Wednesday, 28 May 2025

कोंदा भैरा के गोठ-33

कोंदा भैरा के गोठ-33

-अब कइसन-कइसन खबर सुने ले मिलत हे जी भैरा.. काकरो जगा गोठियाबे तेनो ह फदित्ता बरोबर जनाथे!
   -कइसे का होगे जी कोंदा..?
   -अरे.. बड़ा लजलजावन कस गोठ हे संगी.. हमरे रायपुर उरला के ई रिक्शा चलइया पवन देवांगन ए.. बुजा ह कुकुर बिसाय बर अपन महतारी जगा दू सौ रुपिया माँगिस.. बपरी जगा नइ रिहिस होही त नइ दिस.. भइगे अतके म अपन महतारी के मुड़ ल हथौड़ी म हकन के मार डरिस.
   -वाजिब म अनफभिक कस गोठ हे संगी.. कुकुर बिसाय बर पइसा नइ दिस ततके म अपन महतारी ल मार डरिस!
  -हव.. वो ह जर्मन शैफर्ड बिसाना चाहत रिहिसे.. वोकर जगा छै सौ रुपिया रिहिस घलो हे, फेर दू सौ खँगत रिहिसे तेने ल अपन दाई जगा माँगिस.. वो ह नइ दिस त खटिया म सूते दाई के मुड़ ल हथौड़ी म हकन दिस.. वोकर सुवारी हल्ला गुल्ला सुन के वो तीर आइस तेकरो ऊपर हमला कर दिस.. उहू बपरी घायल होगे हे.. वोकर 15 बछर के बेटा ह भाग के परोसी मनला बताइस त जाके मामला म पुलिस कार्रवाई होइस.
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-सड़क म एक्सीडेंट होए के सेती खोरावत कल्हरत गरुवा मनला देख के राम देवांगन के मन म उँकर सेवा चाकरी करे के भाव का जागिस.. अब ए गौ सेवा ह मिशन के रूप धर ले हवय जी भैरा जेमा आसपास के जवनहा लइका मन सरलग जुड़त हें.
   -अच्छा.. ए कहाँ के बात आय जी कोंदा?
  -अरे हमरे रायपुर के नवा बस स्टैंड वाला भाँठागाँव के.. ए मन हर हफ्ता अपन जेब खर्चा के पइसा बचा के चार हजार रुपिया सकेलथें अउ हरियर साग भाजी बिसाथें.. कभू कुशालपुर, रायपुरा, महादेव घाट अउ लाखेनगर तक के गाय मनला चारा जेवा आथें.. अउ कहूँ कोनो गरुवा ह बीमार असन दिखथे तेला जरवाय जगा के लीलावती गौशाला म अमरा के उहाँ के डाक्टर ले इलाज करवाथें.
   -वाह भई.. ए तो लइका मन के सुग्घर उदिम ए.. आज जब ए उमर के लइका मन दारू चित्ती.. लँदर-फँदर म बिपतियाय रहिथें अइसन म गौवंश खातिर अइसन सेना भाव ह सँहराए के लाइक हे.
   -हव जी छै बछर होगे ए लइका मनला गौमाता मन के सेवा करत एमा राम देवांगन के संग विजय साहू, कृष्णा साहू, किशन देवांगन, मनीष देवांगन, हरीश वर्मा, अजय शर्मा, विवेक पंडित अउ उमेश साहू घलो हे.. अब एकर मन संग आने लइका मन घलो जुड़त हें.
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-मोला ए समझ म नइ आवय जी भैरा के मुख्यमंत्री साय ल घेरी-बेरी ए कहे के काबर जरूरत पर जाथे के आदिवासी मन सबले बड़े हिंदू आयँ?
   -आजकाल आदिवासी मनला एती-तेती भरमाए भटकाए के जबर उदिम चलत हे न जी कोंदा तेकर सेती होही.
   -कहूँ अइसे तो नहीं के वोला इहिच बुता खातिर मुखियई के पागा पहिनाए गे होही?
   -कोन जनी संगी.. मैं राजनीति के अंते तंते ल जादा नइ समझँव.. वो ह रायपुर म आर्य समाज के स्थापना दिवस वाले कार्यक्रम म काहत रिहिन हें- हमन सरना पूजा म भरोसा राखथन.. वो मन स्पष्ट करत कहिन के हमर डहार शिव पार्वती के प्रतीक मढ़ाए जाथे .. कतकों जगा गौरा गौरी मढ़ाए जाथे.. आखिर दूनों एकेच तो आय.
   -एक पइत मैं ह जशपुर जिला के बगीचा क्षेत्र के गाँव राजपुरी गे रेहेंव.. उहाँ के मुखिया ह मोला सरना तरिया अउ पूजा स्थल संग एक रिंगनी पेड़ के खाल्हे म स्थापित देवी ल देखावत बताए रिहिसे के ए ह पार्वती आय.. हमन एकरे पूजा करथन.
   -फेर हमर ए चातर राज के कतकों झन तो आने बताथें जी.. का आने आने मुड़ा के आदिवासी मन के आने आने देव प्रतीक अउ परंपरा होथे?
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-पहलगाम म होय आतंकी हमला के बाद केंद्र सरकार ह हमर देश म राहत जम्मो पाकिस्तानी मनला तुरते भारत ल छोड़ के जाए के आदेश जारी करे हे जी भैरा तब इहाँ आगू च ले राहत पाकिस्तानी नागरिक मनला काबर नइ खेदारे जावत हे तेने ह मोला थोकिन अनफभिक जनावत हे.
   -हमरो इहाँ पहिलीच ले पाकिस्तानी नागरिक मन हें जी कोंदा?
   -वाह.. रायपुरे जिला म 18 सौ पाक नागरिक हें.. एमा के कतकों झन हमर देश के नागरिकता माँगत हें, फेर अभी उनला मिल नइ पाए हे.
   -वाह भई.. हमला तो एकर गमे नइ रिहिसे?
   -गजब दिन होगे संगी ए मनला इहाँ आके राहत, फेर अभी तक ए मन इहाँ के भाखा संस्कृति ल आत्मसात नइ करे हें.. मोला लागथे के जे मन संबंधित क्षेत्र के भाखा संस्कृति ल आत्मसात नइ करयँ उनला वो क्षेत्र म रहे बसे के अनुमति नइ देना चाही.. हमर छत्तीसगढ़ ल तो धरमशाला बना डारे हें.. बंगलादेशी अउ तिब्बती मनला इहें लान के खुसेरिन अउ अब पाकिस्तानी मन बर घलो अइसने करे जावत हे.. कूड़ादान बना डारे हें ए पबरित भुइया ल.. कहूँ के कचरा होवय इहें लान के कूढ़ो देथें.
   -केंद्र सरकार ल संबंधित क्षेत्र के लोगन के उँकर भावना के घलो चेत राखना चाही तब कोनो किसम के अनुमति देना चाही.
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-अंते-अंते ले आके इहाँ बसुंद्रा बरोबर बसे कतकों अपराधी किसम के लोगन धर्म के मुखौटा खापे इहाँ के धार्मिक सांस्कृतिक ठउर मन म अवैध कब्जा करत हें कहिथें जी भैरा.
   -ठउका सुने हावस जी कोंदा.. इहाँ के कतकों मंदिर देवाला मन म जा उहाँ वो मन कब्जा कर के बइठगे हावयँ जिंकर न तो इहाँ के पुरखौती परंपरा ले कोनो संबंध हे न धार्मिक पूजा या जीवन पद्धति ले.
   -हव जी.. अभी लइका मन बतावत रिहिन हें- हमर रायपुर के महादेव घाट म घलो अइसने अवैध धार्मिक कब्जा होगे हे, जिहाँ अंते ले आए लोगन हमर पारंपरिक पूजा परंपरा के सत्यानाश करत रहिथे कहिथें.
   -हव जी.. हमर दाई-माई मन के नहाए-धोए के ठउर मन म सीसीटीवी लगा डारे हें बताथें..  सिरतोन संगी इहाँ धरम के आड़ म जेन नँगरा नाच करे जावत हे वो ह अनफभिक अउ अभियावन हे.
   -मैं तो कब के अइसन अलहन खातिर चेतावत हावौं.. राष्ट्रीयता के नॉव म क्षेत्रीय संस्कृति अउ परंपरा के जेन किसम ले हत्या करे जावत हे, तेकर खातिर इहाँ के जम्मो लोगन ल एक फेंट होए बर लागही तभे हमर पुरखौती परंपरा अउ संस्कृति के रक्षा हो पाही.
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-अक्ती के बजार सजगे हे काहत हें जी भैरा.
   -हव जी कोंदा.. अब के लइका मनला अतके भर के तो चेत रहिथे.. हमर असली परब परंपरा के उन कहाँ आरो लेथें?
   -कइसे गढ़न के कहे संगी?
   -अक्ती ह सिरिफ पुतरा-पुतरी के बिहाव के परब नोहय संगी तेमा बजार म कइसन-कइसन समान सजे हे तेकर गोठ करन.
  -त जी संगी?
   -या तहूँ ह नेवरिया लइका मन बरोबर चेंधे असन करथस जी! अरे बइहा ए ह हमर किसानी संस्कृति के नवा बछर नोहय जी?
   -अरे हौ जी संगी.. मोरो चेत ह कती अभर गे रिहिसे ते.. हमर किसानी के शुरुआत करबो.. बइगा बबा ह सिद्ध कर के जे धान ल दिही तेला अपन खेत म ओनारबो.. मूठ धरबो.
   -हव जी अउ संझा बेरा जम्मो पौनी-पसारी मन संग कमइया-बनिहार मन के नवा बछर खातिर नियुक्ति करबोन.
   -सही आय संगी.. हमर मन के असली नवा बछर तो इही ह आय.. वइसे देश के जादातर क्षेत्र अउ राज मन म हमरे इहाँ असन खेती किसानी ले जुड़े परब ल ही नवा बछर के रूप म मनाथें.
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-डॉक्टर मन जेन माईलोगिन ल रेंगे-बुले म असमर्थ बता के बैसाखी धरा दिए रिहिन हें, तेही ह अभी दुबई म होय 11 वाँ अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह म 3 सोनहा अउ एक चाँदी के पदक जीत के न सिरिफ छत्तीसगढ़ के भलुक भारत के गौरव ल बढ़ा दिए हे जी भैरा.
   -अच्छा.. डॉक्टर मन जेला बैसाखी धरा दिए रिहिन ते ह जी कोंदा?
   -हव जी संगी.. मनेंद्रगढ़ के 67 बछर के कमला देवी मंगतानी के गोठ आय.. पाछू 30 बछर ले डायबिटीज ले जूझत कमला देवी ह जब डॉक्टर मन वोला बैसाखी धर के रेंगे अउ अपन माड़ी ल बदलवाए के सुझाव दिन त वो ह बैसाखी ल लात मार के  एक एक पाँव उचावत जिम जाए लागिस अउ उहाँ पछीना गारिस तेकर सेती वेटलिफ्टिंग म अब तक 100 ले जादा पदक बटोर डारे हे, एमा अभी हालेच म संपन्न अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह ह सबले जादा गरब करे के लाइक हे.
   -सही आय जी.. जेन उमर म लोगन खटिया ल पोटारे चाय के चुस्की म दिन पहावत रहिथें तेन उमर म अंतरराष्ट्रीय स्तर म गोल्ड जीतना ह अद्भुत अउ प्रेरणादायी हे.
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-हमर गाँव-गँवई के बैद अउ बइगा-गुनिया मन के पारंपरिक ज्ञान ल सकेले-जोरे अउ उजरा के जनोपयोगी बनाय के उदिम अब फेर चलही तइसे जनावत हे जी भैरा.
   -ए तो बने बात आय जी कोंदा.. हमन आधुनिकता के नॉव म अपन पारंपरिक ज्ञान ल बिसरावत जावत हावन तेकर सेती कतकों किसम के खर्चीला अउ फोकटइया चिभिक म बूड़त हावन.
   -सही आय जी.. काली मुख्यमंत्री ह छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा अउ औषधि पादप बोर्ड के नवा अध्यक्ष के पदभार ग्रहण समारोह म काहत रिहिसे के हमन अपन जम्मो किसम के पारंपरिक ज्ञान स्रोत के संरक्षण संवर्धन करत रहिबोन त स्वास्थ्य जीवन के संगे-संग आर्थिक रूप ले घलो जादा लाभ कमाबोन.
   -सही तो काहत हें जी महूँ ह ए बात के समर्थक हौं.. जतका इहाँ के पारंपरिक औषधि मन के महत्व हे वतकेच माँत्रिक परंपरा मन के घलो हे.
   -हव वो मन काहत रिहिन हें- अभी हमन धान के खेती म जतका कमा लेथन कहूँ वोकर बलदा औषधि पौधा के खेती करबो त कतकों गुना जादा लाभ पा सकथन.
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-सबो धरम के अपन मान्यता होथे जी भैरा फेर कभू-कभू वो ह एक-दूसर के मान्यता संग विरोधाभास जनाथे.
   -हाँ.. ए बात तो हे जी कोंदा तभे तो कोनो मन ईश्वर ल साकार कहिथें त कोनो निराकार त कोनो-कोनो अइसनो होथें जे मन साकार निराकार के झंझट म परे के बलदा सबोच रूप ल मानथें.
   -हव जी.. अभी इंदौर म एक तीन बछर के नान्हे नोनी ल जैन धर्म के संथारा परंपरा के अंतर्गत देंह त्याग के प्रक्रिया पूरा करवाए गिस जेला गिनिज बुक ऑफ विश्व रिकार्ड ह सबले कम उमर म संथारा के माध्यम ले देंह त्याग करइया नोनी के रूप म प्रमाणपत्र दिए हे.. जैन धर्म म कोनो तपस्वी या आम लोगन जेन कोनो किसम के लाइलाज़ बीमारी या अउ कोनो कारण ले मुक्ति खातिर अन्न जल आदि सब त्याग कर के अपन देंह के त्याग करथे वोला संथारा करना कहे जाथे.
   -वाह भई.. त वो तीन बछर के नोनी ह ए सब कारण अउ महत्व ल समझे के लायक होगे रिहिस होही जी?
   -असल म वो नोनी ह एक पीरादायी बीमारी ले ग्रसित रिहिसे तेकर सेती उँकर सियान मन एक संत के मार्गदर्शन म संथारा करवाए रिहिन हें.
   -आश्चर्य हे संगी.. हमर धरम परंपरा म तो अइसन बीमारी ल प्रारब्ध भोग मान के वोला भोगत ही जिनगी जीथन.
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-धरम के नॉव म कट्टरता अउ आपसी जलन ह लोगन ल मूर्खता के दलदल म कतेक ढकेल देथे तेकर ठउका उदाहरण अभी बंगलादेश ले आए हे जी भैरा.
   -बंगलादेश म तो वइसे भी अभी धार्मिक उन्माद ह भारी अतलंगी करत हे जी कोंदा.
   -सही कहे संगी, फेर ए खबर ह अउ उजबक बानी के हे..उहाँ के मदारीपुर जिला के आलम मीर कंडी गाँव के बर पेंड़ ल कट्टरपंथी  मन सिरिफ ए सेती काट डरिन काबर ते हिंदू मन वो बर पेंड़ के खाल्ले ह दीया बार के पूजा करँय.
   -वाह भई.. हमर धरम परंपरा म तो तरिया नँदिया, रूख राई, डोंगरी पहार सबोच के पूजा करे जाथे.. ए बात ल धार्मिक आस्था ल छोड़ देबे तभो प्रकृति के संरक्षण के रूप म तो सम्मान दिए ही जा सकथे.
   -हव जी, फेर उहाँ के कट्टरपंथी मौलवी मन वोला 'शिर्क' माने इस्लाम म अल्लाह के संग कोनो अउ ल जोड़े के हराम हरकत बतावत फतवा जारी करे रिहिसे.
   -ए ह तो धार्मिक अंधियारी के जबर उदाहरण आय संगी.
   -सही कहे.. वो बर पेंड़ ह 200 बछर जुन्ना प्राकृतिक विरासत रिहिसे संगी जेकर पूजा अउ दरस बर दुरिहा दुरिहा ले लोगन आवयँ.
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-अपन बेटा ल सरकारी नौकरी म अनुकंपा नियुक्ति देवाय बर वोकर महतारी ह अपने जाँवरजोड़ी ल मरवा डरिस जी भैरा.
   -बड़ा उजबक बानी के खबर बताथस जी कोंदा.
   -हव जी संगी, फेर ए ह हमरे परोस के खबर आय..तिल्दा जगा के बेमता गाँव के राजू भट्ट ह रायपुर मंत्रालय म चपरासी रिहिसे, तेला वोकरे सुवारी रौशनी शर्मा ह अपन मइके के उमाशंकर शर्मा अउ मुकेश शर्मा ल इहाँ बलवा के मरवा डारिस.
   -मोला तो सुने म ही अनफभिक जनावत हे संगी.
   -हव..तिल्दा पुलिस ह ए मामला म मृतक के गोसइन, वोकर बेटा, सास अउ वो दूनों मरइया मनला गिरफ्तार करे हे.
   -ले इही ल दूध गय ते गय संग म दुहना घलो गय कहिथें तइसे कस होगे कहिदे.
   -अउ का.. नौकरिहा आदमी तो मरिच गे.. अनुकंपा के आस लगाय बेटा घलो जेल के भीतर हमागे.. एक किसम ले वो ह राँड़ी के संगे-संग ठगड़ी बरोबर घलो होगे.
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-बैसाख पुन्नी जोहार जी भैरा..
   -जोहार संगी कोंदा.
   -अध्यात्म के रद्दा अबड़ अलकर हे जी संगी.. एक डहार तो तुँहर असन मन देवी-देवता के पूजा-उपासना के गोठ करथव त ए रद्दा म अइसनो लोगन हें, जे मन कोनो देवी-देवता या ईश्वर के कोनो अस्तित्व नइए कहिथें.
   -अपन-अपन ज्ञान अउ अनुभव के बात आय जी संगी.. अब तहीं बता मोला- अतेक विशाल ब्रम्हांड ल कोनो शक्ति तो संचालित करत होही, ते ए सब ह अपने अपन व्यवस्थित रूप म अपन बुता ल करत होहीं? 
   -अपने अपन रेंगतीन.. मनमर्जी ले बुता करतीन तब तो सब छदर-बदर हो जातीस जी संगी.
   -हव.. ठउका कहेस- सब अंते-तंते अउ छदर-बदर हो जातीस, अउ अइसन नइ होवते त एकर मतलब तो ए हे ना के कोनो न कोनो तो सुपर पॉवर हे, जे ह ए सबला  संचालित करत हे.
    -तोर बात तो वाजिब जनाथे संगी.
   -बस.. इही वाजिब ह वो सुपर पॉवर आय, जेला कोनो भगवान कहि देथे त कोनो ईश्वर या गॉड त कोनो रब अउ खुदा या फेर प्रकृति शक्ति.. बस नॉव ल कुछू भी गढ़ लेथें, फेर मानथें सब उही ल.. उही सुपर पॉवर ल.
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-ए बछर छत्तीसगढ़ी व्याकरण ल लिखाय पूरा 140 बछर होगे जी भैरा.
   -एक सौ चालीस बछर जी कोंदा?
   -हव.. बछर 1880 ले बछर 1885 तक वोकर लिखई कारज ल काव्योपाध्याय हीरालाल चंद्रनाहू ह पूरा करे रिहिसे.. माने 1885 म छत्तीसगढ़ी व्याकरण के लेखन कारज ह सिध परगे रिहिसे.
   -अच्छा..
   -हव.. फेर वोकर छपई ह बछर 1890 म छत्तीसगढ़ी अउ अंगरेजी म समिलहा होय रिहिसे.
   -अंगरेजी संग समिलहा?
   -हव जी.. सर जार्ज ग्रियर्सन ह छत्तीसगढ़ी व्याकरण ल अंगरेजी म अनुवाद कर के बछर 1890 म दूनों भाखा म समिलहा छपवाए रिहिसे.. अउ तैं जानथस संगी.. जब छत्तीसगढ़ी व्याकरण छप के आइस वो बखत तक हिंदी के व्याकरण बन नइ पाए रिहिसे.
   -ताज्जुब हे संगी.. हमन तो हिंदी ल जम्मो बुता म अगुवा होही समझत रेहेन.
   -हिंदी के व्याकरण ह बछर 1920 म कामता प्रसाद गुरु के माध्यम ले आइस.
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-घुड़ुर घाड़र के दिन के लकठियाते करा पानी संग गाज गिरे के घलो खबर आए लगे हे जी भैरा.
   -हव जी कोंदा.. चम्मास म कतका जुवर कती मुड़ा ले गरजत बादर ह आके दमोर देही तेकर ठिकाना नइ राहय.
   -बिजुरी लउका के संग गाज गिरे के घटना तो घलो बाढ़ जाथे.. एदे अभीच्चे धमतरी जिला के भाँठागाँव ले खबर आय हे उहाँ रोहित सिन्हा नॉव के तीस बछर के छोकरा के गाज के अभेरा म आए के सेती मौत होगे.
   -अइसन बेरा म मौसम विभाग ह जेन सावधानी के गोठ बताए रहिथे, तेकर खँच्चित चेत राखना चाही संगी.
   -हहो.. फेर आजकाल तो मोबाइल नॉव के एक नवा चरित्तर आगे हे.. जेन ल देख तेकरे खीसा म अमाय रहिथे.
   -हव जी.. अभी रोहित सिन्हा के जेन मौत होय हे वोकरो कारण मोबाइल ल ही बताए गे हावय.. बताथें के गरज चमक के बेरा म वो अपन घर बारी म सेप्टिक बनाय के बुता चलत रिहिसे तेने ल देखत मोबाइल म काकरो संग गोठियावत रिहिसे.
   -अइसने ह तो जउँहर आय.
   -हव.. डॉक्टर के कहना हे के वो बेरा म रोहित के मोबाइल के डाटा माने इंटरनेट चालू रिहिस होही तेकर सेती गाज माने आकाशीय बिजली ह वो डहार आकर्षित होइस होही.
   -अच्छा.. त गरज चमक के बेरा म मोबाइल डाटा ल बंद रखना ह सही होही कहिदे.
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-कतकों झन मोला पूछ देथें जी भैरा के छत्तीसगढ़ी म धन्यवाद कइसे कहिथें?
   -जे मन छत्तीसगढ़ी के परंपरा ल नइ जानँय जी कोंदा ते मन अइसन पूछ देथें.. कोनो कोनो ल इहू भरम होथे के छत्तीसगढ़ी भाखा के शब्दभंडार ह कमती होही तेकर सेती ए भाखा म धन्यवाद शब्द ही नइए.
   -हव जी.. फेर का हे ना..हर भाखा के अपन मौलिक परंपरा होथे, तेकर सेती वोला कोनो आने भाखा संग एकमई कर के नइ देखना चाही.. अउ हो सकय त वो भाखा अउ शब्द ले जुड़े परंपरा ल समझना चाही.. अब हमरे इहाँ देख ले धन्यवाद के सीधा सीधा रूपांतरित शब्द नइए, फेर धन्यवाद दे के परंपरा तो हे..अउ सिरिफ जुच्छा धन्यवाद भर नहीं भलुक संग म शुभकामना घलो दिए जाथे.
   -अच्छा.. अइसे.?
   -हव.. जब कोनो हमर खातिर बने सँहराय के लाइक बुता करथे त कहिथन ना- बने करे बाबू.. भगवान तोर भला करय या तोर जस बाढ़य.. अइसने अउ कतकों  अकन शुभकामना या आशीष घलो संग म देथन.. त अब तहीं बता.. जुच्छा धन्यवाद भर कहे ले हमर परंपरा जेमा आभार व्यक्त करे के संग शुभकामना घलो देथन ए ह जादा मयारुक हवय ते नहीं?
   -सही म संगी.. हमर परंपरा ह जादा निक जनावत हे.
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-पानी-बादर के दिन आइस तहाँ ले साँप-डेड़ू मन के घलो दिन आ जाथे जी भैरा.
   -हव जी कोंदा.. तहाँ ले चारों मुड़ा ले साँप चाबे के खबर आए लगथे.
   -सही आय.. हमर छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला के तो  ए मामला म नागलोक के रूप म प्रसिद्ध हे.
   -पहिली इहाँ अइसन बिखहर जीव मन ले बाँचे खातिर 'नगमत' के परंपरा रिहिसे.. नागपंचमी, हरेली या फेर कोनो कोनो गाँव म पोरा परब म मनाए जाय 'नगमत'  ल.. एमा माँत्रिक शक्ति के माध्यम ले साँप मन के जहर उतारे के विधि म लोगन ल पारंगत तो करे ही जावय संग म साँप आदि बिखहर जीव मनले पूजा सुमरनी कर बाँचे के अरजी  बिनती करे जावय.
   -सही आय संगी.. अभी घलो कतकों गाँव मन म 'नगमत' के परंपरा देखे म आथे.. अच्छा तैं जानथस के सबो किसम के साँप मन जहरीला नइ होय.
   -अच्छा.. अइसे?
   -हव.. हमर देश म 550 किसम के साँप पाए जाथे तेमा के सिरिफ 10 प्रजाति भर मन जहरीला होथें.
   -वाह भई..!
   -हव.. जानकार मन के कहना हे के जादातर मनखे साँप के जहर ले नहीं भलुक वोकर झझक के सेती मरथें.. तेकर सेती साँप के चाबे म फोकटइहा डर्राय के बलदा वोकर उपचार के उदिम करना चाही.
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-लोगन कोनो किसम के भावना म बोहा के साधु बैरागी के भेस तो खाप लेथें जी भैरा फेर अइसे जनाथे के वो मन घर-परिवार के माया लोक ले उबर नइ पावँय.
   -कतकों लोगन तो सिरिफ देखाय के खातिर ही सँवागा करे जनाथें जी कोंदा.. जबकि सही म जेकर भीतर साधुता या कहिन अध्यात्म के लगन लग जाथे वोला कोनो किसम के सँवागा खापे के जरूरत नइ परय.. वो आम आदमी के पहनावा म ही मुक्ति के रद्दा पा जाथे.
   -सही आय जी.. अंतस म अध्यात्म के भाव रहना चाही.. कपड़ा-लत्ता या साज-सँवागा म नहीं.
   -हव.. अभी खरोरा ले खबर आए हे.. उहाँ के 74 बछर के बिसरू धीवर ह जेन पाछू बीस बछर ले साधु के चोला खापे अयोध्या म राहत रिहिसे.. उहाँ ले  लहुट के वापिस आइस अउ अपन 71 बछर के सुवारी के टोटा ल मसक के मार डरिस.
   -वाह भई.. माने वो ह अपन डोकरी ल मारेच के नॉव म अयोध्या ले लहुटे रिहिसे कहिदे.
   -कोन जनी संगी.. 74 बछर के  साधु चोला खापे बुढ़वा ल अपन 71 बछर के डोकरी म का जिनिस नइ सुहाइस ते.?
   -बताथें के वो ह अपन सुवारी के जुन्ना बेरा के चाल-चलन के सेती झगरा करय.
   -टार बुजा ल.. साधु चोला खापे मनखे ल जुन्ना दिन के का सरेखा?
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-ए बछर नवतपा के शुरुआत ह  अँकरस के जबर बरसा संग होय हे जी भैरा.
   -हव जी कोंदा.. जेठ म झड़ी -झखर बरोबर.. फेर मौसम ह जिहाँ घुरूर घारर करथे यहाँ ले शरीर ह घलो खुसुर खासर करे लागथे.
   - बिहनिया रगरग ले घाम त सँझौती के होवत ले रदरद रदरद पानी.. अइसन म हमर सियाना देंह कतेक ले थेबही.. बपरा एती-तेती हो जाथे.
   -नान्हे लइका मन के देंह-पाँव ल जान ते सियनहा मन के दूनों च ल अइसन बेरा म सावचेत राखे ल परथे.
   -हव जी.. डॉक्टर मन के कहना हे- ए बेरा म इम्युनिटी पॉवर बढ़ाय बर पोषण तत्व लेवत रहना चाही.. नान्हे लइका मनला हर दू घंटा म पोषण तत्व देना चाही त सियनहा मनला गिलोय, करिया मरीच, दालचीनी, अदरक अउ गुड़ ले बनाय काढ़ा के सेवन करना चाही.
   -सही आय जी.. हीमोग्लोबिन के स्तर ल अइसन बेरा म बढ़ाय खातिर गहूँ के रोटी के बलदा मोटहा अनाज जेला मिलेट कहिथन न.. तेकर रोटी दे म पाचुक बने होए संग म इम्युनिटी घलो ल बढ़ाथे.
   -इम्युनिटी पॉवर बढ़ाय बर मौसमी फल अउ साग-भाजी घलो बनेच खाना चाही.
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-अभी दूअर्थी गीत गवइया मन के खिलाफ लइका मन बने जोम मढ़ाए हें जी भैरा.
   -हव जी कोंदा महूँ ल खबर मिले हे.. थाना म उँकर नॉव सुद्धा रिपोर्ट करे हे काहत रिहिन हें.
   -ए दूअर्थी चरित्तर ह बैतलराम साहू, पंचराम मिर्झा, शिवकुमार तिवारी, दिलीप लहरिया आदि मन ले होवत अभी के नेवरिया गायक मन तक हबरे हे.
   -बीच म जब विडीयो फिलिम के दौर चलत रिहिसे तभो तो समधिन के झटका, मोर डौकी के बिहाव जइसन टाइटल देखे सुने ले मिलत रिहिसे संगी.
   -मोला ए समझ नइ आवय संगी के लोगन अलकर-सलकर गा बजा के कइसे लोकप्रिय हो जाबो गुन लेथें?
   -सही कहे.. जबकि आज घलो चंदैनी गोंदा, नवा बिहान, सोनहा बिहान जइसन सांस्कृतिक मंच के गीत मन अजर अमर बरोबर सबके मया अउ दुलार पावत हे, तब लोगन अइसन मयारुक गीत-संगीत डहार काबर चेत नइ करँय?
   -लोगन के कहना हे के ए मनला व्यावसायिक कंपनी वाले मन लंदर-फंदर गाए बजाए बर सोरियाथें.
    -असल म जइसे केंद्र म फिल्म प्रमाणन बोर्ड हावय न वइसने इहाँ घलो ए सब के देख-रेख बर एको बोर्ड या निगम के गठन करे जाना चाही, जेमा मंच म प्रस्तुत होवइया हर विधा के सरेखा होवय.
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-हमन गँवई गाँव म डोकरी ढाकरी मनला कतकों किसम के टोटका करत देखे रेहेन जी भैरा फेर शहर म घलो देव-धरम के नॉव म टोटका करत देखेन त ताज्जुब लागीस!
   -कइसे का होगे जी कोंदा?
   -बीते अमावस के शनि महराज के जयंती रिहिसे न त रायपुर के जम्मो शनि मंदिर मन म ए दिन भक्त मन के जबर भीड़ रिहिसे.
   -रहिबे करही जी.. जे मनला शनि ग्रह के कोनो किसम के दोष लगे रहिथे ते मन तो ए दिन जरूर जाथें.
   -हव जी.. लोगन तेल अउ तिली संग शनि महराज के अभिषेक करीन.. कतकों विधि ले पूजा अर्चना करीन.. दान पुन्न करीन.. इहाँ तक तो बने जनाइस, फेर मंदिर ले लहुटती बेर कतकों लोगन अपन पनही अउ चप्पल ल उहें छोड़ दिन तेने ह मोला थोकिन अलकर जनाइस.
   -अच्छा.. मंदिरे म पनही चप्पल ल छोड़ दिन जी?
   -हव जी.. चूरी लाईन वाले जुन्ना शनिदेव मंदिर के पुजारी ह बतावत रिहिसे के हजार दू हजार के पुरती पनही चप्पल उहाँ परे हे जेला कोनो मेर के घुरुवा म फेंकवाय के व्यवस्था अब उही ल करे बर लागही.. पुजारी बतावत रिहिसे के लोगन पनही चप्पल ल मंदिर म छोड़े के टोटका ल ए सेती करथें के एकर ले उनला लगे शनि के दोष ह उहें छूट जाही अउ वो मन वो दोष ले मुक्त हो जाहीं.
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