महर-महर महके अमराई,
फागुन के संदेशा ले के
बारी म कुहके कारी कोइली,
सजन के संदेशा ले के.....
कतका बसंत बीत गे हे जोंही,
देखत तोर रद्दा हो जाथंव बही
अब तो सगुन संग भेज दे पाती,
गवन के संदेशा ले के.......
लाली परसा सहीं मोरो छाती दहकथे
अंग-अंग जनाथे जइसे मउहा महकथे
तैं तो जुड़वास के जोंग ल जमा दे,
मिलन के संदेशा दे के... ...
सुशील भोले
म.नं. 54-191, डॉ. बघेल गली,
संजय नगर (टिकरापारा) रायपुर (छ.ग.)
मोबा. नं. 080853-05931, 098269-92811
ईमेल - sushilbhole2@gmail.com


रस्ता देखत रहेंव बरिस भर कैसे वोला बिदारौं मैं
ReplyDelete'शकुन' तैन पहुना ल परघा ले ठाढे हावय दुवारी म।
दार-भात म करा ह पर गे फागुन खडे दुवारी म ॥
धन्यवाद दीदी
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