कोंदा-भैरा के गोठ-13
-जब इंदिरा गाँधी ह ए देश के प्रधानमंत्री रिहिसे तेन बखत मीसा लगा के अबड़ झन सामाजिक अउ राजनीतिक कार्यकर्ता मनला जेल म धाॅंध दे रिहिसे तेकर सुरता हे नहीं जी भैरा?
-खंचित सुरता हे जी कोंदा.. इहाँ तो ए मनला लोकतंत्र सेनानी के रूप म सम्मान राशि घलो दे जावत रिहिसे.
-हाँ.. अब फेर ए मनला सम्मान राशि मिलइया हे, जेला पाछू के सरकार ह बंद कर दे रिहिसे.
-ए तो बने बात आय संगी.. जइसे देश के आजादी खातिर आन्दोलन करइया मनला सम्मान दिए गइस वइसने लोकतंत्र ल बचाने वाला मनला घलो सम्मान मिलना चाही, फेर मोला आजतक एक बात के गजब ताज्जूब होथे संगी.
-का बात के जी?
-भई छत्तीसगढ़ राज खातिर घलो तो इहाँ के लोगन कतकों पीढ़ी तक सरलग संघर्ष करत रहें हें, त फेर ए छत्तीसगढ़ राज आन्दोलनकारी मनला आज तक कोनो किसम के मान-सम्मान काबर नइ दिए जाय?
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-सकट जोहार जी भैरा.
-जोहार जी कोंदा.. कइसे आजे आय का जी संगी.
-हव आज छेरछेरा परब के बाद के चउथ आय ना.. लगते माघ के?
-हव आय तो.
-हाँ आज महतारी मन अपन लइका मनला जम्मो किसम के संकट ले बचाए खातिर उपास रइहीं अउ रतिहा चौथ के चंदा ल अरघ देके फरहार करहीं.
-हाँ करथें तो जी.. अइसने कमरछठ म घलो सगरी म शिव पार्वती के पूजा कर के लइका मनला पिड़ौरी छूही के पोतनी म मार के उपास टोरथें.
-हव.. महतारी मन बर तो लइका मन ही सबले बढ़ के होथे.. एकरे सेती उन इंकरे चिंता फिकर अउ जतन जादा करथें. अउ तैं जानथस आज के परब ल का के सेती मनाए जाथे?
-बताना भई.
-भगवान गणेश के पहिली वाले मुड़ी के सुरता अउ सम्मान म. अभी जेन फोटो म देखथन ना.. ए ह बाद म जब भोलेनाथ ह हाथी के मुड़ी ल लगाए रिहिसे तेन वाला आय. एकर पहिली शिव जी ह वोकर मुड़ी ल काट दिए रिहिसे ना.. उही कटे वाले मुड़ी ह चंदा म जाके समाहित होगे रिहिसे. आज संकटी चतुर्थी के जेन चंदा ल अरघ दिए जाथे तेन उही गणेश जी ल देने वाला अरघ आय.
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-संक्रांति जोहार जी भैरा.
-जोहार संगी कोंदा.. फेर एला तो काली 14 जनवरी के जोहारे रेहेन का?
-हाँ फेर अब अवइया 72 बछर तक 15 जनवरी के जोहारबोन.
-वाह भई..!
-ए ह सुरूज देवता के हर बछर 20 मिनट देरी ले धनु राशि ले मकर राशि म जाए के सेती होवत हे संगी.
-अच्छा..!
-हहो.. जे मन सुरूज, चंदा अउ जम्मो ग्रह नक्षत्र मन के सरलग गिनती करत रहिथें, तेकर मन के कहना हे- सुरूज देवता ह हर बछर धनु राशि ले मकर राशि म जाय म 20 मिनट के देरी करत जावत हे. ए बीस मिनट ह 72 बछर म पूरा 24 घंटा के माने एक दिन अउ रात के फरक पर जाथे, एकरे सेती ए संक्रांति ह बछर 2008 ले ही 15 जनवरी के होगे रिहिसे, फेर वोकर बेरा ह सुरूज देवता के संझौती बूड़े के पहिली हो जावत रिहिसे तेकर सेती 14 जनवरी के ही मकर संक्रांति मनावत आवत रेहेन, फेर ए बछर 14 जनवरी के रतिहा 9.35 बजे ही सुरूज बूड़गे रिहिसे, तेकर सेती उदय तिथि म 15 जनवरी के मकर संक्रांति मनावत हावन अउ 2081 तक 15 जनवरी के मनाबो तहाँ ले 16 जनवरी जोंगाही.
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-कभू-कभू आस्था ह अंधविश्वास अउ नासमझी के चोला ओढ़ लेथे जी भैरा.
-कइसे गढ़न के जी कोंदा?
-अब देखना 22 जनवरी के भगवान राम के अयोध्या म बनत नवा मंदिर म प्राणप्रतिष्ठा हे, त कतकों अइसन गर्भवती महतारी हें जे मन चाहत हें के उंकर लइका के जनम उहिच दिन होवय, तेमा उनला भगवान के बिराजे के सुरता सबर दिन राहय अउ वोकर लइका ह भगवाने कस भागमानी हो जाय. ज्योतिष मन घलो कहि दे हें के वो दिन होवइया लइका मन पराक्रमी अउ भाग्यशाली होहीं कहिके.
-अच्छा... प्राकृतिक रूप ले अइसन होवत हे त एमा बुराई का हे जी.. ए तो बने बात ए.
-प्राकृतिक नहीं जी संगी.. ए गर्भवती मन डॉक्टर मन जगा संपर्क करत हें, तेमा आॅपरेशन के माध्यम ले उही दिन लइका जनम ले सकय.
-प्राकृतिक रूप ले उही दिन जनम होय ले वो दिन के जेन ग्रह नक्षत्र के योग होही तेकर सुफल मिल सकथे, फेर अप्राकृतिक रूप ले बरपेली जनम देवाय म घलो उही फल मिल सकही का.. ए बात के संसो जनाथे संगी.
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-बसंत पंचमी के जोहार जी भैरा.
-जोहार संगी कोंदा.. अब मौसम ह थोकिन निक असन जनाइस ना.
-हव जी सरस्वती दाई के जयंती संग जाड़ के दंदोरई ह उरके असन भावत हे.
-हव.. फेर ए बसंत पंचमी ह हमर छत्तीसगढ़ म अंडा पेड़ गड़ियाए के अउ नंगाड़ा गदकाए के घलो परब आय जी.
-हाँ ए बात तो हे.. होले डांड़ ठउर म रोज रतिहा फाग सर्राबो जी अउ होलिका ल बढ़ावत जाबो.
-फेर हमन छत्तीसगढ़ म जेन होले बढ़ोथन वो ह होलिका नहीं संगी.. कामदेव के प्रतिरूप आय.
-अच्छा..!
-हमर इहाँ कामदहन के परब मनाए जाथे. वोकरे सेती बसंत पंचमी ले लेके फागुन पुन्नी तक के लगभग चालीस दिन होले डांड़ ठउर म वासनात्मक गीत अउ नृत्य आदि के चलन चलथे, काबर ते कामदेव अउ ओकर सुवारी रति मिल के शिव तपस्या भंग करे बर अइसने चरित्तर रचे रिहिन हें.
-हव जी.. होलिका तो सिरिफ एके दिन म चीता रचवा के खुद वोमा भसम होगे रिहिसे, तब चालीस दिन के परब काबर? अउ वासनात्मक शब्द, नृत्य अउ गीत ले ओकर का संबंध?
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