टोपी लगाथे अउ झंडा हलाथे, बड़ा बाय होगे जी
अरे बाय होगे जी, टूरा लेडग़ा ल जाने काय होगे...
संसद के रस्ता अब सबला सुहाथे
लुड़ू-बुचु सबो झन उही तनी जाथे
सिधवा बर छेंका अउ ठगुवा बर झांय होगे जी...
जनता के सेवा अब चुल्हा म चल दिस
जेने बनीस संगी, उही ल हुदर दिस
अब बदला भंजाय के, ये तो उपाय होगे जी...
मोर खेदू-बिसाहू मन उमियाय परे हें
ये पैडगरी रद्दा ल कबिया के धरे हें
बिच्छल हे भुइयां, तभो उंकर बर ठांय होगे जी...
सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर (छ.ग.)
ई-मेल - sushilbhole2@gmail.com
मो.नं. 080853-05931, 098269-92811
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