जतका बड़का सपना होथे संघर्ष घलो वतके होथे अलकर भुइयां पटपर रद्दा काटांखूंटी घलो मिलथे इही सबला चतवारत जूझत बढ़त जाबे लक्ष्य डहर तभे सफलता के मोर मुकुट माथा म जी संगी सजथे -सुशील भोले-9826992811
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