6 जनवरी 2013 को मैंने फेसबुक पर *आम औरत पार्टी* .. की संभावनाअों पर एक पोस्ट किया था, जिसे दुर्ग-भलाई के एक अखबार ने अपनी सुर्खियों में स्थान दिया है.....
मैटर इस तरह था--
आम औरत पार्टी क्यों नहीं....
मेरे एक मित्र का कहना है कि *आम आदमी पार्टी* की तर्ज पर *आम औरत पार्टी* का भी गठन किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि महिला अधिकारों से संबंधित मुद्दों को इससे बल मिलेगा, साथ ही सत्ता में इनकी भागीदारी भी बढ़ेगी, जिससे महिलाअों के साथ हो रहे पक्षपात और अत्याचारों पर अंकुश लगेगा। आप इस विषय पर क्या कहना चाहेंगे.....
मैटर इस तरह था--
आम औरत पार्टी क्यों नहीं....
मेरे एक मित्र का कहना है कि *आम आदमी पार्टी* की तर्ज पर *आम औरत पार्टी* का भी गठन किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि महिला अधिकारों से संबंधित मुद्दों को इससे बल मिलेगा, साथ ही सत्ता में इनकी भागीदारी भी बढ़ेगी, जिससे महिलाअों के साथ हो रहे पक्षपात और अत्याचारों पर अंकुश लगेगा। आप इस विषय पर क्या कहना चाहेंगे.....
No comments:
Post a Comment