Monday 25 March 2019

रंग पंचमी और छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति...

रंग पंचमी और छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति.......
मेरे पूर्व के आलेखों में इस बात को स्पष्ट किया जा चुका है कि छत्तीसगढ़ में मनाया जाने वाला "होली" का पर्व "होलिका दहन" का नहीं अपितु "काम दहन" का पर्व है। इसीलिए इसको मदनोत्सव या वसंतोत्सव के रूप में चालीस दिनों का पर्व "वसंत पंचमी" से लेकर "फाल्गुन पूर्णिमा" तक मनाया जाता है। जबकि" होलिका दहन" को केवल पांच दिनों का "फाल्गुन पूर्णिमा" से "रंग पंचमी" तक मनाया जाता है। (देखें- "वसंत पंचमी और अरंडी का पौधा" तथा "होलिका दहन" या "काम दहन" नामक लेख)
मित्रों, हम लोग "आदि धर्म जागृति संस्थान" के माध्यम से "छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति के संरक्षण संवर्धन एवं उसकी वास्तविक पहचान या स्वरूप के लिए कार्य कर रहे हैं, तो इस बात को जानना अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि कौन सा पर्व यहां का मूल पर्व है और उसका वास्तविक संदर्भ क्या है? और कौन सा पर्व हमारे ऊपर अन्य प्रदेशों से लाकर थोप दिया गया पर्व है।
-सुशील भोले
आदि धर्म जागृति संस्थान
संजय नगर, रायपुर
मो./व्हा. 9826992811

No comments:

Post a Comment