मित्रों,
अभी आप सभी ने रामनवमी का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया।
आप सभी जानते हैं कि हमारी संस्कृति में त्रिदेव की व्यवस्था है, जिसके अनुसार ब्रम्हा जी निर्माण कार्य करते हैं, विष्णु जी पालन का कार्य करते हैं, और शिव जी संहार का कार्य करते हैं।
अब आप यह बताइये कि राम और कृष्ण ने अपने जीवन में कौन सा कार्य किया? पालनकर्ता का या संहारकर्ता का?
मुझे अपने साधनाकाल में यह बताया गया था कि राम और कृष्ण शिव के अंशावतार थे, इसीलिए उनका जीवन शिव की तरह संहारकर्ता के रूप में व्यतीत हुआ।
सीता का जीवन भी पार्वती की तरह त्याग और तपस्यापूर्ण व्यतीत हुआ न कि लक्ष्मी की तरह वैभवपूर्ण।
आप क्या कहते हैं?
मुझसे इस पते पर भी संपर्क किया जा सकता है-
सुशील भोले
म.नं. 41-191, कस्टम कालोनी के सामने,
डॉ. बघेल गली, संजय नगर (टिकरापारा)
रायपुर (छ.ग.) मोबा. नं. 098269 92811
ई-मेल - sushilbhole2@gmail.com
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