Sunday 31 March 2019

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस...


अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस या मई दिन मनाने की शुरूआत 1 मई 1886 से मानी जाती है, जब अमेरिका की मज़दूर यूनियनों नें काम का समय 8घंटे से ज़्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किस ने फेंका किसी को कोई पता नहीं। इसके निष्कर्ष के तौर पर पुलिस ने मज़दूरों पर गोली चला दी और सात मज़दूर मार दिए। "भरोसेमंद गवाहों ने तस्दीक की कि पिस्तौलों की सभी फ्लैशें गली के केंद्र की तरफ से आईं जहाँ पुलिस खड़ी थी और भीड़ की तरफ़ से एक भी फ्लैश नहीं आई। इस से भी आगे वाली बात, प्राथमिक अखबारी रिपोर्टों में भीड़ की तरफ से गोलीबारी का कोई ज़िक्र नहीं। मौके पर एक टेलीग्राफ खंबा गोलियों के साथ हुई छेद से पुर हुआ था, जो सभी की सभी पुलिस वाले तरफ़ से आईं थीं।"
चाहे इन घटनाओं का अमेरिका पर एकदम कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा था लेकिन कुछ समय के बाद अमेरिका में 8 घंटे काम करने का समय निश्चित कर दिया गया था। मौजूदा समय भारत और अन्य मुल्कों में मज़दूरों के 8 घंटे काम करने से संबंधित क़ानून लागू है।

Monday 25 March 2019

रंग पंचमी और छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति...

रंग पंचमी और छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति.......
मेरे पूर्व के आलेखों में इस बात को स्पष्ट किया जा चुका है कि छत्तीसगढ़ में मनाया जाने वाला "होली" का पर्व "होलिका दहन" का नहीं अपितु "काम दहन" का पर्व है। इसीलिए इसको मदनोत्सव या वसंतोत्सव के रूप में चालीस दिनों का पर्व "वसंत पंचमी" से लेकर "फाल्गुन पूर्णिमा" तक मनाया जाता है। जबकि" होलिका दहन" को केवल पांच दिनों का "फाल्गुन पूर्णिमा" से "रंग पंचमी" तक मनाया जाता है। (देखें- "वसंत पंचमी और अरंडी का पौधा" तथा "होलिका दहन" या "काम दहन" नामक लेख)
मित्रों, हम लोग "आदि धर्म जागृति संस्थान" के माध्यम से "छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति के संरक्षण संवर्धन एवं उसकी वास्तविक पहचान या स्वरूप के लिए कार्य कर रहे हैं, तो इस बात को जानना अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि कौन सा पर्व यहां का मूल पर्व है और उसका वास्तविक संदर्भ क्या है? और कौन सा पर्व हमारे ऊपर अन्य प्रदेशों से लाकर थोप दिया गया पर्व है।
-सुशील भोले
आदि धर्म जागृति संस्थान
संजय नगर, रायपुर
मो./व्हा. 9826992811

Saturday 9 March 2019

परई म पानी....

परई म पानी.....
चइत-बइसाख के लगते गांव म पहिली एकाद-दू ठन परई या नांदी असन जिनिस  ल डोरी म बांध के छर के छानही म कोनो मेर ओरमा दे जाय, अउ एक ठ म पानी अउ दूसर म कनकी-कोढ़ा या कोनो किसम के दाना डार दिए जाय। हमर देखतेच देखत कतकों किसम के चिरई-चिरगुन मन चींव-चींव करत उन म बइठ जांवय अउ दानी-पानी खा-पी के अपन-अपन डेरा कोती उड़िया जांवय।
अब तो गांव मन म घलो छनही वाला घर कमतियावत जावत हे, वोकर बदला सिरमिट के छत वाला घर बनत जावत हे। फेर चिरई मन ल दाना-पानी दे के रिवाज आजो चलत हे। अब छानही म परई या दूसर जिनिस बांधे के बदला घर के छत ऊपर माटी के बने कुछू भी जिनिस रख के वोमा दाना अउ पानी रख दिए जाथे।
ए बहुत अच्छा परंपरा आय। जम्मो मनखे ल अपन सख भर ए बुता ल करना चाही। कहूं दाना बर नइ सकत हव त कम से कम पानी मढ़ाए के बुता ल तो करेच जा सकथे।
संगी हो, ए बहुत बड़े परमारथ के बुता आय। एला अपन भाग ल बढ़ाए के जोखा घलो मान सकथन। माटी हमर जनम ले लेके अंतिम गति तक संगे म रहिथे, या कहिन के हम माटी ले उपज के माटीच म मिल जाथन। एकरे सेती माटी के परई, नांदी या कुछू आने जिनिस म दाना-पानी दे के अलगेच महत्व हे। गुनिक मन के कहना हे, के एकर ले पुण्य के मात्रा बाढ़ जाथे।
त आवव, आजेच ले अपन घर के छानही या छत म चिरई-चिरगुन मन बर दाना-पानी के जोखा म लग जाईन।
-सुशील भोले
आदि धर्म जागृति संस्थान
संजय नगर, रायपुर
मो. 9826992811

Thursday 7 March 2019

महिला दिवस...

आत्मविश्वासी, प्रेरक, तू हौसला है हमारी
माँ, बेटी, हर रूप में तू ही है सबसे प्यारी
🌷महिला दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🌷कोटि-कोटि बधाई🌷
-सुशील भोले-9826992911
संजय नगर, रायपुर

मया के पुतरी.... नारी.....

मया के पुतरी एक बना के रंग डारे हे भारी
चुक ले दिखथे सुग्घर उहू जस फुलवा के डारी
आथे-जाथे जब-जब जिहां तिहां उमंग जगाथे
अरथ बताथे जिनगी के संग महकाथे फुलवारी
-सुशील भोले-9826992811
संजय नगर, रायपुर

घर-परिवार के जम्मो बुता.. तिरिया..

घर-परिवार के जतका बुता जम्मो मोरेच हिस्सा
तभो कागज के लेखन म नइ बनवं ककरो किस्सा
कइसे भाग लिखथे विधाता ए तिरिया जनम के
सउंहे अनदेखी करथे हमर जांगर टोर करम के
-सुशील भोले
संजय नगर रायपुर
मो. 9826992811

Wednesday 6 March 2019

आदि धर्म में नियुक्ति....

..........."आदि धर्म जागृति संस्थान" के .......... जिला प्रभारी नियुक्त......
"आदि धर्म जागृति संस्थान" के प्रदेश अध्यक्ष सुशील भोले ने .............. को आदि धर्म जागृति संस्थान के ............जिला के प्रभारी पद पर नियुक्त किया है।
उनकी नियुक्ति पर प्रदेश संगठन के उपाध्यक्ष रामशरण कश्यप, अनुसुईया साहू, गंगेश्वरी वर्मा, जागृति बघमार, बिलासपुर संभागीय प्रभारी भुवन वर्मा, संस्कृति सचिव अरूणा व्यास मिरी, सत्यभामा ध्रुव, गीता पोर्ते,  ललित टिकरिहा, कृष्ण कुमार वर्मा, केदारनाथ साहू, हीरालाल साहू, रामजी ध्रुव, मनहरण राठौर, कमल निर्मलकर, लक्ष्मी कुमार देवांगन, भगत राम ध्रुव, बंशीलाल कुर्रे, गीता वर्मा, मनोरमा चंद्रा,  डॉ. शारदा कश्यप, शांति लहरे, बी.आर. कौशिक, बुधराम यादव, डाॅ. सुखदेव राम साहू , सुधा वर्मा, मीना साहू, रेणु वर्मा, ठा. कोमल सिंह मरई, प्रो. लक्ष्मण प्रसाद मिरी, रामकुमार साहू 'मयारू' , भोलेश्वर साहू, ऋषि कुमार कश्यप, नागेश कश्यप, संजय बंछोर, भुवन साहू,, अरुण वर्मा, सतीश वर्मा, टुम्मन वर्मा, चंद्रकला तारम, संगीता ध्रुव, धनेश्वरी चौलिक कुर्रे, पूनम सेन, सावित्री वर्मा, विजय कश्यप "दीप", रमाशंकर अजगल्ले, गैंदलाल वर्मा, नेतराम साहू, पालेश्वर बघेल, सालिक ओझा, व्यास नारायण भारद्वाज, आनंद सिंघनपुरी,  गीतालाल मंडावी, ऋतुराज साहू, वीरेन्द्र देवांगन आदि ने उन्हें बधाई देते  हुए आशा व्यक्त की है, कि वे संस्थान के मूल उद्देश्य को जमीन पर स्थापित करने का सार्थक प्रयास करेंगे।

आदि धर्म जागृति संस्थान का उद्देश्य...

आदि धर्म जागृति संस्थान का उद्देश्य-
1- छत्तीसगढ की मूल संस्कृति एवं सम्पूर्ण अस्मिता के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार के लिए विविध कार्यों का क्रियान्वयन करना।
2- अंचल के विभिन्न विद्वान वक्ताओं की संगोष्ठी एवं सभा के माध्यम से मूल संस्कृति एवं अस्मिता के लिए जनजागरण का कार्य करना।
3- संस्कृति से संबंधित साहित्य को स्थायित्व प्रदान करने के लिए आवश्यकता अनुरूप पत्र-पत्रिका, स्मारिका  एवं विविध आलेखों का प्रकाशन करवाना।
4- भजन मंडली जैसी संस्थाओं के माध्यम से आध्यात्मिक जागरण एवं मूल संस्कृति-परंपरा का प्रचार-प्रसार करना।
5- आवश्यकता के अनुरूप आध्यात्मिक आश्रम का संचालन करना।
6- समाज कल्याण हेतु असहायों की सहायता करना। जैसे-गरीबों, विकलांगों, निःशक्तजनों, वृद्धजनों आदि की मदद करना।
7- धर्मार्थ औषधालय, वृद्धाश्रम एवं दिव्यांजनों की सेवा के आश्रम आदि का संचालन करना।
8- विभिन्न जन-कल्याणकारी  शासकीय, अर्द्धशासकीय, अशासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में भागीदारी एवं सहयोग करना।
9- लोककला, लालित्यकला,नाट्यकला एवं लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों, लोक विधाओं तथा कलाकारों को प्रोत्साहित करना।

आदि धर्म जागृति संस्थान संग जुड़व ....

आदि धर्म जागृति संस्थान" संग जुड़व.....
छत्तीसगढ़ के मूल आध्यात्मिक संस्कृति, उपासना अउ जीवन पद्धति संग जम्मो किसम के चिन्हारी के बढ़वार अउ पुनर्स्थापना खातिर मैदानी कारज म भीड़े "आदि धर्म जागृति संस्थान" संग जुड़ के अपन पुरख मन के संस्कार अउ संस्कृति ल जगजग ले उजराय अउ चारोंखुंट बगराय के बुता म हमर संग खांध म खांध जोर के कारज करव।
जय आदि धर्म....जय मूल धर्म...
-सुशील भोले
अध्यक्ष, आदि धर्म जागृति संस्थान
54/191, कस्टम कालोनी के सामने
डाॅ. बघेल गली, संजय नगर
(टिकरापारा) रायपुर (छत्तीसगढ)
मो. 9826992811