Wednesday 9 July 2014

बजट बजा दिस बाजा...


















अच्छे दिनों के आस म ठउका बनगे हावय राजा
फेर सवा सेर भाजी ल देथे अउ सवा सेर खाजा
बड़का मन के बकबकी होगे, छोटे के गर म घांटा
बजट बजा दिस बाजा संगी, बजट बजा दिस बाजा
                                        * सुशील भोले *

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