दुनिया का कोई भी ग्रंथ न तो पूर्ण है, और ना ही पूर्ण सत्य है। इसलिए यदि आप सत्य को जानना या समझना चाहते हैं, तो साधना के माध्यम से आत्मज्ञान प्राप्त करें। केवल साधना और अनुभव के द्वारा प्राप्त ज्ञान ही सत्य तक पहुंचने का एकमात्र उत्तम रास्ता है।
*सुशील भोले*
*सुशील भोले*
Saarthak Vichar
ReplyDeleteधधन्यनाद मोनिका जी
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