Tuesday, 21 December 2021

हाना..

गुरु के बाना अउ पुरखा के हाना
दूनों के मरम ल एके बरोबर जाना
-सुशील भोले

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जवान जोगी बइद रोगी सूर के पीठ म घाव
हाथी म चढ़के भीख मांगय तेला झन पतियाव

* यदि योगी युवा हो और वैद्य रोगग्रस्त हो, शूरवीर की पीठ में घाव हो और यदि कोई हाथी पर चढ़कर भीख मांगता हो, तो ये सब विश्वास करने योग्य नहीं हैं.

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पियास न चीन्हे धोबीघाट, भूख न चीन्हे बासी-भात
नींद न चीन्हे मरघट-घाट, मया न चीन्हे जात-कुजात

* प्यास सिर्फ पानी को ही पहचानता है, वह किस घाट का है इससे कोई मतलब नहीं. भूख अपनी क्षुधापूर्ति के लिए कुछ भी उदरस्थ कर लेता है. नींद के वश में होने पर आदमी श्मशान घाट नहीं देखता, ठीक उसी तरह प्रेम हो जाने पर आदमी जाति अथवा कुजाति के चक्कर में नहीं पड़ता.

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अड़हा मारय टेनपा त मुंड़-कान फूट जाय
सियान मारय बात त अंतस म धंस जाय

* मूर्ख व्यक्ति लाठी से मारता है तो सामने वाले का सिर फूट जाता है, लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति जब उससे मर्मभेदी बात करता है, तो उसे कई दिनों तक सालता रहता है.

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बिन आदर के पहुना, बिन आदर घर जाय
टेंड़वा मुंह कर भात परोसे, कुकुर बरोबर खाय

* बिना बुलाए या बिना आदर के किसी के घर मेहमान बनकर जाता है, तो गृहस्वामिनी उसे टेढ़ा मुंह करके भात परोसेगी और उसका खाना कुत्ते के जैसा खाना होगा.

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फोकट फोदा पाइन त बाप-पूत धाइन
कौड़ी लागिस त बलाए घलो म नइ आइन

* अगर मुफ्त में मिले तो बाप-बेटा दोनों चले आए, लेकिन अगर कौड़ी खर्च करना पड़ जाए तो बुलाने से भी नहीं आएंगे.

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खेती रहिके परदेस म खाय
तेकर जनम अकारथ जाय

* जिनके पास अन्नपूर्णा जैसी खेती हो, तब भी उसे छोड़कर अन्य देश में कमाना-खाना पड़ रहा है, तो ऐसे लोगों का जन्म लेना व्यर्थ है.

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आमा बोवय अमली बोवय बोवय पेड़ बमूर
आन के लइका का सेवय, न कंतर न मूर

* चाहे आम का पेड़ लगाओ या इमली का या फिर बबूल का, दूसरे के लड़के की सेवा से न लागत मिलती है, न ब्याज और न ही मूलधन.

-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर (छत्तीसगढ़)
मो/व्हा. 9826992811

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