Tuesday 18 February 2014

लोमश ऋषि आश्रम ..


छत्तीसगढ़ के प्रयाग के नाम से विख्यात प्रसिद्ध धर्म नगरी राजिम के त्रिवेणी संगम पर स्थित लोमश ऋषि आश्रम को आदिकाल से ऋषि-मुनियों के साधना स्थल के रूप में पहचाना जाता है।
ऐसा भी कहा जाता है कि वनवास काल में भगवान राम भी यहां सीता और लक्ष्मण के साथ ठहरे हुए थे। उसी दौरान महानदी, पैरी नदी और सोंढूर नदी के  त्रिवेणी संगम के बीचों-बीच स्थित कुलेश्वर महादेव की स्थापना सीता ने अपने हाथों से की थी।
आज भी लोमश ऋषि का यह आश्रम लोगों को तप-साधना के लिए प्रेरित करता है। यहां का शांत वातावरण मन में शांति और सुकुन पैदा करता है।  

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