बाजार में पुतरा-पुतरी बेचती एक लड़की |
वैशाख मास की शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को छत्तीसगढ़ में अक्ती के नाम से जाना जाता है। इसे हिन्दी भाषी इलाकों में अक्षय तृतीया के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि को शुभ मानकर देश के कई भागों में इस दिन बड़े पैमाने पर शादी-व्याह और अन्य मांगलिक कार्य किये जाते हैं। हमारे यहां इस दिन पुतरा-पुतरी (गुड्डे-गुडिय़ा) का विवाह बच्चों के द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ किया जाता है।
पुतरा-पुतरी विवाह करती लड़कियां |
बाजे-गाजे के साथ चुलमाटी के लिए जाती बच्चियाँ |
टिकावन के लिए पुतरा-पुतरी की सुवासिन बनी लड़की |
सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर (छ.ग.)
ई-मेल - sushilbhole2@gmail.com
मो.नं. 080853-05931, 098269-92811
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