(जन-जागरण के लिए एक छत्तीसगढ़ी गीत)
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धर मशाल ल तैं ह संगी, जब तक रतिहा बांचे हे
पांव संभाल के रेंगबे बइहा, जब तक रतिहा बांचे हे....
अरे मंदिर-मस्जिद कहूं नवाले, माथा ल तैं ह संगी
फेर पीरा तोर कम नइ होवय, जब तक रतिहा बांचे हे....
नवा अंजोर तो लाना परही, नवा विचार के रद्दा ले
अंधियारी संग जुझना परही, जब तक रतिहा बांचे हे.....
देश मिलगे राज बनगे, फेर सुराज अभी बांचे हे
जन-जन जब तक जबर नइ होही, जब तक रतिहा बांचे हे...
अबड़ बड़ाई सब गाये हें, सोसक ल सरकार कहे हें
हम तो सच ल कहिबो संगी, जब तक रतिहा बांचे हे...
नवा किरण तो लटपट आथे, फेर उदिम करना परही
चलौ यज्ञ कराबो आजादी के, जब तक रतिहा बांचे हे....
सुशील भोले
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 098269-92811
फेसबुक - http://www.facebook.com/kavisushil.bhole
ईमेल - sushilbhole2@gmail.com
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धर मशाल ल तैं ह संगी, जब तक रतिहा बांचे हे
पांव संभाल के रेंगबे बइहा, जब तक रतिहा बांचे हे....
अरे मंदिर-मस्जिद कहूं नवाले, माथा ल तैं ह संगी
फेर पीरा तोर कम नइ होवय, जब तक रतिहा बांचे हे....
नवा अंजोर तो लाना परही, नवा विचार के रद्दा ले
अंधियारी संग जुझना परही, जब तक रतिहा बांचे हे.....
देश मिलगे राज बनगे, फेर सुराज अभी बांचे हे
जन-जन जब तक जबर नइ होही, जब तक रतिहा बांचे हे...
अबड़ बड़ाई सब गाये हें, सोसक ल सरकार कहे हें
हम तो सच ल कहिबो संगी, जब तक रतिहा बांचे हे...
नवा किरण तो लटपट आथे, फेर उदिम करना परही
चलौ यज्ञ कराबो आजादी के, जब तक रतिहा बांचे हे....
सुशील भोले
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