Friday 30 September 2016

गजब बिराजे तैं ह दाई....
















गजब बिराजे तैं ह दाई छत्तीसगढ़ के भुइयां
चारोंखुंट पखारत हावंय लोगन तोरेच पइयां
तहींं कंकालीन तहीं चंडी तहीं शीतला के रूप
तहीं महामाई-खल्लारी बनके करे हस छइयां

*सुशील भोले
मो. 98269 92811,, 80853 05931

Tuesday 27 September 2016

धर्म-उद्धार.....

















धर्म-भूमि पर हुआ जब भी कोई अत्याचार
पीड़ित जन को जगाने तब आया खेवनहार
कभी बुद्ध नानक कभी कबीर और घासीदास
महावीर जैसे देव-दूतों ने किया धर्म-उद्धार

सुशील भोले
मो. 80853-05931, 98269-92811

लाठी टेकत एक महात्मा...


















लाठी टेकत एक महात्मा सरग लोक ले आइस
भोगत गुलामी सोन भुइयां म तिरंगा लहराइस
दिस आजादी सांस लिए के संग जीना सिखाइस
तइहा ले कलपत जनता बर नवा सुरुज उगाइस

सुशील भोले
मो. 80853-05931, 98269-92811

Monday 26 September 2016

रोग लगगे शुगर...

मीठ खवई नोहर होगे, भात-बासी जस जहर
का गतमरहा जिनगी होगे रोग लगगे हे शुगर
हरहिंछा कहूं जा नइ पावस पांव म लगगे बेड़ी
बस करू-करू खाना-पीना अब कइसे होही गुजर

सुशील भोले
मो. 80853-05931, 98269-92811

Sunday 25 September 2016

पहुना-स्वागत...


















सब पहुना मन के पांव-पैलगी, हे अंतस ले जोहार
आशीष सबो के मिल जावय, बस अतके हे गोहार
देवता-धामी कस जुरियाए हें, बनाए हमर काज
काम सबो सिध पर जावय अइसे मया देवौ पोटार

* सुशील भोले

मो. 98269 92811, 80853 05931

Friday 23 September 2016

पाकिस्तान और क्रांति पथ....


छप्पन इंच का सीना वाले मुंह छिपाए घूम रहे हैं
पाकिस्तान के मुद्दे पर ये शंका में हो गुुम रहे हैं
कैसे निपटें सबक सिखाएं इस आतंकी मुल्क को
उबल रहा है देश, पथ क्रांति का सब चूम रहे हैं

* सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो. 98269 92811, 80853 05931

उधारी के महापुरुष...


कई समाज में आ रहे उधारी के महापुरुष
गुण उनका कुछ गा रहे सामाजों के कापुरुष

अपना गौरव छोड़ जो औरों को शीश बिठाता है
एेसे लोगों को निश्चित समय खूब रुलाता है

चेतो समाज के ठेकेदारों अपनी प्रतिभा पहचानो
छोड़ बाहरी आडंबर भीतर के उनके गुण जानो

तुम्ही हो जिम्मेदार उनके जो गुलामी भोग रहे
लुद्दी किताबों को ग्रंथ समझ आंख मूंदकर ढो रहे

नई पीढ़ी जब घेरेगी तुमको ले प्रश्नों का जुलूस
भाग नहीं पाओगे तब तुम बस चढ़ना होगा क्रूस

* सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो. 98269 92811, 80853 05931

Thursday 22 September 2016

बाबा बेच रहे मंजन...



बाबा बेच रहे मंजन शर्म-हया का नहीं है अंजन स्वदेशी का राग अलापते बने हुए हैं दुखभंजन.... दंत क्रांति हो चाहे या सरसों का तेल उनके सब उत्पाद से नहीं किसी का मेल कई लेप हैं जिनसे दमकेंगे बालाओं के चेहरे-कंचन.... हनी से मनी बचेगा त्रिफला करेगा पेट साफ कभी भूल से गलती हो गई तो करना जी माफ विदेशियों ने कभी गंवार कहा उनका करते हैं खंडन.... * सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो. 98269 92811, 80853 05931

Wednesday 21 September 2016

भातृसंघ में कितने...


(छत्तीसगढ़ राज्य के स्वप्नदृष्टा डा. खूबचंद बघेल की संस्था *छत्तीसगढ़ भातृसंघ* को कुछ लोगों के द्वारा पुनर्गठित करने पर एक प्रश्न )

भातृसंघ में कितने भाई और कितने हैं सौदाई
महापुरुष के आदर्श की अब जो दे रहे हैं दुहाई
कितना संघर्ष किए हैं ये अस्मिता के धंधेबाज
कितनी छाती छलनी हुई कितनों ने गोली खाई

*सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो. 98269 92811, 80853 05931

Sunday 18 September 2016

पितर पाख म पुरखा मन....














बरा-बोबरा संग चुरे हे आज तो गुरहा चीला
नंगत झड़कबोन हम तो सिरतोन माईपिला
पितर पाख म पुरखा मन आशीष देहे आहीं
घर-दुवार अउ अंगना ल सुघ्घर अस महकाहीं

 सुशील भोले
 मो. 80853-05931, 98269-92811

Friday 16 September 2016

झमकत आही उजराई ...












बारी-बखरी घर-अंगना म राखव साफ-सफाई
गांव-गली मन दिखही तब सुघ्घर चक-सुघराई
तरिया पार अउ भांठा घलो रइही सुघ्घर-उज्जर
जब शौचालय बनही घर म झमकत आही उजराई

* सुशील भोले
मो. 98269 92811, 80853 05931

Thursday 15 September 2016

कौन परदेशिया?

 ले प्रमाण-पत्र बांट रहे जोगी छत्तीसगढ़िया
जो रहते इस भू पर सब हैं यहीं के गढ़िया
पूछे फिर उनसे कोई तो है कौन परदेशिया
जो लूट रहा यहां समृद्धि बनके सबसे बढ़िया

* सुशील भोले
मो. 98269 92811, 80853 05931

बूझता दीपक और मसीहा...

एक बूझता दीपक अनायास भभक गया है
अग्नि शिखर से खुद को श्रेष्ठ समझ गया है
प्रकृति ने तोड़ी है जिसकी अहंकार की जांघ
वह श्रेष्ठजनों का खुद को मसीहा समझ गया है

* सुशील भोले
मो. 98269 92811, 80853 05931

Wednesday 14 September 2016

छत्तीसगढ़ भातृसंघ, उसकी गरिमा और कुछ सवाल...

                     
                   डॉ. भारत भूषण बघेल की डिस्पेन्सरी मेरे घर के बगल में थी, इसलिए हम दोनों प्राय: रोज मिलते थे। अनेक विषयों पर चर्चा भी करते थे। इस दौरान यह भी चर्चा हो जाती थी, कि बहुत से अपात्र और अयोग्य लोग हैं, जो केवल अपने राजनीतिक-सामाजिक स्वार्थ साधने के लिए डॉ. खूबचेद बघेल के नाम का उपयोग कर लेते हैं, जबकि ऐसे लोगों का व्यक्तित्व और कृतित्व किसी भी दृष्टि से उनके पिता (डॉ. खूबचंद बघेल) की गरिमा के अनुरूप रत्ती भर भी नहीं होती।

                 डॉ. भारत भूषण बघेल कई बार रो पड़ते थे, और कहते थे कि उनके पिता ने उन्हें हर प्रकार की राजनीति और पदों के स्वार्थ से दूर रहने की सलाह दी है।  उसे संयम और सादगी पूर्ण जीवन जीने का निर्देश दिया है, इसलिए वे किसी को कुछ कहते नहीं, किन्तु ऐसे लोगों को देखकर उन्हें दुख तो होता ही है।

               मुझे डॉ. भारत भूषण बघेल के इस बात का संस्मरण पिछले दिनों शंकर नगर, दुर्ग स्थित कुर्मी भवन जाने और वहां उपस्थित कुछ लोगों के चेहरे देखकर हुआ, जहां छत्तीगढ़ राज्य आन्दोलन के समय डॉ. खूबचंद बघेल द्वारा गठित संस्था छत्तीसगढ़ भातृसंघ को पुनर्जीवित और पुनर्गठित करने की कवायद चल रही थी।

             दुर्ग से वापस रायपुर आने के पश्चात रात्रि में मुझे ठीक से नींद नहीं आई। क्योंकि वहां मैंने कुछ ऐसे भी चेहरे देखे थे, जिन्हें उगाही करने, चंदाखोरी करने, राजनीतिक दलाली करने के लिए अक्सर चिन्हित किया जाता है। कुछ ऐसे अयोग्य और अपात्र लोग भी थे, जिन्हें किसी सिद्धांत, किसी आदर्श की समझ ही नहीं, कई ऐसे थे जो केवल धंधेबाजों की तरह लिखने-पढऩे, गाने-नाचने के अलावा और कुछ नहीं जानते। क्या ऐसे लोगों के भरोसे डॉ. खूबचंद बघेल के आदर्श और ऊंचाई को स्थापित किया जा सकता है?

               छत्तीसगढ़ भातृसंघ के लिए दुर्ग में हुई पहली बैठक से लेकर आज तक मेरे मन में प्रश्नों का यही सैलाब उमड़ रहा है कि कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं होने वाला है? क्या इसका भी हश्र स्वधीनता आन्दोलन के समय की कांग्रेस, उनके महान नेता और आज की कांग्रेस और आज के तथाकथित नेता की तरह तो नहीं हो जाएगा?

              मन में यह भी विचार आया कि क्या डॉ. खूबचंद बघेल के नाम का इस्तेमाल किए बिना भी इस तरह के आयोजनों को, उनके उद्दश्यों को अंजाम नहीं दिया जा सकता? वैसे भी 50-55 साल पहले जो स्थितियां थीं, आज परिवर्तित हो चुकी हैं। छत्तीसगढ़ भातृसंघ का मुख्य उद्देश्य राज्य निर्माण था, वह भी देढ़ दशक पहले 1 नवंबर 2000 को ही पूरा हो चुका है। मुझे लगता है कि आज राज्य निर्माण के पश्चात की परिस्थितियों पर सोचने और उसके लिए किसी नये बैनर पर ईमानदार अभियान चलाने की आवश्यकता है।

              मेरा सभी आयोजक और अध्यक्ष मंडल से अनुरोध है कि वे किसी नये नाम और बैनर माध्यम से अपने लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में आगे बढ़ें।

                                                              धन्यवाद,


                                                                                                        भवदीय
                                                                                                    सुशील भोले
                                                                                    डॉ. बघेल गली, संजय नगर, रायपुर
                                                                                     मो. 98269 92811, 80853 05931   

Monday 12 September 2016

अब क्रांति की बारी...

















जय-जय छत्तीसगढ़ महतारी,
अब क्रांति की आई बारी
बहुत हुई चरण वंदना,
और गौरवगान की लाचारी।।...


अब रणबांकुरों की बांहों से
गीत समर का गाना है
जो लूट रहे यहां की समृद्धि
उन्हें खून-खून रुलाना है
जितने शोषक रक्त पिपासु
उन्हें सजा देना है भारी।।....


राष्ट्रीयता के भ्रम से निसदिन
जो नादान भटक रहे
झूठे-पाखंडी के संग में
सत्ता-सुख जो गटक रहे
एेसे लोगों को जागृत कर
कराएं उन्हें क्षेत्रीय चिन्हारी।।...


धर्म-मुखौटों को ढ़ांके
जो गली-गली यहां बोल रहे
हमारी अस्मिता को लीलने
जो दुश्मन सा यहां डोल रहे
एेसे धर्म-भ्रष्टों को रौंदने की
आओ करें तैय्यारी।। .....


* सुशील भोले
मो. 98269 92811
(फोटो- बसंत साहू)