Friday 17 September 2021

छत्तीसगढ़ी एक शब्द के दुबारा प्रयोग..

उपयोगी समृद्ध छत्तीसगढी
एक शब्द के दोहरे प्रयोग...

बोटोर बोटोर - आंखें फाड़कर देखना
मुटुर मुटुर- असमंजस से देखना
मटर मटर-आगे आगे आना
छरके छरके-दूरी बनाना
कुटूर कुटूर- कड़ी चीज चबाना
खुटूर खुटूर- धीरे धीरे खखटाना
फुटूर फुटूर-धीरे धीरे गिरना
चुटुर चुटुर-अधिक बोलना
सुटूर सुटूर-खामोशी से(चले जाना)
ढकर ढकर- गटागट पीना
लकर लकर-अधिक मेहनत
धकर धकर-कमजोरी
हकर हकर-कड़ी मेहनत
फसर फसर-गहरी नींद के लिए
फुसुर फुसुर-कानाफूसी
मुसुर मुसुर-छुपाकर(खाना)
हुरहा हुरहा-अचानक  अचानक
ढोकर ढोकर के- दंडवत
खुड़ खुड़ ले-अच्छी तरह से सूखने का भाव
ढेंक ढेंक के- आर्तनादपूर्ण रुदन,विलाप
महर महर-खुशबूदार
कोट कोट ले-भरपेट

मिलते जुलते दो शब्दों का प्रयोग
अलवा जलवा-साधारण
जांवर जिंयर -जुड़वा
सांगर मोंगर-हृष्टपुष्ट महिला
किलिर कालर- हल्ला गुल्ला
खिबिड़ खाबड़-झगड़ना
आका तुकी-अनफिट
खदर मसर-मिक्स  कर देना
लकर धकर-जल्दबाजी
छिदिर बिदिर-बिखरा देना
छर्री दर्री-टुकड़े टुकड़े
ओनहा कोनहा-कोना कोना
चितर काबर-रंग बिरंगा
फिसिर फासर- बिमार पड़ना
काँखत पादत-कष्ट से
हेल पेल-पर्याप्त जगह
डटटा खुट्टा-जगह की कमी
पेट अउ पाट-खाने और पहनने
झिलिंग झालंग-ढीला ढाला
चिट के न पोट के-बिल्कुल नही बोलना
मुरहा पोट्टा -लावारिस(बिना मां बाप का)
छकल बकल-खुले हाथ खर्च करना
लदर फदर- मोटे होने का भाव
लंदर फंदर-तिकड़म
लाटा फान्दा-उलझन
हाड़ा हपटा-अत्यधिक कमाना
बांटा खूंटा-बंटवारा
गुड़ गुड़ा-सीधे पहुंचना
बाटे बाट-रास्ते से
चिक्कन चांदो-साफ सुथरा.
🙏

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