15 नवंबर जयंती//
छत्तीसगढ़ी कला संसार के अँजोर शिवकुमार 'दीपक'
छत्तीसगढ़ी कला संसार म जे मन अपन अभिनय के माध्यम ले लोगन के हिरदय म सम्मान जनक ठउर बनाइन उनमा शिवकुमार दीपक जी के नॉव अगुवा के रूप म आथे. वइसे तो उँकर जादातर चिन्हारी हास्य कलाकार के रूप म हावय फेर मैं उनला एक बहुत ही गंभीर विषय म एकाभिनय करत देखे हौं.
भिलाई स्थित सेक्टर 7 के कुर्मी भवन के मंच म तब उँकर सम्मान होवइया रिहिसे, सौभाग्य ले महूँ ल ए कार्यक्रम म पहुना के रूप म नेवते गे रिहिसे तब हम दूनों मंच म सँघरा बइठे रेहेन. संयोग ले वो मंच म मोला आदरणीय दीपक जी ल सम्मानित करे के सौभाग्य मिले रिहिसे.
सम्मान के ए कार्यक्रम म शिवकुमार जी डॉ. खूबचंद बघेल जी के लिखे नाटक 'ठाकुर जनरैल सिंह' के मंचन करे रिहीन हें. ए नाटक म जनरैल सिंह के माध्यम ले भारतीय थल सेना म 'छत्तीसगढ़ रेजीमेंट' के गोठ करे गे रिहिसे. मैं व्यक्तिगत रूप ले ए 'छत्तीसगढ़ रेजीमेंट' के अवधारणा के जबर समर्थक अउ प्रशंसक रेहेंव तेकर सेती रायपुर ले प्रकाशित होवइया अखबार मन म कतकों पइत विज्ञप्ति के माध्यम ले भारतीय थल सेना म 'छत्तीसगढ़ रेजीमेंट' बनाए के माँग करत रेहेंव.
बछर 1933 म 15 नवंबर के दुर्ग के पोटियाकला वार्ड म शिक्षक प्रेमसिंह साव जी के घर जनमे शिवकुमार जी नान्हे उमर ले ही अभिनय जगत म पाँव रख डारे रिहीन हें. वो मन गाँव म होवइया नाचा अउ लीला रास आदि ल रात-रात भर देखँय तहाँ ले अपन संगी जउँरिहा मन जगा कोनो सुन्ना जगा देख के वोकर नकल कर के देखावँय.
शिवकुमार जी के स्कूली नॉव शिवकुमार साहू हे. वो मन अपन नॉव संग जुड़े साहू शब्द के ठउर म दीपक शब्द ल जोड़े के संबंध म बतावँय- बछर 1957 म नागपुर म अखिल भारतीय युवा महोत्सव के आयोजन होय रिहिसे, जेमा वो मन अपन एकाभिनय के प्रदर्शन करे रिहीन हें. तब के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ह उँकर वो अभिनय के जबर प्रशंसा करे रिहीन हें अउ कहे रिहीन हें- 'तैं ह डाकू मन के अँधियार जिनगी म दीपक बरोबर बर के अँजोर बगरा दिए. तैं तो अइसे दीपक अस.. अइसे दीपक समाज म फेर परिवर्तन लावव.. अँजोर बगरावाव'. फेर का रिहिस.. शिवकुमार जी ल ए बात जँच गे तहाँ ले वो मन अपन नॉव संग जुड़े साहू शब्द के ठउर म 'दीपक' लिखे लगिन.
कक्षा पाँचवीं म पढ़त बेरा शिवकुमार जी अपन पहला नाटक 'शहंशाह' करीन, जेमा वो मन 'धुंधमार' के भूमिका निभाए रिहीन हें. वो मन हिंदी के संगे-संग छत्तीसगढ़ी कला संसार म घलो अपन अभिनय क्षमता ल देखावत रिहीन हें. इहाँ के सांस्कृतिक जगत म इतिहास बन के अमर होय चंदैनी गोंदा, नवा बिहान, सोनहा बिहान, हरेली जइसन लोकनाट्य मन म महत्वपूर्ण भूमिका निभाए रिहीन हें. शिवकुमार जी के एकाभिनय के संसार घलो जबर पोठ हे. वोकर मन के द्वारा करे गे 9 प्रमुख नाटक हें- हरितक्रांति, ठाकुर जनरैल सिंह, लमसेना, जीवन पुष्प, सौत झगरा, एक था गाँधी, बटोरन लाल, छत्तीसगढ़ी महतारी अउ श्री 420.
छत्तीसगढ़ी फिलिम जगत म घलो उन एकर शुरुआत ले ही जुड़े रिहीन हें. छत्तीसगढ़ी भाखा के पहला सिनेमा 'कहि देबे संदेश' अउ दूसरा सिनेमा 'घर द्वार' ले लेके जिनगी के आखिरी साँस तक सरलग बनत छत्तीसगढ़ी सिनेमा मन म अपन अभिनय जौहर के प्रदर्शन करत रिहीन. वो मन हिंदी, छत्तीसगढ़ी अउ मालवी सिनेमा मन के करीब चार कोरी अकन फिलिम म अभिनय करिन. मुंबई म बन के प्रदर्शित होवइया एक दू हिंदी धारावाहिक मन म घलो वो मन अभिनय करे रिहीन हें.
शिवकुमार जी ल अनेकों सामाजिक अउ सांस्कृतिक संस्था मन द्वारा सम्मानित करे जावत रिहिसे. एकर संगे-संग वो मनला लोगन के मया-दुलार अउ सम्मान मिलत रिहिसे तेन ह सबले अनमोल हे. जिनगी के आखिरी साँस तक कला संसार म सक्रिय रहे शिवकुमार जी 25 जुलाई 2024 के ए नश्वर दुनिया ले बिदागरी लेके परमधाम के रद्दा धर लिए रिहीन हें. उँकर सुरता ल पैलगी जोहार.
-सुशील भोले
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