//बरोबरी के चिन्हारी//
नेता जी
आज नंगत के गदकत रिहिसे
वो बतावत रिहिसे-
हमन कोरी भर लोगन के
घर वापसी करवाए हन.
एती-तेती के संगत म चल दिए रिहिन हें
उन जम्मो के पांव धोवा के
उंकर खांध म पिंयर पंछा मढ़ा के
वापस अपन संगत म संघारे हन.
मोला वोकर गोठ सुन के गजब सुग्घर लागिस.
त पूछ परेंव-
अच्छा ए तो बतावौ
जेन भेदभाव, ऊँच-नीच
अउ हीनमान के सेती
उन तुंहर संगत ल छोड़ के
दूसर मन के संगत म हमागे रिहिन हें,
अब वो जम्मो भेदभाव ल
तुमन सिरवा डारेव का?
का अब तुमन
वो घर वापसी वाले लोगन मन संग
रोटी-बेटी अउ जम्मो किसम के
रिश्ता-नता ल
जोड़ लिए हौ?
नेता जी,
ए बात के जवाब नइ दे पाइस.
त मैं मने मन म गुनेंव-
त फेर का बात के होइस
घर वापसी?
फेर कभू इन धर लेहीं
उंकरेच मन के संगत
जेन इनला
देहीं बरोबरी के चिन्हारी.
-सुशील भोले-9826992811
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