(महाकवि कालिदास की अमरकृति *मेघदूतम्* में आषाढ़ मास के प्रथम दिवस पर भेजे गये *मेघदूत* को संबोधित कर लिखा गया एक छत्तीसगढ़ी गीत। फोटो - सरगुजा स्थित रामगिरी पहाड़ी की जहां कालिदास ने * मेघदूत* का सृजन किया था। साभार : ललित डाट काम से।)
अरे कालिदास के सोरिहा बादर, कहां जाथस संदेशा लेके
हमरो गांव म धान बोवागे, नंगत बरस तैं इहां बिलम के...
थोरिक बिलम जाबे त का, यक्ष के सुवारी रिसा जाही
ते तोर सोरिहा के चोला म कोनो किसम के दागी लगही
तोला पठोवत बेर चेताये हे, जोते भुइयां म बरसबे कहिके...
धरती जोहत हे तोर रस्ता, गरभ ले पिका फोरे बर
नान-नान सोनहा फुली ल, पवन के नाक म बेधे बर
सुरुज गवाही देही सिरतोन बात बताही तोर बिलमे के...
रोज बिचारा बेंगवा मंडल बेरा उत्ते तोला सोरियाथे
अपन सुवारी संग सिरतोन, राग मल्हार घंटों गाथे
तबले कइसे जावत हस तैं, काबर सबला अधर करके....
सुशील भोले
म.नं. 54-191, डॉ. बघेल गली,
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 080853-05931, 098269-92811
ईमेल - sushilbhole2@gmail.com
(रामगिरी पहाड़ी पर उमड़ते मेघदूत) |
(एेतिहासिक रामगढ़ की पहाड़ी जहां पर कालिदास ने मेघदूत का सृजन किया था।) |
अरे कालिदास के सोरिहा बादर, कहां जाथस संदेशा लेके
हमरो गांव म धान बोवागे, नंगत बरस तैं इहां बिलम के...
थोरिक बिलम जाबे त का, यक्ष के सुवारी रिसा जाही
ते तोर सोरिहा के चोला म कोनो किसम के दागी लगही
तोला पठोवत बेर चेताये हे, जोते भुइयां म बरसबे कहिके...
धरती जोहत हे तोर रस्ता, गरभ ले पिका फोरे बर
नान-नान सोनहा फुली ल, पवन के नाक म बेधे बर
सुरुज गवाही देही सिरतोन बात बताही तोर बिलमे के...
रोज बिचारा बेंगवा मंडल बेरा उत्ते तोला सोरियाथे
अपन सुवारी संग सिरतोन, राग मल्हार घंटों गाथे
तबले कइसे जावत हस तैं, काबर सबला अधर करके....
सुशील भोले
म.नं. 54-191, डॉ. बघेल गली,
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 080853-05931, 098269-92811
ईमेल - sushilbhole2@gmail.com
घात सुग्घर लागिस तुुॅुँहर ब्लाग हा...
ReplyDeleteअइसन परयास सरलग चलत राहय...
http://nwabihan.blogspot.com/
धन्यवाद संतोष भाई... मैं आपके ब्लाग ल तो देखतेच रहिथंव
ReplyDelete