जटाधारी शिव के प्रागट्य दिवस पर आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति में भगवान शिव को तीन अलग-अलग तिथियों में तीन अलग-अलग रूपों में प्रगट होनी की बात कही जाती है।
श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को लिंग रूप में प्रगट होने की, अगहन (मार्गशीर्ष) माह की पूर्णिमा तिथि को ज्योति स्वरूप और फाल्गुन कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को जटाधारी के रूप में प्रगट होने की बात कही जाती है।
तो आइए, जटाधारी संहारकर्ता शिव की भक्ति में हम सब समर्पित हो जाएं...
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