इस रविवार 16 फरवरी को फेसबुक पर मित्र बनीं श्रीमती सुलेखा सोनी जी के घर पर जाने और उनके पूरे परिवार के साथ समय व्यतीत करने का सुखद संयोग बना। अवसर था ग्राम-लाटाबोड़, जिला-बालोद में आयोजित कवि सम्मेलन में भागीदारी करने का।
तहसील मुख्यालय गुंडरदेही में नोटरी का कार्य करने वाली सुलेखा जी ने मुझे पास के गांव में आने का समाचार पाकर अपने निवास पर आमंत्रित किया था। उनके साथ उनके जीवनसाथी श्री राजेश सोनी जी, उनकी सासू माँ और दोनों बेटे भी मौजूद थे।
रायपुर से मैं अकेला ही गया था, लेकिन मेरे पुराने कवि मित्र केशवराम साहू वहां पर साथी बन गये थे। आगे झलमला के पुष्कर राज भी साथ हो लिए थे। उनके साथ ग्राम पंचायत चौरेल के तांदुला नदी के समीप स्थित प्राचीन शिव मंदिर, प्रसिद्ध सियादेवी मंदिर और तांदुला जलाशय जाने का अवसर प्राप्त हुआ। यह कवि सम्मेलन से भी ज्यादा सुखद और स्मरणीय रहा।
तहसील मुख्यालय गुंडरदेही में नोटरी का कार्य करने वाली सुलेखा जी ने मुझे पास के गांव में आने का समाचार पाकर अपने निवास पर आमंत्रित किया था। उनके साथ उनके जीवनसाथी श्री राजेश सोनी जी, उनकी सासू माँ और दोनों बेटे भी मौजूद थे।
रायपुर से मैं अकेला ही गया था, लेकिन मेरे पुराने कवि मित्र केशवराम साहू वहां पर साथी बन गये थे। आगे झलमला के पुष्कर राज भी साथ हो लिए थे। उनके साथ ग्राम पंचायत चौरेल के तांदुला नदी के समीप स्थित प्राचीन शिव मंदिर, प्रसिद्ध सियादेवी मंदिर और तांदुला जलाशय जाने का अवसर प्राप्त हुआ। यह कवि सम्मेलन से भी ज्यादा सुखद और स्मरणीय रहा।
बहुत खूब रहा आभासी मित्र से मिलन…… शुभकामनाएं
ReplyDeleteधन्यवाद भइया जी...
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