Friday 6 August 2021

पोथी.. चंदैनी गोंदा..

पोथी के गोठ//
चंदैनी गोंदा : छत्तीसगढ़ की एक सांस्कृतिक यात्रा...
     डहर चलती गोठबात म कहिन त 'चंदैनी गोंदा' एक मौसमी फूल आय, जेन पिंयर-कत्थई रंग के पंखुड़ी मन के झोप्फा म मुस्की ढारत एती-तेती जामे दिख जाथे. फेर जब इही 'चंदैनी गोंदा' के गोठ छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक अस्मिता के संदर्भ म होथे, त इहाँ के सांस्कृतिक गौरव जागरण के संगे-संग छत्तीसगढ़ राज आन्दोलन के डोंगा ल रचनात्मक रूप ले आगू बढ़इया पतवार के रूप म देखथन.
   दाऊ रामचंद्र देशमुख जी के सिरजन, संयोजन अउ निर्देशन म एकर पहला प्रदर्शन 7 नवंबर 1971 के उंकरेच गाँव बघेरा म होए रिहिसे. तब ले चले सांस्कृतिक आन्दोलन ह छत्तीसगढ़ के लगभग हर गाँव म आजो कोनो न कोनो नांव अउ रूप म चलतेच हे.
     ए बात अलग हे, के दाऊजी जेन मिशन अउ भव्यता के संग एकर नेंव रचे रिहिन हें, वो ह कोनोच मेर छाहित होवत नइ दिखय. आज तो लोगन एकर नांव म पद, पइसा अउ प्रसिद्धि के जुगाड़ म चिथियाए जादा दिख जथें. तब वो गौरवशाली रूप अउ वोकर संग जुड़े उद्देश्य के सुरता रहि-रहि के आथे. मन म एक तड़प उठथे, के फेर वो दिन लहुट के आ जावय. अभी एदे डा. सुरेश देशमुख जी के संपादन म छपे पोथी "चंदैनी गोंदा : छत्तीसगढ़ की एक सांस्कृतिक यात्रा..." ल देख-पढ़ के अउ जादा जनाय ले धर लिए हे. अउ भरोसा घलो होवत हे के ए पोथी ल पढ़े के बाद कोनो न कोनो देशमुख ए धान कटोरा म फेर आही, जेन सांस्कृतिक वैभव के गौरवशाली बेरा ल फेर परघाही.
    सुरेश देशमुख जी दाऊजी के पारिवारिक सदस्य होए के संगे-संग 'चंदैनी गोंदा' के सिरजन के संग ले ही वोकर व्यवस्था के देखरेख अउ उद्घोषक के रूप म जुड़े रहे हें, तेकर सेती ए पोथी के प्रमाणित अउ विस्तारित रूप ले जादा महत्व हे. अपन संपादन म छपे ए पोथी ल उन द्वितीय संस्करण (संशोधित अउ परिवर्धित) बतावत जानकारी दिए हें, एकर पहला संस्करण साहित्यिक पुरखा नारायण लाल परमार अउ त्रिभुवन पांडेय के समिलहा संपादन म 7 दिसंबर 1976 के छप के आए रिहिसे. वो बखत के पहला संस्करण म छपे संपादकीय ल घलो ए दूसरा संस्करण म संघारे गे हवय.
   ए पोथी ल दू खंड म कुल सोलह अध्याय के अन्तर्गत विस्तारित करे गे हवय. पहला खंड म - कृतित्व दाऊ रामचंद्र देशमुख. अध्याय-1 इतिहास : अतीत का पुनरावलोकन. अध्याय-2 पृष्ठभूमि और प्रेरक परिस्थितियां. अध्याय-3 कोहरे से झांकते गाँवों की ओर (संस्मरण अउ कथाभूमि). अध्याय-4 भोर की तलाश : सांस्कृतिक अध्ययन. अध्याय-5 थिरकते तन और संवैदित मन (कलाकार परिचय). अध्याय-6 चंदैनी गोंदा - गीत कुंज. अध्याय-7 चंदैनी गोंदा - मूल कथानक. अध्याय-8 सर्जनाएं ये भी हैं. अध्याय -9 अनसुनी : अधसुनी - डा. सुरेश देशमुख. अध्याय-10 दाऊ रामचंद्र देशमुख - पारिवारिक पृष्ठभूमि अउ संक्षिप्त जीवन परिचय. अध्याय-11 सामाजिक परिवर्तन के संबंध में लोककला - रामचंद्र देशमुख. अध्याय-12 सनद रहे ( वो बखत के प्रमुख व्यक्तित्व मन के पाती के संकलन). अध्याय-13 जैसा हमने उन्हें जाना (दाऊजी के व्यक्तित्व ऊपर महत्वपूर्ण आलेख). अध्याय-14 बातचीत (कुछ खास लोगन संग दाऊजी के संबंध म करे गे साक्षात्कार). अध्याय -15 आमने-सामने (दाऊ रामचंद्र देशमुख से ली गई भेंटवार्ताएं). अउ अध्याय-16 म उपसंहार अउ परिशिष्ट हवय.
    ए पोथी ल पढ़े के बाद हमला दाऊ रामचंद्र देशमुख जी के पारिवारिक इतिहास के जानकारी तो मिलबेच करथे, संग म इहू जाने ले मिलथे, के चंदैनी गोंदा के पहिली उन का-का करिन अउ फेर चंदैनी गोंदा के विसर्जन के पाछू का करिन. चंदैनी गोंदा के जम्मो रचना मन के संगे-संग उंकर रचनाकार मनके फोटो संग परिचय घलो मिलथे. सांस्कृतिक मंच के परंपरा ह खड़े साज ले होवत चंदैनी गोंदा तक पहुँचे म का-का रूप परिवर्तित करिस. अउ वो सब तमाम जानकारी, जेकर आज के पीढ़ी ल जानना जरूरी हे वो सबो ए पोथी म समाए हे.
   ए बड़का बुता ल सिध पारे खातिर डा. सुरेश देशमुख जी के संगे-संग वो जम्मो हितवा मन आभार अउ जोहार के पात्र हें, जे मन ए पोथी के सिरजन म कोनो न कोनो रूप ले सहयोगी हें.
    छत्तीसगढ़ी भाखा, संस्कृति अउ गरब-गुमान खातिर जिंकर मन म मया अउ आदर भाव हे, उनला ए पोथी ल खंचित पढ़ना अउ धरोहर के रूप म संजो के रखना घलो चाही. ए पोथी ल पाए खातिर या अउ कोनो किसम के जानकारी खातिर एकर संपादक डॉ. सुरेश देशमुख जी ले उंकर मोबाइल नंबर 8889770085 म या फेर सर्वप्रिय प्रकाशन दिल्ली या उंकर छत्तीसगढ़ के सहयोगी संस्थान वैभव प्रकाशन रायपुर ले संपर्क करे जा सकथे.
-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो/व्हा. 9826992811

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