5 जनवरी जयंती म सुरता//
दान-धरम के सउंहे रूप सुंदर लाल जी कौशिक
छत्तीसगढ़ के पावन भुइयाॅं पावन इहाँ के लोग
महादेव कस औघड़ दानी कतकों संग बनगे संजोग
धन-दौलत तो देबेच करीन सउंहे देंह घलो कर दीन दान
एकरेच सेती पावत हें अब उन इहाँ देवता बरोबर मान
छत्तीसगढ़ दान-पुन्न अउ सेवा-धरम के भुइयाॅं आय. एकरे सेती इहाँ के कण-कण म नर ल नारायण मान के दान-धरम करत लोगन के पबरित अउ महान रूप देखे बर मिल जाथे.
ए बात ल तो आज सबो जान डारे हवंय के पूरा दुनिया म सिरिफ छत्तीसगढ़ ही ह एकमात्र अइसन भुइयाॅं आय जिहां दान देवई अउ लेवई ल परब के रूप म मनाए जाथे. एकरे सेती ए दान के परब 'छेरछेरा' ह इहाँ के लोगन के भीतर संस्कार के रूप म संचरे असन जना जाथे.
हमर इहाँ इतिहास के सबले बड़का दानी के रूप म राजा मोरध्वज ल जानथन, जेन ह अपन बेटा ताम्रध्वज ल सउंहे आरा म दू फांकी काट के परीक्षा लेवत भगवान कृष्ण के आगू म मढ़ा दिए रिहिन हें.
आज के बेरा म घलो अइसन औघड़ दानी के रूप हमला बेरा-बेरा म देखे ले मिलत रहिथे. हमन इहाँ दाऊ कल्याण सिंह, सेठ किरोड़ी मल, नगरमाता बिन्नीबाई सोनकर जइसन मनला देखत आए हन. दान-धरम अउ नर ल नारायण के रूप मान के सेवा करइया के इही रद्दा म रेंगइया सुंदर लाल कौशिक जी ल घलो अभीचे देखे हावन.
बछर 1956 म 5 जनवरी के दिन गाँव कमरीद जिला जांजगीर चांपा के किसान सुदर्शन प्रसाद जी कौशिक अउ महतारी राधा देवी जी के घर अवतरे सुंदरलाल जी संग मोर साक्षात भेंट तो नइ हो पाइस, फेर उंकर गुनवंतीन बेटी ऋतंभरा कौशिक जी के माध्यम ले उनला जाने-समझे के सौभाग्य मिलिस.
सुंदर लाल जी दान-धरम के कारज के संगे-संग लोगन म संचरे अज्ञानता अउ भरम के मायाजाल ले घलो लोगन ल निकाले के उदिम करत राहंय. उन अनाथ लइका मन के बारे म बगरे भरम ले निकाले खातिर खुदे अनाथ लइका मन संग राहंय, उंकरे रांधे-चुरोए भात-बासी ल खावंय अउ उंकरेच मन द्वारा बोरिंग या कुआँ-बावली ले लाने पानी ल पीयत राहंय. उनला अपन सग लइका ले बढ़ के मया अउ दुलार करंय. नान्हे लइका मनला अपन संस्था 'माँ भगवती देवी वात्सल्य मंदिर' कमरीद म राख के सेवा करंय.
सुंदर लाल जी तीन भाई अउ दू बहिनी म जेठ रहिन. जब उन 10 बछर के रहिन तभे उंकर सियान सरग सिधार दिए रहिन हें. घर के जेठ बेटा होय के सेती घर के जम्मो जवाबदारी तब उंकरेच ऊपर आगे रिहिसे.
खेती-खार तो सुंदर लाल जी मन के भरपूर रिहिस, फेर वो बखत धान-पान के ऊपज ह आज असन नइ हो पावत रिहिसे, तेकरे सेती उनला परिवार के भरन-पोसन खातिर आने ठउर म जा के काम-बुता करे बर लागिस.
अपन गाँव कमरीद म उन सुंदर गौंटिया के नॉव ले जाने जावंय. लइकई उमर ले उन रामायण गाये अउ प्रवचन करत रिहिन. लोगन उंकर प्रतिभा ल देख के मोहित हो जावंय. उंकर रामायण के सुघ्घर प्रस्तुति खातिर कतकों जगा ईनाम अउ सम्मान मिलत राहय.
सुंदर लाल जी के स्कूली पढ़ई गाँव अफरीद म होइस, तेकर पाछू फेर जांजगीर म दसवीं तक पढ़ीन. कुछ बछर तक उन गाँव जोबी म राहत कृष्ण लीला म भाग लेवत रिहिन. उंकर बिहाव 16 बछर के उमर म गाँव नैला के नीरा देवी संग होए रिहिसे.
सुंदर लाल जी के सियान धार्मिक स्वभाव के रिहिन, तेकर सेती उहू मनला विरासत म अइसन गुन मिले रिहिसे. बछर 1978 म सुंदर लाल जी गायत्री परिवार संग जुड़िन तहाँ ले उन सामाजिक कारज म पूरा जुड़गे रिहिन. बछर 1980 म पं. श्रीराम शर्मा जी ले दीक्षा ले के ए संस्था के प्रचारक बनगे रिहिन. इहाँ ले फेर उंकर उल्लेखनीय कारज शुरू होइस.
पहिली गाँव कमरीद म प्रायमरी तक ही स्कूल रिहिस, जेला आगू बढ़ावत उन अपन बेटा स्व. जगदीश प्रसाद कौशिक के नॉव ले मिडिल तक करवाईन. अपन महतारी स्व. राधा देवी के नॉव ले आचार्य श्रीराम शर्मा हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल अपन खुद के जमीन बेच के करवाईन अउ बछर 1990 ले संचालित घलो करत रिहिन.
अपन सियान स्व. सुदर्शन प्रसाद जी के नॉव म गायत्री शक्तिपीठ चांपा के मंदिर ऊपर तीन ठन कुरिया बनवाईन. माता भगवती देवी वात्सल्य मंदिर कमरीद के नॉव ले अनाथालय बनवाईन, जिहां लइका मनला पढ़ा लिखा के बर-बिहाव घलो करवाईन. उन बछर भर कुष्ठ निवारण संघ कात्रे नगर चांपा म रहि के सेवा घलो करीन.
कुर्मी समाज के फिरका परस्ती ल टोर के अपन बेटा बद्रीविशाल के बिहाव आने फिरका ले करवा के एक मिशाल पेश करीन. अपन गाँव के तीन ठन तरिया मनला कोड़वा के मुक्ति धाम, शौचालय, चौरा आदि बनवाईन. गरीब निवाज सेवा समिति के माध्यम ले गरीब मन के मदद जिनगी भर करीन. पर्यावरण खातिर सचेत राहत उन सौ ले आगर पौधा लगाईन, जे मन आज सउंहे रूख बन के उंकर महिमा के गान करत हें.
सांकरा म विश्वविद्यालय खातिर लाखों रुपिया देइन त चिल्हाटी म हाई स्कूल के बढ़ोत्तरी खातिर घलो आर्थिक सहयोग देइन संग म अपन सुवारी दूनों तन मन धन ले कारज करत रिहिन.
बछर 2020 म अपन घर म यज्ञ करवा के परिवार वाले मन के आगू म अपन देहदान के घोषणा करत जीतेच जीयत अपन खुद के श्राद्ध तर्पण घलो कर डारे रिहिन. देह दान करे के संग ही सुंदर लाल जी अपन जीवन दान घलो करे रिहिन. देहदान के बाद तीन बछर तक उन घर-परिवार के त्याग कर के शक्तिपीठ अउ प्रज्ञापीठ मन म समयदान करत जनजागरन के कारज करत रिहिन.
अपन देहत्याग के पाछू कोनो किसम के भोज नइ करवाए के संग कोनोच किसम के क्रिया-क्रम करे बर बरजे रिहिन हें. उन चेताय रिहिन हें के अगर कुछु देना ही हे, त गरीब लइका मन बर जेन फंड बनाए हे, वोमा दान कर देहू या फेर वृक्षारोपण जइसन लोकहित के कारज करे बर कहे रिहिन हें.
लइका मन के विकास खातिर बाल संस्कार शाला के स्थापना करे रिहिन हें, जेकर संचालन खातिर बाल आचार्य के रूप म विवेकानंद कौशिक अउ प्रज्ञानंद कश्यप ल जिम्मेदारी दे रिहिन हें. युवा मन के विकास खातिर घलो वो मन युवा जागरण शिविर चलावंय उंकर संगठन बनाईन, जेकर मुखिया बद्रीविशाल कौशिक ल बनाईन.
महिला मनला आगू बढ़ाय खातिर 'सविता महिला मंडल' के गठन कर एकर जवाबदारी ऋतंभरा कश्यप ल देइन. अइसने चांपा के गायत्री शक्तिपीठ म अपन परिवार वाले मन जगा आर्थिक सहयोग करवा के गजब अकन निर्माण कारज करवाए रिहिन हें.
अनाथ लइका मन के पालन पोषण अउ विकास खातिर अपन एक एकड़ जमीन ल ट्रस्ट ल दान कर दिए रिहिन हें. गाँव के चहुंमुखी विकास खातिर घलो उन कतकों किसम के आयोजन अउ कारज करतेच राहंय.
नर ल ही नारायण के सउंहे रूप मान के उंकर सेवा करत सुंदर लाल कौशिक जी 27 फरवरी 2023 के अपन नश्वर देह के त्याग कर के अपन सूक्ष्म शरीर ल माँ गायत्री के चरण म समाहित कर देइन. उंकर सुरता ल पैलगी जोहार.
-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो/व्हा. 9826992811
सुंदर लाल कौशिक जी को हार्दिक श्रद्धा सुमन
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