6 जुलाई पुण्यतिथि म सुरता//
छत्तीसगढ़ के शोषण अउ स्वाभिमान बर जिनगी भर संघर्ष करीन रामाधार कश्यप जी....
राज बनगे राज बनगे, देखे सपना धुआँ होगे
चारों मुड़ा कोलिहा मन के, देखौ हुआँ हुआँ होगे...
का-का सपना देखे रिहिन, पुरखा अपन राज बर
नइ चाही उधार के राजा, हमला सुख-सुराज बर
राजनीति के पासा लगथे, महाभारत के जुआ होगे...
छत्तीसगढ़ राज आन्दोलन के संगे-संग छत्तीसगढ़िया मन के शोषण, स्वाभिमान अउ अधिकार खातिर जतका झन संघर्ष करे रिहिन हें, सब के मन म ए बात ह जरूर उठत रिहिसे, के का जेन उद्देश्य ल लेके छत्तीसगढ़ राज के आन्दोलन म संघरेन, वो ह आज राज बने के कोरी भर बछर बुलके के बाद घलो पूरा हो पाय हे? अउ कहूँ नइ हो पाय हे, त काबर नइ हो पाय हे? का एकर खातिर हमला सरलग संघर्ष के रद्दा ल जारी नइ रखना चाही?
छत्तीसगढ़ राज के स्वप्नदृष्टा डाॅ. खूबचंद बघेल के संग खांध म खांध जोर के संघर्ष करइया रामाधार कश्यप जी के मन घलो ए पीरा जिनगी भर जनावय. जब कभू उंकर संग बात होवय त उन ए बात ल जरूर फोरियावयं अउ एकर बर लगातार संघर्ष करत रहे के बात करयं.
जांजगीर-चांपा जिला के गाँव चोरभट्ठी म महतारी जानकी देवी अउ सियान भुवन प्रसाद जी कश्यप घर 26 नवंबर 1936 के जनमे रामाधार कश्यप जी संग मोर पहिली बार भेंट तब होए रिहिसे, जब वोमन राज्यसभा के सांसद रिहिन हें. रायपुर के सर्किट हाउस म रूके रिहिन हें. तब उंकर एक राजनीति क्षेत्र के संगवारी छत्रपाल सिरमौर जी ह मोला उंकर संग भेंट करवाए बर लेगे रिहिन हें. असल म रामाधार जी तब छत्तीसगढ़िया मन के शोषण अउ स्वाभिमान ल स्वर दे खातिर छत्तीसगढ़ी भाषा म एक दैनिक अखबार निकालना चाहत रिहिन हें. मोला वोकर जिम्मेदारी सौंपे खातिर बलवाए रिहिन हें.
वो दिन करीब घंटा भर उंकर संग बइठना होए रिहिसे. छत्तीसगढ़ राज आन्दोलन के शुरुआत ले लेके वर्तमान के दशा-दिशा अउ स्थिति सबके ऊपर जबर चर्चा होए रिहिसे. छत्तीसगढ़ी भाषा म अखबार निकाले के संबंध म उंकर विचार रिहिसे- छत्तीसगढ़िया मन के अधिकार, शोषण अउ संघर्ष के बात ल इहाँ अभी जतका भी मिडिया के मंच हे, कोनो ह सम्मान जनक स्थान अउ महत्व नइ देवय, तेकर सेती आम छत्तीसगढ़िया आज राज निर्माण होए के अतेक दिन बाद घलो शोषित अउ उपेक्षित हे. एकर असली कारण ए आय के, इहाँ के जम्मो मिडिया मन गैर छत्तीसगढ़िया मनके हाथ म हे. एकरे सेती वोमन अपन लोगन मनला तो सजावत-बढ़ावत रहिथें, फेर हमर आदमी मन के न्यायसंगत बात ल घलो लुकाए-तोपे के षडयंत्र करथे. बने गतर के छापय घलो नहीं.
वोमन छत्तीसगढ़ राज आन्दोलन के बेरा के सुरता करत बताए रिहिन हें- '28 जून 1969 के वोमन अपन संगी मन संग मिलके भोपाल के विधानसभा भवन म पर्ची फेंक के ए अंचल के विधायक मन जगा जवाब मांगे रिहिन हें. ए घटना के सेती तब भारी बवाल माते रिहिसे. एक दिन के सजा घलो सुनाए गे रिहिसे. तब रामाधार जी डाॅ. खूबचंद बघेल जी द्वारा स्थापित 'छत्तीसगढ़ भातृसंघ' म जुड़े रिहिन हें. वो पर्ची वाले घटना के तब अतका असर होए रिहिसे, के तत्कालीन राज्यपाल के द्वारा एक परिपत्र जारी कर के 'छत्तीसगढ़ भातृसंघ' के कोनो भी किसम के कार्यक्रम म सरकारी कर्मचारी मन के भाग ले या वोमा सदस्यता ले म प्रतिबंध लगाए गे रिहिसे. ए परिपत्र के कश्यप जी जबर विरोध करे रिहिन हें. तब सरकार ह अपन वो परिपत्र ल निरस्त कर रिहिसे. ए घटना ल छत्तीसगढ़ भातृसंघ के बड़का जीत के रूप म देखे जावत रिहिसे.
रामाधार जी डाॅ. खूबचंद बघेल के सैद्धांतिक रूप म जबर अनुयायी रिहिन हें. एकरे सेती डाॅ. बघेल जब कभू बिलासपुर क्षेत्र के दौरा म राहयं त रतिहा ल कश्यप जी के इहाँ ही बितावयं.
रामाधार कश्यप जी के चार बेटी अउ दू बेटा के भरे-पूरे परिवार म उंकर सबले बड़े बेटी डाॅ. शारदा कश्यप जी संग घलो मोर अच्छा संबंध रिहिसे. हमन छत्तीसगढ़ के मूल संस्कृति अउ जम्मो अस्मिता के संरक्षण संवर्धन खातिर एक समिति 'आदि धर्म जागृति संस्थान' के गठन करे रेहेन, एमा शारदा जी के सक्रिय सहयोग मिलत रहय. उंकर माध्यम ले घलो रामाधार जी के गतिविधि मन के जानकारी मिलत रहय. हमर इही समिति के वार्षिकोत्सव जेन 3 मार्च 2021 के रायपुर के वृंदावन सभागार म संपन्न होए रिहिसे, एमा कश्यप जी घलो अतिथि के रूप म शामिल होए रिहिन हें. अउ ए ह कतेक संयोग के बात आय, के हमर समिति के इही कार्यक्रम ह कश्यप जी के जिनगी के अंतिम सार्वजनिक कार्यक्रम साबित होइस. तब महूं लकवा के अटैक के सेती शारीरिक रूप ले अकेला कहूँ आए-जाए के लाइक नइ रेहेंव. कश्यप जी तब मोर पीठ ल थपथपा के आशीष देवत कहे रिहिन हें- 'जल्दी ठीक हो, छत्तीसगढ़ महतारी ल तोर बहुत जरूरत हे.'
हमर वो वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के कुछ दिन बाद ही बिलासपुर ले संदेश आइस के 6 जुलाई 2021 के उन ए नश्वर दुनिया ले बिदागरी लेके परमधाम के आसन ग्रहण कर लिन. उंकर सुरता ल पैलगी-जोहार🙏
-सुशील भोले
संजय नगर, रायपुर
मो/व्हा. 9826992811