बसंती रंग झूम-झूम जाथे
पुरवइया छेड़ दे हे फाग,
मन के मिलौना ल बलाथे....
मउहा झरत हावय मोती सही
फुलचुहकी चुहकते हो जाथे बही
फेर तो आनी-बानी राग ल सुनाथे....
परसा दहक गे हे नंदिया कछार
झुंझकुर ले झांकत हे मुड़ी उघार
वो तो लाली-लाली आगी कस जनाथे...
लाली-पिंवरी होगे हे धरती के गाल
राजा बसंत जइसे मल दे हे गुलाल
अब तो तरी-ऊपर लाले-लाल जनाथे...
सुशील भोले
41-191, डॉ. बघेल गली, संजय नगर
(टिकरापारा), रायपुर (छत्तीसगढ़)
मोबा. नं. 080853-05931, 098269-92811
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