Tuesday 23 May 2023

कोंदा-भैरा... के सौ दिन

'कोंदा-भैरा....' के सौ दिन..
    एक बड़का राजनीतिक मनखे के दूमुंहिया चरित्तर ले उठे मन म गुस्सा के प्रदर्शन खातिर सोशलमीडिया म शुरू होय सरलगहा.. 'कोंदा-भैरा के गोठ' ल आज सौ दिन पुरगे.
     पहिली मैं एला दू-चार डांड़ म ही लिखे के कोशिश करत रेहेंव, तेमा आम लोगन घलो डहर चलती एला पढ़ सकय, फेर कतकों अकन ह आठ-दस डांड़ के घलो बाढ़ जावय.
    शुरू म तो ए गोठ-बात म लोगन के गजब प्रतिक्रिया आवत रिहिसे, फेर धीरे-धीरे कमतियाय लगिस, जे ह स्वभाविक घलो हे. रोजेच कोन ह लिखत रइही. तभो एक बात ह मोला एला सरलग लिखे बर प्रोत्साहित करत रहिथे, वो ए के लोगन भले टिप्पणी करे बर ढेरियाथें फेर एकर कतकों भाग ल अपन टाईमलाईन के संगे-संग अउ दूसर समूह मन म शेयर जरूर करत रहिथें. 
    एकर लोगन के पसंद करे के एक अउ बात इहू जनाइस के एक दू अउ लोगन एकरे असन गोठ-बात के शैली म कुछ कुछ लिखे लगिन, भले वोकर मन के लिखना ह सरलग नइ दिखत हे, फेर कोशिश तो करत हें, जे ह ए कोंदा-भैरा के सफलता के सूचक आय.
   पहिली तो एला थोरिक व्यंग्य के शैली म लिखे के उदिम होवत रिहिसे, फेर बीच-बीच म अइसनो विषय आगू म आ जावय जेमा गंभीरता अउ गुनिक लिखई जरूरी असन हो जावय एकरे सेती ए जम्मो गोठ-बात मन म शैली के विविधता आवत गिस.
    कतकों झन अब ए जम्मो गोठ-बात मनला सकेल अउ छांट-निमार के एक किताब के रूप दे के सुझाव दे बर धर लिए हें.
   देखव ए सरलगहा गोठ-बात ह अउ कतका भाग तक चल पाथे ते, काबर ते एकर खातिर रोज नवा विषय के खोजई म मोर आने संदर्भ मन म लिखई-पढ़ई अउ गुनई ह थोरिक अरझे असन होगे हे.
-सुशील भोले-9826992811

No comments:

Post a Comment