजनीति ह वोकर फुल टाइम 'जॉब' नोहय त योगी बने हे तेन ह आय का?
-बड़ा बिचित्र गढ़न के बात आय संगी.. मैं तो साधु बैरागी या योगी बनई ल आजतक भगवान पाए के रद्दा समझत रेहेंव.. मोक्ष या कहिन सद्गति पाए के रद्दा समझत रेहेंव, फेर आज जाने पाएँव के उहू ह 'जॉब' आय!
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15.
-राजशाही के अत्याचार ल भोगे लोगन के गोठ ल सुरता कर के हमन लोकतांत्रिक व्यवस्था ल मयारुक समझत रेहेन जी भैरा, फेर अभी परोसी देश नेपाल म राजशाही के वापसी खातिर चलत आन्दोलन ह एकरो ऊपर सोचे बर दँदोरत हे.
-सही आय जी कोंदा.. 28 मई 2008 के उहाँ राजशाही ल घुँचा के लोकतंत्र के स्थापना करे गे रिहिसे.
-हव जी महूँ ल सुरता हे, तब जनाय रिहिसे के उहाँ खुशहाली के दर्शन होही, फेर सिरिफ 16 बछर के लोकतांत्रिक व्यवस्था म अइसन का होगे के लोगन उहाँ राजशाही के वापसी खातिर सड़क म उतर गे हें?
-महूँ ल अचरज लागत हे संगी, तेमा उहाँ के जुन्ना राजा ज्ञानेंद्र शाह ह राष्ट्रीय एकता के नॉव म ए आन्दोलन के आगी म घी डारे के उदिम करत हे.
-वो तो करबेच करही संगी.. भला कोन मनखे ह अपन हाथ म आवत सत्ता बर लार नइ चुचवाही?
-मोला उहाँ के राजनीतिक अस्थिरता ह घलो एकर एक कारण जनाथे संगी.. अब देख लेना सिरिफ 16 बछर के लोकतांत्रिक व्यवस्था म उहाँ दर्जन भर के पुरती प्रधानमंत्री बनगे हें.. अब तहीं बता अइसन म लोगन जुन्ना स्थायी व्यवस्था डहार भागहीं ते नहीं?
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16.
-तैं ह एक बात ल आकब करे होबे जी भैरा.. इहाँ अइसन कतकों शहर हे जेकर नॉव के आखिर म 'पुर' शब्द लगे रहिथे.
-हमर रायपुर के पाछू म ही पुर जुड़े हे जी कोंदा.. अइसने सिरपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर जइसन कतकों जगा हे जेकर नॉव संग पुर जुड़े हे.
-ठउका कहे संगी.. एकर मतलब जानथस वोमन म पुर काबर जुड़े हे?
-अब तहीं ह बतादे संगी.
-'पुर' के मतलब शहर या किला होथे.. पुर शब्द ह अड़बड़ जुन्ना शब्द आय, एकर उल्लेख जुन्ना ग्रंथ ऋग्वेद म घलो मिलथे.. पुर शब्द के इस्तेमाल वो बखत उहि शहर मन म करे जावय, जेला कोनो राजा ह बसाय राहय.. जेकर तीर-तखार म किला घलो राहय.
-वाह भई.. हमर रायपुर के इतिहास ल पढ़े म तो अइसने जानबा मिलथे.. राजा रायसिंह ह एला बसाए रिहिसे अउ बूढ़ा तरिया के उप्पर म किला रिहिसे जेकर चिनहा आजो ले दिखथे.
-हव.. अब जान लेवौ के इहाँ जतका जुन्ना शहर मन के नॉव के पाछू म पुर शब्द जुड़े हे सबो ल कोनो न कोनो राजा ह बसाय हे अउ उहाँ किला घलो रेहे हे.
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17.
-जेन किसम ले अभी तरिया, डबरी अउ कुआँ बावली मनला तोप-पाट के वो मन म बड़का बड़का बिल्डिंग अउ कॉलोनी बनाए जावत हे, ते ह चिंता के बात तो आय जी भैरा फेर ए बीच दुरुग जिला के धमधा ले उहाँ के तरिया मनला खोज-ढूँढ़ के वापिस जलरँग बनाए के सोर मिलत हे ते ह सँहराए के लाइक हे.
-अच्छा.. छै आगर छै कोरी वाले धमधा ले जी कोंदा?
-हव जी..अब कहावत भर म छै आगर छै कोरी रहिगे हे, फेर असलियत ल देखबे त दुख के मारे दूनों आँखी ह तरिया बरोबर हो जाथे.
-चारों मुड़ा के एके हाल हे संगी.. हमर पुरखा मन तरिया नदिया के जतका महत्व ल जानिन समझिन ततके आज के पीढ़ी ह उनला उजारे अउ तोपे-ढाँके म भीड़े हे.. धमधा के तरिया मनला बचाए बर धर्मधाम गौरवगाथा के नॉव ले एक समिति बनाए गे हे तेकर संयोजक वीरेंद्र देवांगन बताथे- गाँव म अभी घलो 121 तरिया हे, जेमा के 70 तरिया जीवित हे जबकि 51 तरिया मन म अवैध कब्जा होगे हे, इही अवैध कब्जा मन ले हमन 7 तरिया ल बचा पाए हावन अउ बाँचे ल प्रशासन ले मुक्त कराए बर अरजी करे हावन.
-वाजिब म सँहराए के लाइक बुता आय संगी.. सबो डहार के लोगन म अपन तरिया मन खातिर अइसन जागरूकता आ जावय त अभी जेन सरलग भूजलस्तर गिरे के खबर मिलत हे, तेमा निश्चित रूप ले सुधार आही.
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18.
-हमर पुरखा मन तरिया बावली, रूख राई जइसन जम्मोच के बिहाव के परंपरा बनाय रिहिन हें जी भैरा जेला वो मन पूरा निष्ठा अउ परंपरा के मुताबिक मनावयँ घलो.. फेर अब अइसन कभू कभार ही देखे म आथे.
-सही आय जी कोंदा.. फेर एदे अभी गरियाबंद जिला के गाँव तेतलखुटी (धरनीबहाल) ले खबर आय हे के उहाँ के जयसिंह ठाकुर ह अपन बारी के आमा के बिहाव पूरा विधिविधान के साथ करिस हे, जेमा गाँव भर के लोगन सँघरे रिहिन हें, उन सबो ल पंगत घलो जेवाए गिस.
-हमर ममादाई घलो अपन अँगना के आमा ह जब पहिली बेर फर धरीस त अइसने बिहाव करवाए रिहिसे जी कठवा के दुल्हा बनवा के.
-हव अइसने करे जाथे आमा के बिहाव ल.. आमा के पेड़ म पहिली बेर फर आय म कठवा के बने दुल्हा ल वोकर तीर म मढ़ा के तेल हरदी चूरी पटा भेंट करे अउ माँग भराय जइसन जम्मो नेंग ल करे जाथे.. पुरोहित ह मंत्रोच्चार घलो करिस .. माईलोगिन मन मंगल गीत गाईन.. सात भाँवर के रसम ल आमा पेड़ के मालिक जयसिंह अउ वोकर सुवारी निभाइस.. तहाँ ले प्रतीक स्वरूप घरतिया अउ बरतिया बने जम्मो लोगन ल माँदी खवाए गिस.
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19.
-मंदिर म बरपेली दान दक्षिणा खातिर जोजियाय के बुता म रोक लगाय के सलाह देवई ह सुप्रीम कोर्ट ल आ बइला मोला मार कहिथें तइसे बरोबर होगे हे जी भैरा.
-कइसे का होगे जी कोंदा?
-सुप्रीम कोर्ट ह मंदिर मन म दान दे खातिर बरपेली जोजियाना ह बने नोहय एमा रोक लगना चाही कहिके सलाह दे रिहिसे.. वोकर कहना रिहिसे के श्रद्धालु मन ल बिना रोकटोक के दर्शन करन देना चाही.
-त बने तो आय.. मंदिर देवाला म लोगन अपन श्रद्धा ले जेन कुछू भी देथे चढ़ाथे तेकरे फल मिलथे कहिथें.
-हव बने काहत हावस, फेर ओडिशा के पुरी के मंदिर के सेवादार नरसिंह पूजापांडा ल ए गोठ ह नइ सुहाइस.. वो ह सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ल पाती लिख के अपन जिनगी ले मुक्ति पाए के अरजी करे.
-ए दई.. करलई हे.. दान म रोक के बात कहे म जिनगी ले मुक्ति माँगे के बात ह अनफभिक जनाथे संगी.
-सेवादार नरसिंह पूजापांडा के कहना हे- वो मन के परिवार ह करीब हजार बछर ले लोगन ले भिक्षा माँग के ही जीवकोपार्जन करत हे, वोकर मन के एकर छोड़ जीए के अउ कुछू साधन नइए.. अउ जब इही ल बंद कर दिए जाही तब तो मर जाना ही सही हे.
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20.
-हमन तइहा बेरा म सरवन कुमार के नॉव सुनन के वो ह अपन महतारी बाप ल काँवर म बइठार के तीरथ-बरत करवाए रिहिसे, फेर आज घलो अइसन लोगन मिल जाथें जी भैरा जे मन अपन दाई-ददा के सेवा ल ही देवता के सेवा मान के उँकर चाकरी म लगे रहिथें.
-बिरले होथे अइसन सपूत जी कोंदा नइते आज तो दाई-ददा ल वृद्धाश्रम के मुँहाटी म अमरइया जादा होथें.
-सही कहे संगी.. फेर अभी कर्नाटक के मैसूर निवासी डॉ. कृष्णमूर्ति अपन बीस बछर जुन्ना स्कूटर म अपन महतारी चूडारलम्मा ल दुनिया घूमावत रायपुर आए हे.. वोकर कहना हे के वो इही स्कूटर म अपन महतारी ल पूरा दुनिया घूमा के रइही.
-वाह भई.. अद्भुत हे..!
-हव संगी.. 16 जनवरी 2018 के वो मन दुनिया किंजरे बर निकले हें.. नेपाल, भूटान, म्यांमार जइसन कतकों देश के संगे-संग केरल, गोवा जइसन कतकों राज्य ल किंजर डारे हें.. उन बतावत रिहिन के अभी तक 96 हजार 205 कि.मी. यात्रा कर डारे हे.. अब रायपुर ले ओडिशा जाहीं.
-खाथे-पीथे अउ रहिथे कहाँ?
-कोनो भी मंदिर देवाला म परसाद के रूप म जेवन मिल जाथे.. स्कूटर म कोनो किसम के गड़बड़ी आय म वो खुद बना डारथे.
- महतारी ल दुनिया किजारे के उँकर संकल्प ल हमरो शुभकामना हे.
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21.
-सड़क म एक्सीडेंट होए के सेती खोरावत कल्हरत गरुवा मनला देख के राम देवांगन के मन म उँकर सेवा चाकरी करे के भाव का जागिस.. अब ए गौ सेवा ह मिशन के रूप धर ले हवय जी भैरा जेमा आसपास के जवनहा लइका मन सरलग जुड़त हें.
-अच्छा.. ए कहाँ के बात आय जी कोंदा?
-अरे हमरे रायपुर के नवा बस स्टैंड वाला भाँठागाँव के.. ए मन हर हफ्ता चार हजारों के हरियर साग भाजी बिसाथें अउ कभू कुशालपुर, रायपुरा, महादेव घाट अउ लाखेनगर तक के गाय मनला चारा जेवा आथें.. अउ कहूँ कोनो गरुवा ह बीमार असन दिखथे तेला जरवाय जगा के लीलावती गौशाला म अमरा के उहाँ के डाक्टर ले इलाज करवाथें.
-वाह भई.. ए तो लइका मन के सुग्घर उदिम ए.. आज जब ए उमर के लइका मन दारू चित्ती.. लंदर-फंदर म बिपतियाय रहिथें अइसन म गौवंश खातिर अइसन सेना भाव ह सँहराए के लाइक हे.
-हव जी छै बछर होगे ए लइका मनला गौमाता मन के सेवा करत एमा राम देवांगन के संग विजय साहू, कृष्णा साहू, किशन देवांगन, मनीष देवांगन, हरीश वर्मा, अजय शर्मा, विवेक पंडित अउ उमेश साहू घलो हे.. अब एकर मन संग आने लइका मन घलो जुड़त हें.
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