तर्पण, शरीर को या आत्मा को....?
कई लोग यह तर्क देकर पितृपक्ष में दिए जाने वाले तर्पण का उपहास उड़ाते हैं, कि मृत शरीर जिसे जलाकर राख कर दिया गया, किसी नदी में बहा दिया गया, उसे पितृपक्ष पर दिया जाने जल या तर्पण कैसे प्राप्त हो सकता है?
यह तर्क अपने आप में अच्छा लगता है, पर सही नहीं है, क्योंकि तर्पण मृत शरीर को नहीं, बल्कि उसमें स्थित रही आत्मा को दिया जाता है। और आप सभी जानते हैं, कि आत्मा अविनाशी है, अनंत है। जो ब्रम्हांड में कहीं न कहीं विचरण कर रही होती है। इसलिए यह कहकर तर्पण नहीं करना उचित नहीं है, कि उसे अर्पित किए गए हमारे पुरखों को प्राप्त नहीं होगा।
अवश्य प्राप्त होता है। इसलिए अपने पितरों को तर्पण अवश्य दीजिए, अनावश्यक तर्क वितर्क से अलग रहकर।
-सुशील भोले
आदि धर्म जागृति संस्थान रायपुर
मो. 9826992811
Monday, 16 September 2019
तर्पण, शरीर को या आत्मा को...?
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