Tuesday 5 November 2013

मड़ई-मेला का पर्व प्रारंभ...

छत्तीसगढ़ में कार्तिक शुक्ल द्वितीया को *मातर* का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व में मड़ई जगाने (उठाने या मनाने)) का भी कार्य संपन्न किया जाता है, और फिर इसी के साथ प्रारंभ हो जाती है लगातार करीब तीन महीनों तक चलने वाली मड़ई-मेला की अटूट श्रृंखला, जो महाशिवरात्रि में जाकर संपन्न होती है। मड़ई-मेला का अयोजन यहां के प्राय: सभी गांवों में किसी न किसी रूप में अवश्य मनाया जाता है। लेकिन यहां की पवित्र नदी, नाले और जलाशयों के किनारे स्थित सिद्ध शिव स्थलों पर भरने वाला विशेष मेला लोकआस्था के साथ ही साथ उनके मंगल-उत्साह का भी प्रतीक होता है। ऐसे बड़े मेलों का आयोजन कार्तिक पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि के बीच आने वाली विशेष तिथियों पर होता है।

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